फिर विवादों में फेसबुक

सोशल मीडिया के सर्च इंजन फेसबुक को लेकर एक बार फिर विवादास्पद बातें कही जा रही हैं।

Update: 2020-12-17 07:19 GMT

नई दिल्ली। सोशल मीडिया के सर्च इंजन फेसबुक को लेकर एक बार फिर विवादास्पद बातें कही जा रही हैं। फेसबुक की सुरक्षा टीम द्वारा संभावित खतरनाक संगठन के रूप में टैग किए जाने के बावजूद पूरे भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा का समर्थन करने वाले संगठन बजरंग दल को राजनीतिक और सुरक्षा कारणों से इस सोशल नेटवर्क पर बने रहने की इजाजत दी गई है। द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने 13 दिसम्बर को यह रिपोर्ट प्रकाशित की है। अखबार ने लिखा है कि सत्तारूढ़ बीजेपी के साथ संबंधों के कारण फेसबुक दक्षिणपंथी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में डरता है। क्योंकि बजरंग दल पर नकेल कसने से भारत में कंपनी की व्यावसायिक संभावनाओं और उसके कर्मचारियों दोनों को खतरा हो सकता है। अखबार ने इस बारे में इसी साल पहले प्रकाशित उसकी एक रिपोर्ट का हवाला दिया है। फेसबुक ने बजरंग दल को एक वीडियो पोस्ट करने की इजाजत दे दी जिसमें एक चर्च पर हमला करने की जिम्मेदारी ली गई थी। इसी के बाद विवाद फिर शुरू हुआ है।

अगस्त में वॉल स्ट्रीट जर्नल ने फेसबुक की नीतियों में कथित पूर्वाग्रह होने की रिपोर्ट की थी। इसमें सत्तारूढ़ बीजेपी को फेसबुक के व्यापारिक हितों के पक्ष में बताया गया था। इसमें कहा गया था कि फेसबुक की पूर्व एक्जीक्यूटिव आंखी दास ने मुस्लिम विरोधी कमेंट करने वाले सत्ताधारी दल के एक नेता का पक्ष लेते हुए उसकी पैरवी की थी। फेसबुक ने यह रिपोर्ट प्रकाशित होने के कुछ दिनों बाद ही उस नेता को बैन कर दिया था। फेसबुक ने हालांकि अपमानजनक आरोपों का खंडन किया था लेकिन यह भी स्वीकार किया था कि हेट स्पीच पर अंकुश लगाने के लिए उसे बेहतर करना होगा। इसके बाद जल्द ही आंखी दास ने कंपनी छोड़ दी थी।    

द वॉल स्ट्रीट जर्नल की नवीनतम रिपोर्ट में बजरंग दल के एक वीडियो और उस पर फेसबुक की कार्रवाई का हवाला दिया है। इसमें जून में नई दिल्ली के बाहर एक चर्च पर हमले की जिम्मेदारी लेने का दावा किया गया था और जिसे ढाई लाख बार देखा गया था। अखबार के अनुसार फेसबुक की एक इंटरनल रिपोर्ट में कहा गया है, भारत के सत्तारूढ़ हिंदू राष्ट्रवादी राजनेताओं, बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने से फेसबुक कर्मियों पर शारीरिक हमले या कंपनी की फैसिलिटीज पर हमले होने का खतरा है। इसमें कहा गया है कि फेसबुक के कर्मचारियों के एक समूह ने एक इंटरनल लेटर फेसबुक डिस्कशन ग्रुप में पोस्ट किया है। इसमें कहा गया है कि इस प्लेटफॉर्म पर अन्य संगठनों के बीच बजरंग दल की मौजूदगी भारत में हेट स्पीच से निपटने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता पर संदेह जताती है। इस आर्टिकल के जवाब में फेसबुक के प्रवक्ता एंडी स्टोन ने जर्नल को बताया, हम विश्व स्तर पर राजनीतिक स्थिति या पार्टी से संबद्धता के बिना खतरनाक व्यक्तियों और संगठनों को लेकर अपनी नीति लागू करते हैं। अक्टूबर में फेसबुक ने भारत में अरबों डॉलर का निवेश किया है। उसके देश में पांच आफिस हैं और वह भारत को यूजर्स के मामले में अपना सबसे बड़ा बाजार मानती है। फेसबुक ने संसदीय समिति के सामने पूर्वाग्रह के आरोपों और डेटा की सुरक्षा के बारे में चिंताओं को लेकर खुद का बचाव किया था।

फेसबुक इंटरनेट एक सेवा है। इसकी पॉपुलैरिटी बहुत बढ़ गयी तब जाकर 2005 में इसका नाम फेसबुक रखा गया। फेसबुक इंटरनेट में प्रयोग होने वाला फ्री सोशल नेटवर्किंग सर्विस है। इसे जुकर वर्ग ने शुरू किया।

