जानिए कब जारी होगा नीट यूजी का परिणाम

अदालत ने दो उम्मीदवारों के लिए रिजल्ट जारी करने के रोक लगाने के बॉम्बे उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी है

Update: 2021-10-28 15:39 GMT

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने नीट- यूजी परीक्षा में बैठने वाले 16 लाख से अधिक छात्रों के परिणाम घोषित करने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। अदालत ने दो उम्मीदवारों के लिए रिजल्ट जारी करने के रोक लगाने के बॉम्बे उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी है।

शीर्ष न्यायालय ने हाल ही में बॉम्बे उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाकर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) यूजी परिणाम घोषित करने का रास्ता साफ कर दिया है।

गौरतलब है कि हाल ही में बॉम्बे उच्च न्यायालय ने एनटीए को दो स्नातक चिकित्सा उम्मीदवारों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया था। बॉम्बे उच्च न्यायालय ने आदेश में कहा था कि नीट परीक्षा दो छात्रों, वैष्णवी भोपाली और अभिषेक शिवाजी के लिए आयोजित की जानी चाहिए, जिन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें गलत सीरियल नंबर के साथ प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिकाएं दी गई थीं। जिसके बाद केंद्र ने बॉम्बे न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया, जिसमें कहा गया था कि परिणाम तैयार होने पर भी एनटीए परिणाम घोषित नहीं कर सकता है। केंद्र सरकार ने अपनी अपील में कहा कि नीट परिणाम में देरी से स्नातक मेडिकल प्रवेश प्रभावित होगा।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बी आर गवई की खंडपीठ ने बॉम्बे उच्च न्यायालय के 20 अक्तूबर के आदेश के खिलाफ एनटीए द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर नोटिस जारी किया है। बेंच ने आदेश पर रोक लगा दी है, बदले में एनटीए को परिणाम जारी करने की अनुमति देते हुए, इस तथ्य का भी संज्ञान लिया है कि दो छात्रों की कोई गलती नहीं होने के कारण पूर्वाग्रह से ग्रसित थे। शीर्ष अदालत ने इस मामले को देखने का आश्वासन देते हुए एनटीए को आगे बढ़ने और स्नातक परीक्षा के लिए नीट 2021 परिणाम घोषित करने की भी अनुमति दी है। पीठ ने कहा कि दो छात्रों के मामले की बाद में जांच की जाएगी। शीर्ष अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई दिवाली के बाद रखी है।

पीठ ने एनटीए की ओर से पक्ष रख रहे सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर संज्ञान लेने के बाद कहा, ''हम उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाते हैं। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी परिणाम घोषित कर सकती है।''

पीठ ने कहा, ''हम अदालत के पुन: खुलने (दीपावली की छुट्टियों के बाद) पर दोनों विद्यार्थियों के बारे में निर्णय लेंगे। इस बीच हम जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी करते हैं। लेकिन हम 16 लाख छात्रों का रिजल्ट नहीं रोक सकते।''

बंबई उच्च न्यायालय ने 20 अक्टूबर को एक अभूतपूर्व फैसले में एनटीए को आदेश दिया था कि दो अभ्यर्थियों के लिए नए सिरे से परीक्षा आयोजित की जाए और उनके परिणाम 12 सितंबर को हुई परीक्षा के मुख्य परिणामों के साथ घोषित किए जाएं।

इस साल अंडरग्रेजुएट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम विवादों में घिर गया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पहले उन समूहों को गिरफ्तार किया था जिन्होंने कथित तौर पर छात्रों को प्रश्न पत्र हल करने में मदद की थी। कुछ मेडिकल उम्मीदवारों ने शीर्ष अदालत का रुख कर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी को परीक्षा रद्द करने और फिर से परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देने की मांग की थी क्योंकि यह पहले निष्पक्ष तरीके से आयोजित नहीं की गई थी। शीर्ष अदालत ने उनकी याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि लाखों छात्र परीक्षा में शामिल हुए हैं और कुछ प्राथमिकी के कारण परिणाम रद्द नहीं किए जा सकते। एक अन्य हालिया घटनाक्रम में, केरल उच्च न्यायालय ने एनटीए को राज्य में एक उम्मीदवार की ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट में कथित हेरफेर की जांच करने का निर्देश दिया है।


वार्ता

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