बिना पैसे के नही दिया शव- इंस्पैक्टर ने चुकाया बिल

वर्तमान समय में जब लोगों की संवेदनाएं दम तोड़ रही हैं और लोग पैसे के लिए पागल हुए जा रहे हैं।

Update: 2021-03-17 10:29 GMT

मुरादाबाद। वर्तमान समय में जब लोगों की संवेदनाएं दम तोड़ रही हैं और लोग पैसे के लिए पागल हुए जा रहे हैं। ऐसे में एक पुलिस अधिकारी जब संवेदनहीन भीड से हटकार मानवता दिखाता है और अपने कर्तव्य की सीमा से आगे निकलकर काम करता है तो हाथ अपने आप सम्मान में जुड़ जाते हैं। ऐसा ही हुआ कुंदरकी के मौहम्मद नाजिम के साथ। दरअसल बीते रविवार को गरीब मजदूर नाजिम का बच्चा बीमार हो गया था। महानगर के दिल्ली रोड स्थित अस्पताल में इलाज के लिये भर्ती कराये गये बच्चे की मौत हो गई। इलाज का पूरा खर्च न जमा कर पाने की वजह से अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को बच्चे का शव देने से मना कर दिया। बाद में मामला बढ़ने पर एसएसपी के आदेश पर पहुंचे मझोला इंस्पेक्टर मुकेश शुक्ला ने अस्पताल वालों को काफी समय तक मानवता का पाठ पढ़ाया। इस पर भी जब अस्पताल प्रबंधन पीडित परिवार को शव देने को राजी न हुआ तो उन्होंने अपने पास से बीस हजार रुपये अस्पताल प्रबंधन को देकर गरीब माता-पिता को उनके बच्चे का शव दिलाया। यह इस बात की एक नजीर है कि मानवता अभी भी सांस ले रही है। संबंधित अस्पताल प्रबंधन द्वारा दिखाई संवेदनहीनता जहां समाज के लिए एक बदनुमा दाग के समान है, वहीं पुलिस ने जो किया वह अनुकरणीय है और प्रोत्साहन योग्य है।

बुधवार को संस्था के उपाध्यक्ष सौरभ भारतीय, सागर गुप्ता, मोहित गुप्ता, समीर सिंह आदि के साथ युवा की टीम ने मझोला थाने पर पहुंचकर इंस्पेक्टर मझोला मुकेश शुक्ला को मानवीय संवेदनाओं को प्रदर्शित करने के लिए दिया जाने वाला युवा का महात्मा गांधी सम्मान और बुके प्रदान कर उन्हे सम्मानित किया। समाज को ऐसे कार्य करने वाले लोगों का सम्मान करना चाहिए। ताकि दूसरे भी मानवता की सेवा के लिये प्रोत्साहित हों। युवा संवेदनशील रहकर बेहतर प्रशासनिक कार्य करने वालों को पहले भी सम्मानित करती रही है। इससे पूर्व शहर के पूर्व एसएसपी अमित पाठक को युवा ने सम्मानित किया था। उन्होंने महानगर में अकेले रहने वाले बुजुर्गों को कृष्ण जन्माष्टमी का प्रसाद भिजवाया और यह पैगाम दिया कि वे अकेले नहीं हैं। समाज को उनकी फिक्र है। युवा उत्थान समिति के उपाध्यक्ष सौरभ भारतीय ने कहा कि हमारा मकसद सिर्फ इतना है कि समाज के साथ संवेदनशीलता दिखाने वाले लोग गौरवांन्वित हों और इसका असर दूसरों पर भी पड़े।

उपाध्यक्ष सौरभ भारतीय ने कहा कि मेडिकल क्षेत्र के लोग भगवान सा सम्मान पा सकते हैं। अगर वे पैसे को भगवान समझना छोड़ अपने भीतर मानवता को कुछ सम्मान दे सकें। युवा के वरिष्ठ पदाधिकारी सागर गुप्ता ने कहा कि पुलिस का कार्य दोधारी तलवार पर चलने सरीखा है। ऐसे में अगर पुलिस के अधिकारी इस पर संवेदनशील रह कर काम करते हैं तो निश्चित रूप से वे समाज के बाकी लोगों के लिए अनुकरणीय हैं। सम्मान पत्र देने पहुंचे शिक्षक और युवा के वरिष्ठ सदस्य मोहित गुप्ता और संस्था से नए जुड़े समीर सिंह जी ने भी इस मामले में पुलिस की भूमिका की सराहना की।







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