इसमें कोई भी जिसकी उम्र कम से कम 13 साल हो, रजिस्ट्रेशन कर के मेंबर बन सकते हैं। वो भी बिलकुल फ्री में। एक बार सदस्य बन जाने के बाद दूसरे सदस्यों व जान पहचान के लोगो से कांटेक्ट और बात कर सकते है। फेसबुक दूसरी भाषा के साथ हिंदी में काम करने की भी सुविधा देता है। आजकल के युवाओं में इसका काफी क्रेज है. यहाँ तक की बड़े बूढ़े लोग भी इसका इस्तेमाल युवाओं के बराबर ही करते हैं। करीब हर फेसबुक की जानकारी रखने वाले को इसके बारे में मालूम होता है। इसका इस्तेमाल लोग अपने बहुत सारे कामों के लिए करते हैं।

इसमें रजिस्ट्रेशन कर लेने के बाद यूजर अपना प्रोफाइल बना सकता है और उसमें अपने डिटेल्स जैसे नाम,पता ऑक्यूपेशन (पेशा), स्कूल या कॉलेज नाम, डिग्री क्वालिफिकेशन, स्टेटस. अपने विचार लिख कर पोस्ट कर सकता है। अपने फीलिंग और इमोशंस को भी दूसरे लोगो तक पहुंचा सकता है। फेसबुक नए फ्रेंड्स जोड़ने की सुविधा देता है जिससे लोगो को फेसबुक के माध्यम से अपने फ्रेंड लिस्ट में जोड़ कर रख सकता है और कभी भी उन्हें मैसेज कर सकता है।

फेसबुक ने फरवरी 2012 में पहली बार अपनी कंपनी का वैल्यूएशन किया जो की 104 अरब डॉलर था। इसने 3 महीने के बाद अपना स्टॉक बेचने का कार्य शुरू कर दिया। फेसबुक अपनी ज्यादातर कमाई विज्ञापन से करता है।

आज लगभग 3 अरब से ज्यादा लोग फेसबुक को यूज करते हैं। इसलिए उसे अपना व्यापारिक पक्ष मजबूत रखना ही पड़ेगा।

फेसबुक का उपयोग अपने मित्रों, परिजनों और परिचितों से जुड़ने और उनके बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए अपने पसंद के क्षेत्र से जुड़े लोगों से जुड़ने के लिए फेसबुक से जुड़े लोगों से मुफ्त में संवाद के लिए और अपने जीवन से जुडी महत्वपूर्ण घटनाओं और जानकारियों को फेसबुक वीडियो कालिंग, फेसबुक मेसेंजर चैट, फेसबुक ग्रुप, फेसबुक पेज और महत्वपूर्ण व्यक्तियों से जुड़ने और जानकारियाँ हासिल करने के लिए भी फेसबुक का उपयोग किया जा रहा है।

अपने पसंद की कंपनियों और प्रतिष्ठानों से जुड़ने और जानकारियाँ हासिल करने के लिए किसी व्यक्ति, वस्तु या विचारधारा का प्रचार-प्रसार करने के लिए मनोरंजन के लिए फोटो, वीडियो, लिंक इत्यादि और अपने बिजनेस कारोबार के प्रसार-प्रचार के लिए भी फेसबुक का उपयोग किया जाता है। इसलिए विवादों में घिरी सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने कहा कि वह एक पक्षपात रहित मंच है और वह नेताओं द्वारा पोस्ट किए गए आपत्तिजनक कंटेंट को अपने प्लेटफॉर्म से हटाने का काम जारी रखेगी। फेसबुक पर आरोप लगे हैं कि उसने सत्तारूढ़ बीजेपी के कुछ नेताओं की पोस्ट पर हेट स्पीच रूल्स को लागू नहीं किया। हाल में वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि फेसबुक की कंटेंट पॉलिसीज का भारत में बिना भेदभाव के पालन नहीं हो रहा है और बीजेपी पर नरमी बरती जा रही है। इसके बाद से बीजेपी और कांग्रेस में घमासान मचा गया था।

फेसबुक इंडिया के वाइस प्रेजिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर अजीत मोहन ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, फेसबुक एक खुला और पारदर्शी प्लेटफॉर्म है और वह किसी पक्ष या विचारधारा का समर्थन नहीं करता है। इस प्लेटफॉर्म पर लोग अपनी बात कहने के लिए स्वतंत्र हैं। पिछले कुछ दिनों के दौरान हम पर अपनी नीतियों को लागू करने में पक्षपात करने का आरोप लगा है। हम इन आरोपों की गंभीरता से लेते हैं और स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम नफरत और कट्टरता के हर रूप की निंदा करते हैं। (हिफी)

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