गाजीपुर बाॅर्डरः घड़ों में पानी भरकर किसानों के बीच पहुंची महिलाएं
किसान आंदोलन एक बार फिर से धार पकड़ चुका है।
नई दिल्ली। किसान आंदोलन एक बार फिर से धार पकड़ चुका है। कृषि बिलों को वापिस लेने की मांग को लेकर गाजीपुर बाॅर्डर पर चल रहे धरने पर आज कुछ महिलाएं सिर पर पानी से भरे घड़े रखकर पहुंच गई। महिलाओं ने धरनारत किसानों को पानी पिलाया। यह दृश्य बड़ा ही मनमोहक था। किसान भी जल ग्रहण करके तृप्त हो गये और उनकी थकान उतर गई। मातृ शक्ति द्वारा किया गया यह कार्य बहुत ही अधिक सराहा जा रहा है।
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के आंसुओं के बाद विगत दिवस मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर काॅलेज में हुई महापंचायत ने पूर्व के सारे रिकाॅर्ड तोड़ दिये थे। भाजपा के विरोधी अधिकांश दलों ने महापंचायत में पहुंचकर न किसानों को अपना समर्थन दिया, वरन कंधे से कंधा मिलाकर चलने का संकल्प भी लिया। यहां तक कि जो दल अपना अस्तित्व तक खो चुके थे, उनमें भी फिर से फूल खिलने शुरू हो गये हैं। कृषि बिल वापिस लेने की मांग को लेकर गाजीपुर बाॅर्डर पर किसानों का धरना चल रहा है।
अपने घरों से बहुत दूर अनेक किसान धरने पर बैठे हैं। उनके पास न तो रहने का कोई साधन है, न भोजन का। न पेयजल की व्यवस्था है और न ही स्नान आदि की। अगर मान भी लिया जाये कि कुछ व्यवस्थाएं हो चुकी हैं, तो भी खुले आसमान के नीचे कड़कड़ाती ठंड में धरना देना आसान बात नहीं है। कभी कोहरा, तो कभी तेज हवाएं। मौसम के रंग बदलते मिजाज के बीच किसान आंदोलन के पथ पर अड़िग हैं।
किसानों की दिक्कत को देखते हुए आज शामली जनपद की महिलाओं ने एक अलग ही कार्य किया, जिसकी सभी ने सराहना की। शामली जनपद से कुछ महिलाएं सिर पर घड़े में पानी रखकर धरना दे रहे किसानों के बीच पहुंच गई। उन्होंने किसानों को शुद्ध पेयजल पिलाया। महिलाओं द्वारा किये गये इस कार्य की सराहना हो रही है। यह भारतीय संस्कृति का एक उत्कृष्ट नमूना है। मिट्टी के घड़ों में पानी शुद्ध रहता है और उसकी तासीर भी मौसम के अनुकूल रहती है, जो कि स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत अच्छी होती है।