फटा बादल-मची तबाही-राहत कार्यों में जुटा प्रशासन

बादल फटने से चारों तरफ तबाही का मंजर पसर गया है

Update: 2021-09-20 10:42 GMT

देहरादून। उत्तराखंड के चमोली में बादल फटने से चारों तरफ तबाही का मंजर पसर गया है। सवेरे के समय बादल फटने के बाद पहाड़ी से आए मलबे और बारिश ने गांव में भारी तबाही मचाई है। इस घटना में बीआरओ मजदूरों के घरों और झोपड़ियों को भारी नुकसान हुआ है।


सोमवार को चमोली में पंती गांव की ऊपरी पहाड़ी पर बादल फट गया। बादल फटने से गिरे पानी से पहाड़ का मलबा 35 केवी बिजली सब स्टेशन के पास बहने वाले गधे रे में आ गया। जिस कारण ग्वालदम-कर्णप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग पर पंती में खड़े दर्जनों छोटे-बड़े वाहन मलबे के पानी की चपेट में आ गए। बादल फटने से बहकर आया पानी बीजीबीआर के मजदूरों के अस्थाई आवासीय मकानों के भीतर घुस गया। जिससे उनमें रखा सामान तहस-नहस हो गया। बादल फटने के बाद आई आपदा से लोगों को भारी नुकसान हुआ है। जानकारी मिलने के बाद पुलिस और प्रशासन स्थानीय लोगों को साथ लेकर बचाव एवं राहत कार्य में जुटा हुआ है। बीआरओ के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग को खोलने का काम शुरू कर दिया गया है। थाना अध्यक्ष ध्वजवीर सिंह पवार के मुताबिक नारायण बगड़ पंती गांव में सवेरे के समय बादल फटने की सूचना स्थानीय लोगों ने पुलिस प्रशासन को दी थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का जायजा लेते हुए राहत कार्य शुरू कराए हैं। उल्लेखनीय है कि प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से हिमालयी राज्य उत्तराखंड काफी संवेदनशील है। जिसके चलते राज्य के पहाडी इलाकों में बादल फटने, पहाडियां खिसकने और भूस्खलन की घटनाये होती रहती है। उधर बीते दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण उत्तराखंड में पहले से ही जनजीवन अस्त व्यस्त हैं और कई संपर्क मार्गों पर लगातार भूस्खलन हो रहा है। कुछ दिनों पहले ही श्रीनगर गढ़वाल में सिरोबगढ़ के पास बादल फटने से बड़ी तबाही मची थी। इस दौरान बद्रीनाथ हाईवे पर भारी लैंडस्लाइड भी हुआ था। जिसकी चपेट में तीन वाहन आ गए थे। उसका मलबा इलाके के फैल गया था जिससे लोगों को भारी नुकसान झेलने को मजबूर होना पडा था।

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