स्कूल खोलने पर डॉक्टर त्रेहन नाराज-बोले बच्चे पड़े बीमार तो संभालना मुश्किल
बच्चों की वैक्सीन में आ जाए, तब तक धैर्य बनाए रखें। देश की जनसंख्या के आकार को देखते हुए हमें सतर्क रहना चाहिए
नई दिल्ली। बच्चों का कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण होने से पहले राज्य सरकारों द्वारा खोले जा रहे स्कूलों पर गहरी नाराजगी जताते हुए डॉ नरेश त्रेहन ने कहा है कि अगर बच्चे बीमार पड़ने लगे तो हालात संभालना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने अपील की है कि जब तक बच्चों की वैक्सीन में आ जाए, तब तक धैर्य बनाए रखें। देश की जनसंख्या के आकार को देखते हुए हमें सतर्क रहना चाहिए।
रविवार को डॉ नरेश त्रेहन ने बच्चों का टीकाकरण होने से पहले ही राज्य सरकारों की ओर से खोले जा रहे स्कूलों पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि यह बात समझ में नहीं आ रही है कि सरकार को स्कूल खोलने की इतनी जल्दी क्यों है? उन्होंने कहा है कि अगर बच्चे बीमार पड़ने लगे तो उन्हें संभालना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने आम जनमानस से अपील की है कि जब तक बच्चों के लिये कोरोना से बचाव की वैक्सीन ना आ जाए, तब तक धैर्य बनाए रखें। एक बार सभी बच्चों को टीके लग जाए तो फिर आप स्कूलों को खोल दें। उन्होंने कहा है कि हमें अपने देश की जनसंख्या के आकार को देखते हुए सतर्क रहना चाहिए। उल्लेखनीय है कि इससे पहले डॉ नरेश त्रेहन ने कोरोना वायरस के संक्रमण की तीसरी लहर के आने को लेकर कहा था कि देश में कोरोना की तीसरी लहर पर अगर हम नियंत्रण करना चाहें तो सब को अनुशासन में रहना होगा। कोरोना के दिशा निर्देशों का पालन करना होगा। उनके मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर को कम किया जा सकता है। लेकिन इसका आना पूरी तरह से तय है। उन्होंने कोरोना के वैक्सीनेशन को लेकर कहा था कि हमारी देश की जनसंख्या इतनी ज्यादा है कि अभी चार-पांच महीने लग सकते हैं। हमें यह देखना होगा कि जो कोरोना की तीसरी लहर के आकार को हम कितना छोटा कर सकते हैं और इसे कितना टाल सकते हैं। अगर बहुत सारे लोगों का टीकाकरण कर लिया जाए तो कोरोना की लहर को चार-पांच महीने टाला जा सकता है।