ट्विटर पर शिकंजा-पोक्सो और IT के तहत FIR-दिल्ली पुलिस ने किया केस दर्ज

सरकार के साथ दो-दो हाथ करने में लगे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के खिलाफ दिल्ली पुलिस की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया है

Update: 2021-06-29 13:28 GMT

नई दिल्ली। अपनी अजीबोगरीब कार्यशैली को लेकर भारत सरकार के साथ दो-दो हाथ करने में लगे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के खिलाफ दिल्ली पुलिस की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया है। कभी भारत के नक्शे से लद्दाख और कश्मीर को अलग दिखाने तो कभी वायरल वीडियो पर एफआईआर का सामना करने वाले ट्विटर के खिलाफ दिल्ली पुलिस में चाइल्ड पॉर्नोग्राफी के मामले को लेकर नया मुकदमा दर्ज किया है।

मंगलवार को दिल्ली पुलिस की ओर से ट्विटर के खिलाफ आईटी एक्ट एवं पॉक्सो एक्ट के तहत केस दायर किया गया है। दरअसल राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की ओर से ट्विटर पर चाइल्ड पॉर्नोग्राफी कंटेंट होने की शिकायत की गई थी। इसी के आधार पर दिल्ली पुलिस की ओर से टिवटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। अब इस मामले में भी ट्विटर के अधिकारियों से कभी भी पूछताछ की जा सकती है। इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने गाजियाबाद में एक मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई के वीडियो को सांप्रदायिक दिशा देने के मामले में ट्विटर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया है। गौरतलब है कि 24 जून को ट्विटर के इंडिया महाप्रबंधक मनीष माहेश्वरी के प्रार्थना पत्र पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने गाजियाबाद पुलिस की ओर से कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। इस बीच कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक बार फिर से इस मामले की सुनवाई करते हुए अगली तारीख 5 जुलाई निर्धारित की है। गाजियाबाद पुलिस ने ट्विटर के एमडी से व्यक्तिगत तौर पर थाने में पेश होकर पूछताछ में शामिल होने के लिए कहा है। वही मनीष माहेश्वरी का कहना है कि वह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पूछताछ के लिए तैयार हैं। गाजियाबाद पुलिस की ओर से व्यक्तिगत नीति के नोटिस के खिलाफ भी मनीष महेश्वरी ने कर्नाटक हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। उल्लेखनीय है कि भारत में बीते माह की 26 मई से नए आईटी कानून लागू हुए हैं। इन नियमों को लागू न करने के चलते ट्विटर को मिल रही लीगल इम्यूनिटी अब समाप्त हो गई है। इसके बाद यह पहला मौका था जब गाजियाबाद पुलिस ने ट्विटर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। बीते कई दिनों से ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच टकराव की स्थिति बन रही है। ट्विटर का कहना है कि नए नियम प्राइवेसी और अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन करते हैं। उधर केंद्र सरकार का कहना है कि लागू किए गए नए नियमों से सोशल मीडिया के आम यूजर्स के अधिकारों का संरक्षण हो सकेगा।

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