असलम ठेकेदार और उसके भाई पर शाहपुर थाने में दर्ज हुई धोखाधड़ी की FIR
कसेरवा गांव के रहने वाले और अब गाजियाबाद में रह रहे असलम ठेकेदार के खिलाफ शाहपुर थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ
मुजफ्फरनगर। शाहपुर मंसूरपुर रोड पर बन रहे अस्पताल के निर्माण के लिए ठेका लेने वाले असलम ठेकेदार और उसके भाई साबिर अली पर निर्माण कार्य पूरा न करते हुए एवं धोखाधड़ी करते हुए जहां फर्जी तरीके से बिल काट कर अस्पताल प्रबंधन को धमकी देने के आरोप पर शाहपुर थाने पर मुकदमा पंजीकृत हो गया है। भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि असलम ठेकेदार की परिवार के कुछ लोगों पर विभिन्न थानों में अपराधिक मामले भी दर्ज हैं। इसके भाई मकसूद पुत्र इलियास के खिलाफ नकली नोट का कारोबार करने तथा अन्य मुकदमों को लेकर साल 2015 में मुज़फ्फरनगर के थाना नई मंडी थाने से गैंगस्टर के तहत भी कार्रवाई हो चुकी है।
शाहपुर थाने पर पंजीकृत हुई एफआईआर के मुताबिक मुकदमे के वादी डॉक्टर जुनैद ने एमजे एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट बनाते हुए मुजफ्फरनगर जनपद के कस्बा शाहपुर मंसूरपुर रोड पर एक अस्पताल के निर्माण के लिए तैयारी शुरू कर दी थी। ट्रस्ट को अस्पताल के निर्माण के लिए ठेकेदार की आवश्यकता थी। इसी बीच ट्रस्ट के डायरेक्टर डॉक्टर जुनैद के दोस्त मोहम्मद फ़ैज़ निवासी सोरम थाना शाहपुर ने उनसे असलम पुत्र इलियास निवासी गांव कसेरवा थाना शाहपुर, जनपद मुजफ्फरनगर, हाल निवासी G 5 सेक्टर डी 1 ट्रॉनिका सिटी जनपद गाजियाबाद से जुनैद के आवास कस्बा शाहपुर में मिलवाया और कहा कि यह अपने ही समाज से हैं तथा नोएडा एंव दिल्ली में बड़ी ठेकेदारी करते हैं। थाने पर दर्ज एफआईआर में डॉक्टर जुनैद ने बताया कि असलम ठेकेदार के साथ 100 रुपये के स्टांप पेपर पर एक एग्रीमेंट साइन किया। जिसमें 875 रुपए प्रति वर्ग फुट के हिसाब से लेंटर , 925 प्रति वर्ग फुट के हिसाब से बेसमेंट के निर्माण सहित कई अन्य शर्ते शामिल थी।
बताया जाता है कि लिखित में एग्रीमेंट के बाद असलम से डॉक्टर जुनेद की बात हुई कि 2 साल में वह पूरे अस्पताल का निर्माण करके उन्हें दे देगा, क्योंकि जुनैद ने असलम को बताया था कि मुझे इस प्रोजेक्ट को जल्दी पूरा करना है ताकि मैं इसे जल्द से जल्द शुरुआत कर सकूं ।
थाने पर दर्ज मुकदमे के मुताबिक अवगत कराना है कि मार्च 2021 तक जब असलम ने बिल्डिंग को तैयार नहीं किया तो डॉक्टर जुनैद ने असलम ठेकेदार से कहा कि तुम मेरा निर्माण कार्य अधर में लटकाए हुए हो या तो मेरा काम पूरा करो नहीं तो हिसाब कर लो । दिनांक 4 अप्रैल 2021 को डॉ जुनैद, असलम ठेकेदार, डॉक्टर अब्बास, नफासत खान, परवेज एडवोकेट, इंजीनियर इरफान, इंजीनियर हनीफ, इंजीनियर नौशाद के बीच बैठकर दोनों का फैसला हुआ। जिसमें असलम की तरफ प्रार्थी के 1 करोड़ 70 लाख 45 हजार रुपये निकले । इस हिसाब को कच्चा तैयार कर लिया गया था फिर असलम ने कहा कि मैं कुछ दिन बाद आपके रुपए लौटा दूंगा।
