बर्थडे स्पेशल- IPS विनीत ने शिक्षा के दौरान ही खाकी वर्दी पहनने का बना लिया था लक्ष्य

शामली के पुलिस कप्तान विनीत जायसवाल के बर्थडे पर खोजी न्यूज की स्पेशल रिपोर्ट

Update: 2020-07-01 13:54 GMT

शामली। आपराधिक गतिविधियों के पैमाने पर उत्तर प्रदेश के संवेदनशील जनपदों में रखे जाने वाले शामली में पुलिस एक बार फिर से एक युवा आईपीएस अफसर की अगुवाई में अपराध मुक्त अभियान के सफर पर आगे बढ़ चली है।  जनपद शामली में शासन ने पुलिस कप्तान के रूप में युवा, निर्भीक और कर्मठ कार्यप्रणाली रखने वाले आईपीएस विनीत जायसवाल की तैनाती की थी। शामली में चार्ज संभालने के साथ ही एसपी विनीत जायसवाल ने यह स्पष्ट कर दिया था कि उनके आने के साथ ही जनपद शामली में अपराधियों की शामत आ गयी है। खाकी वर्दी का असर विनीत जायसवाल पर बचपन से ही रहा है, यही कारण है कि वह मैनेजमेंट और इंजीनियर के क्षेत्र में अच्छे अवसरों को छोड़कर पुलिस विभाग में सेवा के क्षेत्र में उतरकर समाज को अपराधमुक्त बनाने का लक्ष्य लेकर अग्रसर हैं। शामली के पुलिस कप्तान विनीत जायसवाल के बर्थडे पर खोजी न्यूज की स्पेशल रिपोर्ट...


शामली जनपद में कप्तान के रूप में पुलिस फोर्स का नेतृृत्व कर रहे आईपीएस विनीत जायसवाल के जीवन से खाकी वर्दी को लेकर कई संयोग जुड़े हैं। सबसे पहले तो उनको उनके पिता के जीवन से सर्वाधिक रूप से प्रभावित किया है। उनके पिता राधेश्याम जायसवाल एक जेल अधीक्षक रहे हैं। उनका बचपन जेल और खाकी के बीच के माहौल में कर्तव्य पारायणता और ड्यूटी के प्रति कर्मठता को देखते हुए गुजरा है। विनीत जायसवाल मूल रूप से राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक और धार्मिक कर्मभूमि जनपद गोरखपुर के निवासी हैं। आईपीएस विनीत जायसवाल ने 1 जुलाई 1988 को गोरखपुर के राधेश्याम जायवाल के परिवार में जन्म लिया था। साल 2014 बैच के आईपीएस विनीत जायसवाल को एसपी के रूप में शासन ने प्रमोट करते हुए शामली जनपद में पहली तैनाती दी है। इससे पहले वह नोएडा में एसपी सिटी के पद पर कार्यरत थे। विनीत जायसवाल एक जुझारू युवा हैं। उनके जुझारूपन का प्रमाण यही है कि उन्होंने अपनी शिक्षा के दौरान ही पिता की भांति खाकी वर्दी को लक्ष्य बनाया था। उन्होंने सिविल सर्विस में जाने की इच्छा को लेकर काम किया और कई बाद की नाकामी के बाद भी वह हतोत्साहित नहीं हुए, बल्कि हर एक नाकामी के बाद उन्होंने नई ऊर्जा के साथ खुद को आगे बढ़ाने का काम किया। स्नातक की शिक्षा पूरी करने के बाद विनीत जायसवाल ने तकनीकी सेवा और सुझाव देने वाली भारतीय मल्टीनेशनल कम्पनी इंफोसिस को एक कम्प्यूटर साइंस के बेचलर टेक्निशियन के रूप में ज्वाइन किया। इसी बीच आईआईएम, केरल में भी उनका चयन हो गया था, लेकिन उन्होंने इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट में दक्षता हासिल करने के बजाये पिता की भांति ही सेवा के मार्ग को चुना। उन्होंने सिविल सर्विस में जाने के अपने ड्रीम को पूरा करने के लिए साल 2011 से शुरूआत की। विनीत जायसवाल मजबूत तैयारी के बाद भी पहले प्रयास में सफल नहीं हो पाये, लेकिन इसके बाद भी वह मजबूत इरादों के साथ नये लक्ष्य को लेकर फिर से तैयारी में जुटे, उनका यह प्रयास भी पराजय लेकर आया। दो बार की हार के बाद भी विनीत जायसवाल का आत्मविश्वास कम नहीं हुआ और साल 2013 में उन्होंने सिविल सर्विस एग्जाम को ब्रेक किया। विनीत की इस जुझारू सफलता पर परिवार को गर्व हुआ। आज वह 2014 बैच के युवा आईपीएस अफसर के रूप में अपनी सेवा देने के लिए शामली जनपद में तैनात हैं। पुलिस अकादमी में ट्रैनिंग के उपरांत विनीत जायसवाल को अण्डर ट्रेनी अफसर के रूप में जनपद आगरा में तैनात किया गया। यहां पर छह माह की ट्रैनिंग के दौरान वह थाना इंचार्ज रहे। यहां पर उन्होंने एक थाना प्रभारी के रूप में अपराधियों में पुलिस का खौफ पैदा करने के साथ ही कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर हलचल मचा दी थी। पुलिस सेवा में आने के बाद यह संयोग ही था कि विनीत जायसवाल को शुरूआत से ही बड़े जनपदों और यूपी के महानगरों में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। आगरा की ट्रैनिंग के बाद उनको शासन ने इलाहाबाद जनपद में भेजा। यहां पर वह लम्बे समय तक तैनात रहे। उन्होंने इलाहाबाद में सीओ थर्ड, सीओ क्राईम, सीओ लांईस, सीओ एकाउंट और सीओ डायल 100 का दायित्व संभालकर उत्कृष्ट कार्यशैली को प्रदर्शित किया। यहां पर ही उनको सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। इसके बाद उनको इटावा जनपद में तैनात किया गया। यहां पर वह जनपद के पहले अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर अपराध उन्मूलन के लिए अपना बेहतर योगदान दे पाये। विनीत जायसवाल को इटावा के बाद गौतमबुद्धनगर में एसपी ग्रामीण और इसके बाद यहीं पर एसपी सिटी के पद पर तैनात किया गया। दिल्ली के नजदीक यूपी के औद्योगिक नगर के रूप में विख्यात नोएडा में देहात और शहर संभालने के बाद अब शासन ने उनको शामली में शासन का इकबाल बुलन्द करने का जिम्मा देकर भेजा है। 

