सम्पत्ति से बेदखल किया, तो करा दी बाप की हत्या

हरियाखेड़ा के जंगल से मिले अधजले शव की घटना का पटाक्षेप करते हुए पुलिस ने चौकाने वाला खुलासा किया है।

Update: 2021-02-24 13:23 GMT

बागपत। हरियाखेड़ा के जंगल से मिले अधजले शव की घटना का पटाक्षेप करते हुए पुलिस ने चौकाने वाला खुलासा किया है। पुलिस ने इस मामले में मृतक के पुत्र व उसके दोस्त को अरेस्ट किया है। मृतक के पुत्र ने बताया कि उसके पिता ने उसे अपनी सम्पत्ति से बेदखल कर दिया था। इससे वह नाराज था। इसी के चलते उसने अपने दोस्त के साथ मिलकर पिता की हत्या की योजना बनाई थी। 

विगत दिवस जगपाल सिंह पुत्र भान सिंह निवासी मौहल्ला कानूनगोयान कस्बा व थाना कनौज ने बागपत के बालैनी थाने पर तहरीर दी थी। तहरीर में उसने बताया था कि 20 फरवरी की सायं लगभग 6 बजे उसके भाई सुदेश राठौर निवासी निवासी गुलाब वाटिका थाना लोनी बार्डर जनपद गाजियाबाद की हत्या कर दी गई है और शव को अधजली अवस्था में ओमपाल की ट्यूबवेल पर गांव हरियाखेड़ा में फेंक दिया गया है। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी थी। इस मामले में आज पुलिस ने मुखबिर की सूचना के आधार पर दो आरोपियों संजय यादव पुत्र इन्द्रराज सिंह निवासी ग्राम फुलेरा थाना चांदीनगर जनपद बागपत हाल निवासी गली नम्बर-4 गंगा विहार थाना गोकुलपुरी दिल्ली, नितिन राठौर पुत्र सुरेष राठौर निवासी गली नम्बर-14 गुलाब वाटिका थाना लोनी बार्डर जनपद गाजियाबाद को गांव हरियाखेड़ा से अरेस्ट कर लिया।

पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त मफलर, घटना में प्रयुक्त बाईक, मृतक की पत्नी का राशन कार्ड, मृतक की बैंक पासबुक, मृतक के आईडी कार्ड की छायाप्रति बरामद की है। आरोपी संजय ने पूछताछ पर बताया कि उसके दोस्त नितिन राठौर के पिता मृतक सुरेश राठौर ने उससे लगभग सात माह पूर्व 1.10 लाख रुपये उधार लिये थे। बार-बार मांगे जाने पर भी उन्हें रुपये नहीं लौटाये जा रहे थे। उसने बताया कि 20 फरवरी को वह सुरेश राठौर को लोन दिलवाने का लालच देकर दलाल से मिलवाने के नाम पर गुलाब वाटिका थाना लोनी बाॅर्डर से निकला था। रास्ते में उसने शराब की बोतल खरीद ली थी और सुरेश को ग्राम कहरका-मुकारी के रास्ते बालैनी लेकर आया था। रास्ते में दोनों शराब पीते हुए आये थे। सुरेश को उसने ज्यादा शराब पिला दी थी और बालैनी पहुंचते-पहुंचते सुरेश पूरी तरह से नशे में हो गया था। इसका फायदा उठाकर वह सुरेश को हरियाखेड़ा गांव के जंगल में अपने मामा ओमपाल पुत्र लोथीराम की ट्यूबवैल पर लेकर गया। वहां उसने सुरेश से रुपये वापिस मांगे, तो उसने रुपये देने से मना कर दिया और कहा कि जिस काम के लिए लाया है, वह काम कराओ।

इस पर उसे गुस्सा हा गया और उसने मफलर से सुरेश का गला घोटकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद उसने पेट्रोल सुरेश के ऊपर छिड़क दिया और आग लगा दी। उसने बताया कि यह पूरा षड्यंत्र मृतक सुरेश के बेटे नितिन राठौर ने रचा था। पकड़े गये मृतक के पुत्र नितिन ने बताया कि उसके पिता सुरेश ने उसे सम्पत्ति से बेदखल कर दिया था। पूर्व में ही उसकी मां की भी मृत्यु हो चुकी है। उसने बताया कि पिता को बहला-फुसलाकर उसने मकान की पावर आफ अटोर्नी अपने नाम करा ली थी, फिर भी सुरेश उसे मकान में नहीं आने देता था।

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