दहाड़े राकेश टिकैत- बोले, कीलों को उखाड़कर साथ ले जायेंगे किसान

कृषि बिलों को वापिस लिये जाने की मांग को लेकर किसानों के आंदोलन को चलते हुए दो माह से अधिक का समय हो गया है

Update: 2021-02-03 13:14 GMT

जींद। कृषि बिलों को वापिस लिये जाने की मांग को लेकर किसानों ने जींद में महापंचायत की। महापंचायत के दौरान राकेश टिकैत जमकर सरकार पर बरसे। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के डर से जो किलेबंदी कर रही है, उस चक्रव्यूह को किसान तबाह कर देंगे। यही नहीं, उक्त कीलों को उखाड़कर किसान अपने घर ले जायेंगे।


कृषि बिलों को वापिस लिये जाने की मांग को लेकर किसानों के आंदोलन को चलते हुए दो माह से अधिक का समय हो गया है। विगत 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद आंदोलन सिमटने की ओर पहुंच गया था। आंदोलन सिमटते देख भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भावुक होकर रो पड़े थे। उनके आंसुओं से एक बार फिर से किसानों का जोश जाग गया था। उसके बाद से तो किसानों का जोश चरम पर है और एक के बाद एक महापंचायतों का आयोजन हो चुका है। टिकैत के आंसुओं के बाद मुजफ्फरनगर में हुई रैली ने सभी रिकाॅर्ड तोड़ दिये थे। इसके बाद बागपत, फिर बिजनौर में एक के बाद एक महापंचायतों का आयोजन हुआ। आज किसानों की महापंचायत जींद में हुई। इस महापंचायत में किसान नेता जमकर सरकार पर बरसे।


किसान महापंचायत को सम्बोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि जब राजा डरता है, तो किलेबंदी करता है। मोदी सरकार किसानों से डरकर अब किलेबंदी करने में जुटी हुई है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि किसान इन सभी कीलों को उखाड़कर अपने साथ ले जायेंगे। उन कीलों को किसान अपनी आने वाली नस्लों को दिखाते हुए बतायेगे कि सरकार ने उनका रास्ता रोकने के लिए कैसे-कैसे प्रोपगंडे रचे थे। महापंचायत के दौरान बड़ी संख्या में मौजूद किसानों के बीच पांच प्रस्ताव पास किये गये। इनमें तीनों कृषि कानून वापिस लेने, एमएसपी पर कानून बनने, स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने, दिल्ली में पकड़े गये ट्रैक्टर व किसानों को रिहा करने तथा किसानों के कर्जों को माफ करने के प्रस्ताव शामिल हैं।

रिपोर्टः प्रवीण गर्ग

Tags:    

Similar News