एनकाउंटर मामले में न्यायालय के आदेश को पिता हरिश्चंद्र ने सराहा
अदालत के इस आदेश पर खुशी जताते हुए कहा कि हाईकोर्ट द्वारा इस एनकांउटर में आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज करेंगे
झांसी। उत्तर प्रदेश में झांसी जिले के मोंठ थाना क्षेत्र में पुलिस एनकांउटर में मारे गये पुष्पेंद्र यादव मामले में आये इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पिता हरिश्चंद्र यादव ने खुशी जाहिर की और उम्मीद जतायी कि अब उनके बेटे और परिवार को न्याय मिलेगा।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष ने भी ट्वीट कर अदालत के इस आदेश पर खुशी जताते हुए कहा कि हाईकोर्ट द्वारा इस एनकांउटर में आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिये जाने से अब इंसाफ की उम्मीद जगी है। स्वर्गीय पुष्पेंद्र यादव के परिवार के लिए कई वर्षों के बाद आशा की किरण खिली है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने झांसी के चर्चित पुष्पेन्द्र यादव मुठभेड़ मामले की सुनवायी करने के बाद दिये गए आदेश में इस मुठभेड़ को संदिग्ध बताते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिये। परिवार की ओर से न्यायालय में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुनीत कुमार और न्यायमूर्ति सैयद वैज मियां ने यह आदेश दिया।
न्यायालय के आदेश में पुष्पेंद्र के पिता ने खुशी जाहिर करते हुए अदालत को धन्यवाद दिया और कहा कि उनके बेटे के साथ हुए अन्याय के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने की ओर अदालत के आदेश के बाद उठाया गया यह पहला कदम है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि अब उन्हें न्याय मिलेगा। उनका बेटा कोई गलत काम नहीं करता था वह ट्रक चलाया करता था और इसी के संबंध में किसी लेन देन को लेकर संभवत कोई विवाद हुआ था । जिसके संबंध में तत्कालीन मोंठ थानाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान ने उनके बेटे को बातचीत के लिए थाने बुलाया था। उन्हें अगले दिन लोगों से खबर मिली कि उनका बेटा पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया है। श्री यादव ने कहा कि घटना के बाद उन्होंने एफआईआर लिखाने के लिए काफी प्रदर्शन किया लेकिन प्रशासन ने उनकी एक न सुनी और रिपोर्ट नहीं लिखने के कारण उन्होंने अपने बेटे का शव भी लेने से इंकार कर दिया था।
उन्होंने कहा कि इस मामले में तत्कालीन प्रशासन की ओर से कोई सहयोग नहीं मिलने के बाद उन्होंने न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था और अब न्यायालय के आदेश के बाद उनके बेटे को न्याय दिलाने की पहल शुरू हुई है । उन्होंने उम्मीद जतायी कि अगर ऐसे ही निष्पक्ष काम हुआ तो सच्चाई सबके सामने आयेगी। गौरतलब है कि झांसी के मोंठ थाना क्षेत्र में अक्टूबर 2019 में पुष्पेन्द्र यादव पुलिस एनकाउंटर को अंजाम दिया गया था। झांसी पुलिस ने दावा किया था कि उसने पांच और छह अक्टूबर की रात कथित रूप से बालू खनन में शामिल पुष्पेन्द्र यादव को जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर गुरसराय इलाके में मुठभेड़ में मार गिराया था । पुलिस ने दावा किया था कि मुठभेड़ से कुछ घंटे पहले पुष्पेन्द्र ने कानपुर झांसी राजमार्ग पर मोठ के थानाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह चौहान पर गोली चलायी थी।
तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह के मुताबिक पुष्पेंद्र यादव अवैध रूप से खनन कार्य में शामिल था और 29 सितंबर को थानाध्यक्ष द्वारा उसके कुछ ट्रक जब्त करने के बाद उनसे उसकी कहासुनी भी हुई थी। पुलिस के अनुसार पुष्पेन्द्र समेत तीन बाइक सवार ने शनिवार 05 अक्टूबर 2019 की रात को थानाध्यक्ष धर्मेंद्र और उसके सहयोगी को कानपुर झांसी राजमार्ग पर रोका था। पुष्पेंद्र ने धर्मेंद्र पर गोली चलाई और उसकी कार लेकर चला गया। इसके बाद में सुबह करीब तीन बजे गरौठा के पास पुलिस ने तीन लोगों को धर्मेंद्र की कार के साथ पकड़ा और इसी बीच हुई मुठभेड़ में पुष्पेंद्र मारा गया था। छह अक्टूबर 2019 को पुष्पेंद्र यादव , विपिन और रविंद्र के खिलाफ मोठ और गुरसराय पुलिस थाने में दो अलग अलग प्राथमिकी दर्ज की गई । उस समय इन मामले से राजनीतिक गलियारों में भी काफी खलबली मची थी। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने इसकोेेे लेकर योगी सरकार को घेरने का प्रयास किया था। पुष्पेन्द्र यादव के फर्जी एनकाउंटर को लेकर झांसी में काफी हंगामा भी हुआ था ।
वार्ता