गौरतलब है कि इसके बाद डॉक्टर जुनेद पेटी ठेकेदार से अपना काम कराने लगा। तय सीमा तक जब असलम ने पैसे वापस नहीं लौट आए तो डॉक्टर जुनैद ने असलम को बुलाकर अपने रुपए वापस मांगे। इस पर असलम ने दोबारा हिसाब करने की बात कही। दोबारा फिर से डॉक्टर जुनैद , असलम ठेकेदार, डॉक्टर अब्बास, नफासत खान, परवेज एडवोकेट, इंजीनियर इरफान, इंजीनियर हनीफ, इंजीनियर नौशाद बैठ गए। जिस पर असलम ने कहा की मैं आपकी बिल्डिंग का काम पूरा करके दे दूंगा, आप थोड़ा सा रेट बढ़ा लो। डॉक्टर जुनैद को चूंकि अपने निर्माण कार्य को जल्दी पूरा करना था इसलिए सब लोगों की सहमति से 150 प्रति वर्ग फुट के हिसाब से रेट बढ़ा दिए गए। अब निर्माण कार्य 1025 रुपये प्रति वर्ग फीट के हिसाब से तय हो गया था ।
क्योंकि डॉक्टर जुनैद से असलम ठेकेदार ने वादा किया था कि 1 महीने में वह उसके बिल्डिंग का लेंटर डाल कर हिसाब कर लेगा। उसके बाद भी असलम ने निर्माण कार्य शुरू नहीं किया और लगातार काम को टालता रहा। निर्माण कार्य अधूरा होने के चक्कर में अस्पताल चलाने के लिए बहुत सारी प्रक्रिया रुक गई। जिस से डॉक्टर जुनैद को बैंक का ब्याज लगातार देना पड़ता रहा।
इसके बाद फिर असलम ठेकेदार ने हाजी फ़ैज़ के माध्यम से फिर से हिसाब की बात कही। मोहम्मद फैज के कहने से प्रार्थी ने उसको अपने प्रोजेक्ट का ठेका दिया था क्योंकि फैज़ सऊदी अरब में रहकर नौकरी करते हैं, इसीलिए दोनों पंचायत में वह भी मौजूद नहीं थे। इसके बाद असलम ठेकेदार ने तीसरी बार 31 मार्च 2022 को प्रार्थी के ही निर्माणाधीन प्रोजेक्ट पर बैठकर हिसाब की बात कही। जिसमें पहले की तरह डॉक्टर जुनैद, असलम ठेकेदार, नफासत खान, परवेज एडवोकेट, इंजीनियर इरफान, इंजीनियर हनीफ, इंजीनियर नौशाद, डॉ सलीम और मोहम्मद फैज फैसले में बैठ गए।
गौरतलब है कि शाम के समय शुरू हुई इस मीटिंग में 1 अप्रैल की सुबह तक जाकर फैसला हुआ। इस बार फैसला लिखित में हुआ जिस पर पंचायत में मौजूद सभी लोगों के साथ-साथ असलम ठेकेदार के भी हस्ताक्षर हुए। इस फैसले नामे के अनुसार असलम ठेकेदार पर डॉक्टर जुनैद के लगभग एक करोड़ 50 लाख रूपए निकले। जिसको उसने 1 मई 2022 को देने का वादा किया। इसके बाद असलम के मन में बद नियति आ गई और उसने डॉक्टर जुनैद को रुपए लौटाने से मना कर दिया।
एफआईआर में डॉक्टर जुनैद ने आरोप लगाया कि असलम ठेकेदार ने पिछले डेढ़ वर्ष से उनके के हॉस्पिटल में कोई भी कार्य नहीं किया है। इसी बीच खुद को फंसता देख असलम ठेकेदार ने अस्पताल के निर्माण के बिल संख्या 257 दिनांक 4 जनवरी 2022, कुल रकम 24 लाख 78000 रुपए, बिल नंबर 258, दिनांक 15 जनवरी 2022 कुल रकम 17 लाख 70 हजार, बिल नंबर 259 दिनांक 23 जनवरी 2022, कुल रकम 23 लाख 1000 रुपये, बिल संख्या 260 दिनांक 3 फरवरी 2022 कुल रकम 24 लाख 78 हजार, बिल संख्या 261 दिनांक 10 फरवरी 202,2 कुल रकम 29 लाख 61 