IPS यादव ने इंजीनियरिंग अनुभव के सहारे अल्प समय में खोली कई मर्डर मिस्ट्री

पुलिस की प्रभावी पैरवी के चलते इस वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी अजय भाटी को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी

Update: 2024-05-30 11:59 GMT

गाजियाबाद। तेजतर्रार आईपीएस अफसर विवेक चन्द्र यादव गाजियाबाद जिले में डीसीपी ग्रामीण के पद पर तैनात हैं। यूं तो आईपीएस अफसर विवेक चन्द्र यादव ने कई बड़ी घटनाओं का खुलासा किया है लेकिन खोजी न्यूज आपका गाजियाबाद कमिश्नरेट के ग्रामीण क्षेत्र में हुए कुछ ब्लाइंड मर्डर से रूबरू कराता है। इन ब्लाइंड मर्डर को ओपन करने में आईपीएस अफसर विवेक चन्द्र यादव का कैमिकल इंजीनियर का अनुभव भी काम आया। कैमिकल का इस्तेमाल कर खून के धब्बों को उजागर कर घटना खोलने में आईपीएस अफसर विवेक चन्द्र यादव को सफलता प्राप्त हुई। 8 मई 2024 को हुए मां-बेटे के डबल मर्डर का आईपीएस विवेक चन्द्र यादव ने सिर्फ ढ़ाई घंटे में खुलासा किया। इस खुलासे में भी आईपीएस अफसर द्वारा कैमिकल इंजीनियर के अनुभव ने मां-बेटे के इस डबल मर्डर के खुलासे को आसान बनाया। इतना ही नहीं 12 मार्च 2023 को चार वर्षीय बच्ची की मर्डर मिस्ट्री को भी आईपीएस अफसर विवेक चन्द्र यादव ने कैमिकल का इस्तेमाल कर अल्प समय में ही घटना को ओपन किया था, जिसमें बच्ची के साथ गलत कर हत्या करने वाला सोतेला पिता ही निकला था। गाजियाबाद पुलिस की प्रभावी पैरवी के चलते इस वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी अजय भाटी को उम्रकैद और उसके साथी को भी अल्प समय में अदालत ने सजा सुनाई थी। मेरठ में जब आईपीएस अफसर विवेक चन्द्र यादव सीओ ब्रहमपुरी के रूप में कार्य कर रहे थे। इसी दौरान एक दम्पत्ति का ब्लाइंड मर्डर हुआ तो इस डबल मर्डर का भी चंद वक्त में ही भंडाफोड़ कर आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। गाजियाबाद कमिश्नरेट में डीसीपी ग्रामीण व साल 2019 बैच के आईपीएस अफसर विवेक चन्द्र द्वारा किये गये ब्लाइंड मर्डर के खुलासों पर पेश है खोजी न्यूज की स्पेशल रिपोर्ट...

गौरतलब है कि 8 मई 2024 को गाजियाबाद की थाना लोनी बॉर्डर पुलिस को डायल 112 से सूचना प्राप्त हुई कि थाना क्षेत्र की गुलाब वाटिका कॉलोनी में डबल मर्डर हुआ है। इसकी सूचना पाकर थाना लोनी बॉर्डर पुलिस मौके पर पहुंची और फील्ड यूनिट टीम को भी मौके पर बुलाया। डबल मर्डर की सूचना पाते ही डीसीपी ग्रामीण विवेक चन्द्र यादव भी मौके पर पहुंचे तो वहां 65 वर्षीय मां यशोदा और 35 वर्षीय बेटा बिजेन्द्र का शव खून से लथपथ कमरे में पड़ा हुआ था। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भिजवा दिया था। डीसीपी ग्रामीण अपने पुलिस टीम के साथ घटनास्थल का जायला ले रहे थे कि उनके हाथों कुछ सुराग लग जाये लेकिन किसी के कोई सुराग हाथ नहीं लग रहा था। घटनास्थल के जायजे के बीच ही जैसे ही डीसीपी ग्रामीण विवेक चन्द्र यादव को सांकेतिक खून के धब्बे दिखाई दिये तो उन्होंने वॉशरूम में कैमिकल डाला, जिससे उन्हें सुराग मिलने प्रांरभ हो गये और भी कई पॉइंट पर काम करते हुए आईपीएस विवेक चन्द्र यादव ने करीब ढ़ाई घंटे में ही इस ब्लाईंड मर्डर की पोल खोल दी। इस डबल मर्डर का कातिल मृतका यशोदा का बड़ा बेटा धर्मेंद्र निकला।

गहनता से की गई पुलिस पूछताछ में डबल मर्डर के आरोपी धर्मेन्द्र ने बताया कि साहब मेरे ऊपर करीब डेढ़ लाख रूपये का कर्जा था। मैंने तीन दिन पहले अपनी मां से पैसे मांगे थे तो मेरी मां ने मुझे पैसे देने से साफ मना कर दिया था, जिस बात से मैं कुंठित था। मेरी मां मेरे भाईयों की तरफदारी करती थी, उन्हीं को पैसे देती थी, मुझे एक भी पैसे की मदद नहीं करती थी। कल रात को मैंने शराब पी उसके बाद मैं अपने घर की छत से चारपाई का लकड़ी का पाया उठाकर लाया और घर में प्रथम तल पर मां के कमरे में जाकर मां के सिर पर लकड़ी के पाए से कई प्रहार किये। इसी बीच आवाज सुनकर छोटा भाई बिजेन्द्र उर्फ लाला जो मानसिक रूप से दिव्यांग था, की आंख खुली तो मैंने उसका भी मर्डर कर दिया। डबल मर्डर के आरोपी धर्मेन्द के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उसे जेल भेज दिया है।


