डीजल में दी राहत का जनता को नहीं मिला फायदा-सब कुछ जस का तस

डीजल के दामों में सरकार की ओर से तकरीबन हफ्ते भर पहले करों में कटौती करते हुए

Update: 2021-11-12 08:16 GMT

मुजफ्फरनगर। डीजल के दाम बढ़ने की वजह से माल भाड़े में हुई बढ़ोतरी का हवाला देते हुए महंगी की गई वस्तुएं लोगों को डीजल के दाम घटने के बावजूद पहले के दामों पर ही मिल रही है।

सरकार की ओर से डीजल के दामों में कमी करते हुए पब्लिक पर किया गया एहसान कोई काम नहीं आया है। डीजल के दामों में सरकार की ओर से तकरीबन हफ्ते भर पहले करों में कटौती करते हुए 12 रूपये प्रति लीटर की कमी की गई थी। लेकिन उपभोक्ताओं के साथ-साथ यात्रियों के रूप में आम पब्लिक को डीजल के दामों में की गई कमी का कोई फायदा नहीं मिला है। रोजाना के काम में आने वाली उपभोक्ता वस्तुओं के दामों पर कोई फर्क नहीं पड़ा है और ना ही कहीं की यात्रा सस्ती हुई है। माल भाड़ा और छोटे-बड़े वाहनों के किराए की दर पहले की तरह ही है। आज भी लोगों को डीजल के दाम में कमी होने की घोषणा के पहले की तरह हर सामान के दाम उसी समय वाले चुकाने पड़ रहे हैं। छोटे रूट के ट्रांसपोर्टरों ने डीजल के दामों में बढ़ोतरी होने के नाम पर तकरीबन 20 प्रतिशत तक भाड़े में बढ़ोतरी कर दी थी। लेकिन 1 लीटर में 12 रूपये की कमी होने का फायदा अब उपभोक्ताओं को नहीं दिया जा रहा है।

मंडियों में 3 महीने पहले एक कुंतल सामान उतारने के तकरीबन 75 रूपये लगते थे। लेकिन अब 82 से 85 रूपये प्रति कुंतल देने पड़ रहे हैं। आम जनमानस ने कहा है कि डीजल में 12 रूपये की कमी का लाभ पब्लिक तक जरूर पहुंचना चाहिए। जब डीजल के दाम बढ़ने पर माल भाड़ा और किराया बढ़ा दिया जाता है तो अब डीजल के दामों में कमी होने पर इसमें कटौती की जानी चाहिए। ताकि जनता पर पड रहा महंगाई का भार कुछ कम हो सके।

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