जंगल को बचाने के लिए अन्ना हजारे को खून से लिखा पत्र
महोबा के बुंदेली समाज ने खून से पत्र लिखकर मांग की है कि अब आपका ही सहारा है
नई दिल्ली । भ्रष्टाचार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन छेड़ने वाले प्रमुख समाजसेवी अन्ना हजारे को मध्यप्रदेश के बक्सवाहा जंगल को बचाने के लिए महोबा के बुंदेली समाज ने खून से पत्र लिखकर मांग की है कि अब आपका ही सहारा है। हमारे जंगल को बचा लीजिए। बुंदेलखंड में बेशकीमती बक्सवाहा जंगल है, जिनको बचाने के लिए बुंदेली समाज ने इकट्ठा होकर एक सुर में अन्ना हजारे से खून से पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है। विदित है कि अन्ना हजारे देशव्यापी आंदोलन के लिए जाने जाते हैं। इसलिए बुंदेली समाज ने अब अन्ना हजारे को ही पत्र लिखकर मांग की है। हालांकि बुंदेली समाज पहले ही प्रधानमंत्री को भी खून से पत्र लिख मदद की गुहार लगाई है मगर वहां से कोई समाधान नहीं हो पाया। इसलिए बुंदेली समाज अब अन्ना हजारे की शरण मे आकर जंगलों को बचाना चाहता है।
मध्यप्रदेश के विशाल बक्सवाहा जंगल को बचाने की मुहिम में बुंदेली समाज ने कई जिलों के सामाजिक संगठनों को जोड़ लिया है। इसमें हमीरपुर, फतेहपुर, बांदा, चित्रकूट, छतरपुर के संगठन शामिल हैं। प्रधानमंत्री को इस संबंध में पहले ही खून से करीब पांच सौ एक खत लिख कर बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर के नेतृत्व में भेजे जा चुके हैं। अब समाज सेवी अन्ना हजारे से इस जंगल को बचाने के लिए गुहार लगाई है। अपने खून से लिखे खत में लिखा है, अन्ना हजारे सादर नमन, आज हम मजबूर होकर आपको अपने खून से खत लिख रहे हैं। प्लीज, बुंदेलखंड के बेशकीमती बक्सवाहा जंगल को कटने से बचाने में हमारी मदद कीजिए। इस जंगल में हीरा भंडार निकल आने के कारण मध्य प्रदेश सरकार ने आदित्य बिड़ला ग्रुप को 2.15 लाख वृक्ष काटने की अनुमति दे दी है। मामला केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय में विचाराधीन है। सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल भी दायर की गई है जिसकी सुनवाई एक जुलाई को है। आप हम बुंदेलों की मदद कीजिए। जय-जय बुंदेलखंड। बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने बताया कि खून से लिखा हुआ पत्र अन्ना हजारे को उनके निवास महाराष्ट्र के जिला अहमद नगर गांव रालेगनसिद्वि पते पर भेज कर इस मुहिम को सफल बनाने में मदद मांगी गई है। बताया कि आसपास जिले के सामाजिक संगठनों की बहुत मदद मिल रही है।