जिस जिले में बेचलर बने, वहीं संभाली कानून व्यवस्था


आईपीएस विनीत जायसवाल के खाकी प्रेम में एक तीसरा संयोग यह भी जुड़ा कि जिस जिले में उन्होंने शिक्षा हासिल की, वहीं पर उनको अफसर के रूप में कार्यरत रहकर कानून व्यवस्था को संभालने का अवसर मिला। पिता राधेश्याम जायसवाल के सर्विस जीवन से ही विनीत के भीतर वर्दी का प्यार जगा था। उन्होंने अपने पिता के अनुशासित जीवन से खुद के अन्दर लक्ष्य हासिल करने और नाकामियों से ना घबराने का हौसला पैदा किया। विनीत जायसवाल की स्कूली शिक्षा पिता के सर्विस में रहने के कारण स्थानांतरण के चलते वाराणसी और कानपुर जनपदों में पूर्ण हुई। इसके बाद 2010 में नोएडा के जेएसएस काॅलेज से विनीत ने कम्प्यूटर साइंस विषय के साथ बी.टेक किया। इसके साथ ही वह मैनेजमेंट के क्षेत्र में भी दक्षता हासिल करने का मन बना रहे थे, इसके दिये दिये गये इंट्रेंस एग्जाम के बाद उनका चयन आईआईएम केरल के लिए किया गया, लेकिन नोएडा से बी.टेक करने के दौरान कभी विनीत ने सोचा भी नहीं था कि उनका जीवन करियर की राह पर ऐसा भी मोड लेगा कि वह एक आईपीएस अफसर के रूप में उसी नोएडा में तैनात रहकर कानून व्यवस्था की चुनौतियों से निपटने के लिए कार्य करेंगे, जहां उन्होंने अपना छात्र जीवन बिताया है। आज शामली एसपी के रूप में अपनी सेवा प्रदान कर रहे आईपीएस विनीत जायसवाल कहते हैं, श्श्पुलिस सर्विस भी एक मैनेजमेंट है, यहां पर अपराधियों को कानून व्यवस्था का फाॅर्मूला लगाते हुए भयमुक्त समाज के लिए प्रबंधन ही गुड पुलिसिंग है। उन्होंने कहा कि वह विश्वास दिलाते हैं कि समाज में अपराध कारित करने वालों को जनपद में छिपने का आसरा भी नहीं मिल पायेगा। समाज के हर वर्ग की सुरक्षा के लिए काम होगा। उन्होंने समाज के लोगों से भी पुलिस के प्रति सकारात्मक सोच के साथ सहयोग की अपील की है।


