घोर लापरवाही-दो बूंद जिंदगी के बजाय पिला दिया सैनिटाइजर

स्वास्थ्यकर्मियों ने बच्चों को पोलियो खुराक के रूप में दो बूंद जिंदगी की पिलाने के बजाय सैनिटाइजर उनके मुंह में डाल दिया।;

Update: 2021-02-02 07:36 GMT

नागपुर। स्वास्थ्यकर्मियों ने लापरवाही बरतते हुए दर्जनभर बच्चों को पोलियो खुराक के रूप में दो बूंद जिंदगी की पिलाने के बजाय सैनिटाइजर उनके मुंह में डाल दिया। मामले का पता चलते ही तत्काल बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनकी हालत ठीक बताई जा रही है।  

दरअसल महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बीती 30 जनवरी को वर्ष 2021 के लिए देशभर में पल्स पोलियो अभियान शुरू किया था। सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय की इस महत्वपूर्ण पहल पर महाराष्ट्र के यावतमाल में भी बच्चों को पल्स पोलियो की खुराक दी गई। लेकिन एक स्वास्थ्यकर्मी, डॉक्टर और एक आशाकर्मी ने लापरवाही बरतते हुए दर्जनभर बच्चों को दो बूंद जिंदगी की पिलाने के बजाय सैनिटाइजर की बूंद ही उनके मुंह में डाल दी। जैसे ही मामले का पता चला तो स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में तत्काल ही सैनीटाइजर पीने वाले दर्जनभर बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। यावतमाल के डिस्ट्रिक्ट काउंसिल चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर श्री कृष्ण पांचाल ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि अस्पताल में भर्ती कराए गए बच्चों की हालत पूरी तरह से ठीक है। उन्होंने बताया कि इस मामले में एक स्वास्थ्यकर्मी, एक डॉक्टर और एक आशा वर्कर को निलंबित किया जाएगा।

गौरतलब है कि महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 30 जनवरी को वर्ष 2021 के लिए पल्स पोलियो अभियान शुरू किया था। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बीते एक दशक से भारत में पोलियो का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। भारत में 13 जनवरी 2011 को पोलियो का आखिरी मामला सामने आया था। हालांकि देश में पोलियो को दोबारा से पैर पसारने से रोकने के लिए सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय पूरी तरह से सतर्क है। क्योंकि भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान और पाकिस्तान में यह बीमारी अभी तक भी मौजूद है। इसलिए पोलियो को हराने के लिए वर्ष में दो बार पोलियो वैक्सीन पिलाने का अभियान चलाया जाता है।



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