ज्ञात हो कि थाना टीला मोड़ पुलिस को 12 मार्च 2023 को सूचना प्राप्त हुई थी कि करीब 4 वर्षीय बच्ची का शव सुनसान इलाके में पड़ा हुआ है। डीसीपी ग्रामीण विवेक चन्द्र यादव अपनी कई अधीनस्थ टीमों के साथ मिलकर हत्याकांड के पर्दाफाश के लिये लग गये। डीसीपी ग्रामीण विवेक चन्द्र यादव ने चार साल की इस बच्ची के ब्लाइंड मर्डर का अल्प समय में ही पर्दाफाश किया, जिसमें पता चला कि मृतक बच्ची के पिता की कुछ समय पहले मौत हो गई थी और उसकी मां का मानसिक संतुलन खराब हो गया था। ऐसे में बच्ची बेसहारा हो गई थी, जिसके बाद उस 4 वर्षीय बच्ची को पड़ोस में रहने वाले अजय भाटी की पत्नी ने उसे गोद ले लिया था। बताया गया कि अजय भाटी की पत्नी मृतक बच्ची के पिता को मुंह बोला भाई बोलती थी। आरोपी अजय भाटी 4 वर्षीय बच्ची पर गलत नजर रखता था। 11 मार्च को जब अजय भाटी की पत्नी बाहर गई तो उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। बच्ची रोने लगी और चिल्लाने लगी तो उसे बेरहमी से पीटा और उसके खून भी निकल गया था, जो फर्श पर गिरा था। इसके बाद अजय भाटी ने बच्ची की गला घोंटकर हत्या कर बच्ची के शव को अपने घर में ही छुपाकर रख लिया। इसके बाद उसने 12 मार्च 2023 को अपने एक दोस्त नीरज यादव के साथ मिलकर बच्ची के शव को जंगल में फेंक दिया। इसके बाद गली में आकर शोर मचाया कि बच्ची का अपहरण हो गया है। पुलिस ने कॉलोनी के सीसीटीवी फुटेज देखे तो बच्ची दिखाई नहीं दी। पुलिस को उस पर शक न हो इसलिए आरोपी खुद ही पुलिस के साथ मिलकर बच्ची को ढूंढने का नाटक करता रहा। डीसीपी ग्रामीण विवेक चन्द्र यादव ने एक कैमिकल का इस्तेमाल कर अजय भाटी के घर में मिले खून के धब्बो के आधार पर सख्ती से पूछताछ की गई तो अजय भाटी ने जुर्म स्वीकार कर लिया था। पुलिस ने गिरफ्तार किये गये आरोपी अजय भाटी और नीरज यादव को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया।

पोक्सो कोर्ट के न्यायाधीश चार साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या के दोषी अजय भाटी को बृहस्पतिवार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बच्ची का शव ठिकाने लगाने में उसका सहयोग करने वाले उसके दोस्त नीरज को दो साल कारावास की सजा सुनाई थी। इस मामले में इंसाफ दिलाने में पहले पुलिस और फिर कोर्ट ने तेजी दिखाई। जहां पुलिस ने सिर्फ 17 दिन में गवाह और सुबूत जुटाकर 56 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था तो वहीं अदालत ने भी सिर्फ 58 दिन में सुनवाई पूरी कर फैसला सुनकर उन्हें सजा सुनाई थी।

गौरतलब है कि 20 सितम्बर 2021 को दिन निकलते ही ब्रह्मपुरी क्षेत्र मे एक दम्पत्ति आबाद और जुबैदा की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई थी। तत्कालीन ब्रह्मपुरी क्षेत्राधिकारी विवेक चन्द्र यादव डबल मर्डर के इस खुलासे के लिये अपनी टीम के साथ जुट गये और 24 घंटे के भीतर घटना का पर्दाफाश कर घटना करके फरार हुए आरोपी समीर को गिरफ्तार किया था। पुलिस द्वारा की गई कड़ी पूछताछ में आरोपी समीर द्वारा बताया गया था कि उसके और मृतका जुबैदा के लगभग दो साल पहले मृतका जुबैदा से अवैध सम्बंध हो गये, जिसके बाद वह उसके घर आने-जाने लगा था। आरोपी आशिकी के चक्कर में पड़कर जुबैदा और उसके पति का खर्चा भी उठाने लगा था लेकिन लाखों रूपये खर्च करने के बाद उसे पता चला कि जुबैदा कई और लोगों से भी सम्बंध रख रही है, जिसमें उसका पति भी उसका साथ दे रहा है। यही बात आरोपी समीर को अच्छी नहीं लगी, जिसके बाद उसने जुबैदा का समझाने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं मानी। इसके बाद आरोपी समीर ने उनके मर्डर की योजना बनाई। पहले तो समीर ने घर में शराब और मुर्गा पार्टी की, रात में सभी के सोते ही उसने पहले आबाद का कत्ल किया और फिर जुबैदा की गर्दन रेतकर मौत के घाट उतार दिया था।

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