पुलिस ने पकड़ी करोड़ों की स्मैक

झिंझाना पुलिस अपनी टीम के साथ बिड़ौली चेकपोस्ट पर आने जाने वाले वाहनों की चेकिंग कर रही थे। इस दौरान पुलिस को यूपी से हरियाणा जा रहे एक कंटेनर संख्या यूपी 25 डीटी. 5201 आता दिखाई दिया। पुलिस ने चेकिंग के लिए उसे रोक लिया। पुलिस ने देखा कि कंटेनर में तरबूज भरे थे। पुलिस ने चालक व परिचालक की तलाशी ली। तलाशी के दौरान पुलिस ने चालक के पास से ढाई किलो व परिचायक के पास से दो किलो स्मैक बरामद की। पुलिस ने दोनों के कब्जे से कुल साढ़े चार किलो स्मैक बरामद की। पूछताछ में चालक ने अपना नाम शाहबाज पुत्र शराफत निवासी खेडिया निजखमतखां थाना केंट बरेली व परिचालक ने दानिश पुत्र गुड्डू निवासी करोला मुरादाबाद बताया। थाना प्रभारी निरीक्षक पीके सिंह ने बताया कि दोनों आरोपी स्मैक को बरेली से लेकर आए थे। दोनों स्मैक को लेकर चंडीगढ़ जा रहे थे। पकड़ी गई स्मैक की कीमत बाजार में साढे चार करोड़ रुपये आंकीक जा रही है।

12 घण्टे में ही कर दिया था फैमिली का मर्डर का खुलासा

सुप्रसिद्ध भजन गायक अजय पाठक उनकी पत्नी, बेटे और बेटी की हत्या का खुलासा पुलिस ने 12 घण्टे में कर, अपराधी को अरेस्ट कर लिया था। पुलिस ने आरोपी के पास से हत्या में इस्तेमाल धारदार हथियार, तीन मोबाइल और खून से लथपथ कपड़े बरामद किए हैं। पूछताछ में आरोपी हिमांशु ने बताया कि पैसे नहीं देने पर उसने भजन गायक की परिवार समेत हत्या कर दी। बता दें कि साल के आखिरी दिन मंगलवार को शामली के आदर्शमंडी थाना क्षेत्र के पंजाबी कॉलोनी में रहने वाले अजय पाठक, उनकी पत्नी और बेटी की हत्या कर दी गई थी। बेटे को अगवा कर उनकी कार में आरोपी ले गया था। बेटे का भी शव अधजली हालत में हरियाणा के पानीपत से बरामद हुआ था। एसपी विनीत जायसवाल ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि अजय पाठक अपनी पत्नी स्नेहलता, बेटी वसुंधरा और बेटे भागवत के साथ पंजाबी कॉलोनी में रहते थे। पाठक परिवार का कोई भी सदस्य घर से बाहर नहीं निकला। उसी दिन शाम के लगभग चार बजे पास में ही रहने वाले उनके भाई उनके मोबाइल पर कॉल कर रहे थे, लेकिन फोन नहीं उठ रहा था। इसके बाद भाई पड़ोसियों के मदद से घर पहुंचे तो मुख्य गेट में लगा छोटा गेट खुला था, लेकिन ऊपर के कमरे में ताला बंद था। इसके बाद ताला तोड़कर जब लोग अंदर घुसे तो तीनों का खून से लथपथ शव पड़ा था। बेटा भागवत और उनकी कार गायब थी, जिसके बाद अंदेशा लगाया गया कि बेटे का अपहरण हो गया है। इसके बाद बेटे का शव पानीपत में उन्हीं के कार में अधजली अवस्था में मिला।



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