प्रदेश में जांच पड़ताल के दौरान आठ विश्वविद्यालय निकले फर्जी

जारी की गई देश के फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची में सबसे ज्यादा आठ विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के शामिल

Update: 2021-08-03 11:35 GMT

लखनऊ। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जारी की गई देश के फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची में सबसे ज्यादा आठ विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के शामिल हैं। आयोग ने फर्जी घोषित किए गए विश्वविद्यालयों में अभिभावकों और छात्रों को प्रवेश लेने से मना किया है। आयोग की ओर से साफ किया गया है कि फर्जी विश्वविद्यालयों की ओर से जारी की गई डिग्रियां कहीं भी मान्य नहीं है।

दरअसल मंगलवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की ओर से 24 स्वयंभू विश्वविद्यालयों को फर्जी घोषित किया गया है। दो अन्य संस्थानों के ऊपर भी नियमों का उल्लंघन किए जाने के आरोप हैं। अभी इनके खिलाफ न्यायालय में मामला विचाराधीन है। जिनमें भारतीय शिक्षा परिषद लखनऊ उत्तर प्रदेश भी शामिल हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से वाराणसी संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी, महिला ग्राम विद्यापीठ इलाहाबाद, गांधी हिंदी विद्यापीठ इलाहाबाद, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कांप्लेक्स होम्योपैथी कानपुर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस मुक्त विश्वविद्यालय अलीगढ़, उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय मथुरा, महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन विश्वविद्यालय प्रतापगढ़, इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद नॉएडा को फर्जी घोषित किया गया है। इनके अलावा इंडियन इंस्टीट्यूट आफ अल्टरनेटिव मेडिसिन कोलकाता पश्चिम बंगाल, इंस्टीट्यूट आफ अल्टरनेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च कोलकाता पश्चिम बंगाल, नवभारत शिक्षा परिषद राउरकेला ओड़िशा, नॉर्थ उड़ीसा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी ओडीशा, श्री बोधी अकैडमी ऑफ हायर एजुकेशन पुडुचेरी, क्राइस्ट न्यू टेस्टामेंट डीम्ड यूनिवर्सिटी आंध्र प्रदेश, राजा अरबी विश्वविद्यालय नागपुर, सेंट जॉन्स यूनिवर्सिटी केरल तथा बडगंवी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी एजुकेशन सोसायटी कर्नाटक भी फर्जी विश्वविद्यालय घोषित किए गए

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