हजार 800 रुपये, बिल संख्या 262 दिनांक 18 फरवरी 2022, कुल रकम 17 लाख 70 हजार रुपये, बिल संख्या 263 दिनांक 25 फरवरी 2022 कुल रकम 20 लाख 65 हजार, बिल संख्या 265 दिनांक 5 मार्च 2022, कुल रकम 47 लाख 24 हजार 720 रुपये, बिल संख्या 266 दिनांक 15 मार्च 2022 कुल रकम 34 लाख 51 हजार 500 रुपये, बिल संख्या 267 दिनांक 26 मार्च 2022 कुल रकम 24 लाख 54 हजार 400 रुपये के कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर प्रार्थी की रकम हड़पने के लिए लगातार फर्जी बिल काट दिए।
इसके साथ ही असलम ठेकेदार उसके भाई साबिर अली ने प्रार्थी के साथ धोखाधड़ी करने की नीयत से बिल नम्बर 212 दिनांक 20 नवंबर 2019 रकम 23 लाख 81 हजार 240 रुपये तथा बिल नम्बर 222 दिनांक 3 फरवरी 2020 कुल रकम 5 लाख 31 हजार पर प्रार्थी के फर्जी हस्ताक्षर करते हुए तथा अस्पताल से चोरी की गई मोहर लगाते हुए यह कूटरचित बिल काट दिए।
गौरतलब है कि असलम ठेकेदार ने प्रार्थी के अस्पताल का निर्माण का काम जानबूझकर अधूरा छोड़ा हुआ है। असलम ठेकेदार के इस रवैया के कारण डॉक्टर जुनैद के ट्रस्ट पर बैंक लोन की किस्तों का दबाव बना हुआ है। उसे प्रतिमाह 15 लाख रुपए का ब्याज बैंक को देना पड़ रहा है। जिस से ट्रस्ट को आर्थिक रूप से हानि हो रही है। दरअसल 31 मार्च 2022 को हुए फैसले के बाद असलम ठेकेदार ने दिनांक 17 अप्रैल 2022 को शाहपुर कस्बे में स्थित डॉ अब्बास के आवास पर फिर फैसले की बात को लेकर गया। वहां डॉक्टर अब्बास और फैज मोहम्मद के सामने असलम ठेकेदार ने उसके ऊपर निकले प्रार्थी के डेढ़ करोड़ रुपए की रकम को कम करने के लिए फैसले की बात करने लगा। मैने मना किया तो उसने बाहर निकल कर मुझे धमकी दी कि तुमने अगर मुझसे अब रुपए मांगे तो तुम्हारे खिलाफ झूठे प्रार्थना पत्र देकर तुम से जबरदस्ती रुपए वसूल कर लूंगा। इस पर मैंने ने विरोध किया तो उस असलम ने जुनैद के साथ जान से मारने की धमकी देते हुए गाली गलौज कर मारपीट कर दी।
इस बीच असलम ठेकेदार ने अस्पताल प्रबंधन पर दबाव बनाने के लिए झूठे शिकायती पत्र देने शुरू कर दिए। इस ट्रस्ट के डायरेक्टर डॉक्टर जुनैद ने असलम ठेकेदार द्वारा दबाव बनाने के लिए दिये जा रहे प्रार्थना पत्र के बीच उन्होंने मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक यादव और मुख्यमंत्री कार्यालय को अपने साथ हो रही धोखाधड़ी से अवगत कराया तो शाहपुर थाने पर जांच के बाद असलम ठेकेदार और उसके भाई साबिर अली के खिलाफ विभिन्न गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हो गया है।
अस्पताल के चैैैयरमेन डॉक्टर जुनेद का कहना है कि सरकार और पुलिस प्रशासन से उनको इंसाफ की पूरी उम्मीद है और असलम ठेकेदार की धोखाधड़ी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना इसका पर्याप्त सबूत है कि उत्तर प्रदेश सरकार और मुजफ्फरनगर पुलिस प्रशासन ऐसे व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।