हर दिन नही मनाया पृथ्वी दिवस तो नही बचेगा जीवन
इसके लिए प्रत्येक वर्ग को संवेदित करने की आवश्यकता है। प्रति व्यक्ति वृक्षों की संख्या बढायी जाये।
झांसी। विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर गुरूवार को आयोजित वेबीनार में प्रो़ अनुपम सराफ ने कहा कि जिस तरह मानवीय स्वार्थ के कारण पृथ्वी का ह्रास हो रहा है उसे देखते हुए जरूरी है कि केवल एक दिन नही बल्कि हर दिन पृथ्वी दिवस मनाया जाए।
विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर परमार्थ समाज सेवी संस्थान द्वारा आयोजित वेबीनार को सम्बोधित करते हुए प्रो़ अनुपम सराफ ने कहा कि मानवीय स्वार्थ के कारण पृथ्वी को लगातार ह्रास हो रहा है, जिसके लिए इंवायरमेंटल इमरजेंसी लागू करने की आवश्यकता है। पृथ्वी दिवस एक दिन नही बल्कि हर एक दिन मनाया जाना चाहिए।
अपर पुलिस महानिदेशक, मध्य प्रदेश राजाबाबू सिंह ने कहा कि जमीन की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। उपजाऊ मिटटी की परत डस्ट में तब्दील होती जा रही है। नदी और तालाब उत्सवों से नहीं बचेगे बल्कि उनको बचाने के लिए जमीन पर कार्य करने की आवश्यकता है। कार्बन के प्रभाव को कम करने के लिए ऑक्सीजन के उत्पादन को बढाना होगा। कोविड के समय जिस तरह से ऑक्सीजन की किल्लत मची हुयी है यह कही ना कही मानवीय भूल है। हम सब जानते है कि ऑक्सीजन का स्त्रोत वृक्ष है, जैसे-जैसे वनों का विनाश होगा वैसे-वैसे समाज को ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पडेगा।
वेबीनार में उपस्थित माया जे मदान ने कहा कि स्कूलों में बच्चों को वृक्षारोपण अनिवार्य कर दिया जाये और उसको पाठयक्रम से जोड दिया जाये। समाज के सभी वर्गो को मिलकर पर्यावरण संरक्षण पर कार्य करना होगा।पूर्व वनसंरक्षक पी के मिश्रा ने कहा कि कार्बन क्रेडिट को कम करने के लिए किसानों के द्वारा किये जा रहे प्रयासों को मान्यता मिलना चाहिए एवं वन अधिनियम 1980 को और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता है।
बुन्देलखंड विश्वविद्यालय के डॉ़ डी पी सिंह ने कहा कि पर्यावरण के लिए बडी-बडी बातें नहीं बल्कि असल में कार्य करने की आवश्यकता है। इसके लिए प्रत्येक वर्ग को संवेदित करने की आवश्यकता है। प्रति व्यक्ति वृक्षों की संख्या बढायी जाये।
मुम्बई की वरिष्ठ पत्रकार कंचन श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना काल में और अधिक कचरा बढ रहा है लोग प्लास्टिक का उपयोग कर रहे है इस पर ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है।वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता डाॅ0 इन्दिरा खुराना ने कहा कि असमता को खत्म करने की आवश्यकता है, पर्यावरण से सम्बधित वास्तविक तथ्यों को सामने लाने की जरूरत है।
वेबीनार का संचालन करते हुए डॉ. संजय सिंह ने कहा कि परमार्थ संस्थान के द्वारा पर्यावरण के संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार बेवीनार एवं अन्य माध्यमों से प्रयास कर रहा है। पृथ्वी को बचाने के लिए समाज के सभी वर्गो को आगे आने की आवश्यकता है
विश्व पृथ्वी दिवस मनाने का विचार सर्वप्रथम अमेरिका के सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन को आया था और 22 अप्रैल 1970 को पहली बार विश्व पृथ्वी दिवस मनाया गया था।