नामजदगी का असर- राजधानी से उखडने शुरू हुए किसानों के डेरे-तम्बू
किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान कुछ लोगों द्वारा उद्दंडता के बाद की गई हिंसा के उपरांत उपजे हालातों से अब किसान संगठन और उसके नेता पूरी तरह से अचम्भें में है
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर राजधानी में हुई हिंसा के बाद इस मामले को लेकर की गई किसान नेताओं की नामजदगी के उपरांत कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बाॅर्डरों पर लगभग दो माह से धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों का आंदोलन अब बिना किसी नतीजे के खत्म होता दिखाई दे रहा है। आंदोलन के लिए लगाए गए कई टेंटों को उखाडना शुरू कर दिया गया है।
दरअसल बीते मंगलवार को देश के 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान कुछ उपद्रवियों द्वारा लालकिले पर झंडा फहराने और पुलिस के साथ हिंसा के मामले के बाद पुलिस ने अब सख्ती बरतनी शुरू कर दी। पुलिस ने स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव और भाकियू टिकैत के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ.राकेश टिकैत समेत कई किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसके अलावा पुलिस ने इस सिलसिले में लगभग 200 लोगों को हिरासत में भी लिया है, जिसके बाद अब उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी चल रही है।
किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान कुछ लोगों द्वारा उद्दंडता के बाद की गई हिंसा के उपरांत उपजे हालातों से अब किसान संगठन और उसके नेता पूरी तरह से अचम्भें में है। राजधानी में मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा मामले में कई किसान नेताओं की नामजदगी के बाद यूपी गेट पर पिछले दो माह से चल रहे कई लंगरों के टेंटों व तंबुओं को अब किसानों ने हटाना शुरू कर दिया गया है। जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही किसानों का आंदोलन खत्म हो सकता है। सामने आ रही तस्वीरों से स्पष्ट हो रहा है कि यूपी गेट पर कई दिनों से चल रहे लंगर और लगाए गए टेंट अब गायब होने लगे हैं। एक-एक करके धीरे-धीरे उन्हें यूपी गेट से हटाया जा रहा है। वहां मौजूद कई किसानों ने भी जाडे-पाले से बचाव के लिए लगाये गये अपने टेंटों को हटाना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि जल्द ही ये किसान अपने गांव वापस लौट सकते हैं।