युवाओं के लिए वरदान साबित होगी एकल भर्ती परीक्षा!

प्रधानमंत्री ने योजना की घोषणा करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि, राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी करोड़ों युवाओं के लिए एक वरदान साबित होगी

Update: 2020-08-20 14:31 GMT

नई दिल्ली। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रारूप लाने के बाद युवाओं को सरकारी क्षेत्र में रोजगार प्रक्रिया की जटिलताओं को समाप्त करने की भाजपा सरकार ने महत्वाकांक्षी घोषणा की है । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए भर्ती प्रक्रिया में परिवर्तनकारी सुधार लाने के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के गठन को मंजूरी दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना की घोषणा करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि, राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी करोड़ों युवाओं के लिए एक वरदान साबित होगी। सामान्य योग्यता परीक्षा (कॉमन एलीजिबिलिटी टेस्ट) के जरिये इससे अनेक परीक्षाएं खत्म हो जाएंगी और कीमती समय के साथ-साथ संसाधनों की भी बचत होगी। इससे पारदर्शिता को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा।

ध्यान रहे वर्तमान में, सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को पात्रता की समान शर्तें निर्धारित किए गए विभिन्न पदों के लिए अलग-अलग भर्ती एजेंसियों द्वारा संचालित की जाने वाली भिन्न-भिन्न परीक्षाओं में सम्मिलित होना पड़ता है, भिन्न-भिन्न भर्ती एजेंसियों को शुल्क का भुगतान करना पड़ता है और इन परीक्षाओं में भाग लेने के लिए लंबी दूरियां तय करनी पड़ती है। ये अलग-अलग भर्ती परीक्षाएं उम्मीदवारों के साथ-साथ संबंधित भर्ती एजेंसियों पर भी बोझ होती हैं, जिसमें परिहार्य/बार-बार होने वाला खर्च, कानून और व्यवस्था-सुरक्षा संबंधी मुद्दे और परीक्षा केन्द्रों संबंधी समस्याएं सम्मिलित हैं। अनुमानतः इन परीक्षाओं में 2.5 करोड़ से 3 करोड़ उम्मीदवार शामिल होते हैं। अब ये उम्मीदवार एक सामान्य योग्यता परीक्षा में केवल एक बार शामिल होंगे तथा उच्च स्तर की परीक्षा के लिए किसी या इन सभी भर्ती एजेंसियों में आवेदन कर पाएंगे। सरकार ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के लिए 1517.57 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। इस व्यय को तीन वर्षों की अवधि में किया जाएगा। एनआरए की स्थापना के अलावा, 117 जिलों में परीक्षा केंद्र संरचना को स्थापित करने के लिए भी लागत लगेगी।

बताया जा रहा है कि गैर-तकनीकी पदों के लिए उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग/शॉर्टलिस्ट करने हेतु सामान्य योग्यता परीक्षा (सीईटी) को शुरू किए जाने का प्रस्ताव किया गया है। एनआरए एक बहु-एजेंसी निकाय होगी जिसकी शासी निकाय में रेलवे मंत्रालय, वित्त मंत्रालय/वित्तीय सेवा विभाग, एसएससी, आरआरबी तथा आईबीपीएस के प्रतिनिधि शामिल होंगे। एक विशेषज्ञ निकाय के रूप में एनआरए केन्द्र सरकार की भर्ती के क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का पालन करेगी।

देश के प्रत्येक जिले में परीक्षा केन्द्रों से दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले उम्मीदवारों तक पहुंच में काफी आसानी हो जाएगी। प्रारम्भ में 117 जिलों में परीक्षा केंद्र बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जिससे आगे चलकर उम्मीदवारों को अपने निवास स्थान के निकट परीक्षा केन्द्रों तक पहुंचने में मदद मिलेगी। लागत, प्रयास, सुरक्षा के संबंध में इसके लाभ काफी व्यापक होंगे। आशा की जा रही है कि इस प्रस्ताव से ग्रामीण उम्मीदवारों के साथ ही दूर-दराज के क्षेत्र में रहने वाले उम्मीदवार भी परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

उम्मीदवारों को विविध एजेंसियों द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न परीक्षाओं में भाग लेना होता है। सीईटी जैसी एकल परीक्षा से काफी हद तक उम्मीदवारों पर आर्थिक बोझ कम हो सकेगा।

महिला उम्मीदवारों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली महिला उम्मीदवारों, को प्रत्येक जिले में परीक्षा केन्द्रों की उपलब्धता से अधिक लाभ होगा।

एनआरए के तहत, एक परीक्षा में शामिल होने से उम्मीदवारों को कई पदों के लिए प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलेगा। एनआरए प्रथम स्तर टियर-परीक्षा का संचालन करेगा जो कई अन्य चयनों के लिए प्रारंभिक परीक्षा होगी।

ज्ञात हो उम्मीदवारों द्वारा सीईटी में प्राप्घ्त स्कोर परिणाम घोषित होने की तिथि से 3 वर्षों की अवधि के लिए वैध होंगे। वैध उपलब्ध अंकों में से सबसे उच्चतम स्कोर को उम्मीदवार का वर्तमान अंक माना जाएगा। सामान्य योग्यता परीक्षा ऊपरी आयु सीमा के अंतर्गत होगी। सीईटी में भाग लेने के लिए अवसरों की संख्घ्या पर कोई बाध्यता नहीं होगी। सरकार की मौजूदा नीति के अनुसार अजा-अजजा-अपिव तथा अन्य श्रेणियों के उम्मीदवारों को ऊपरी आयु-सीमा में छूट दी जाएगी।

एनआरए द्वारा गैर-तकनीकी पदों के लिए स्नातक, उच्च माध्यमिक (12वीं पास) और मैट्रिक (10वीं पास) वाले उम्घ्मीदवारों के लिए अलग से सीईटी का संचालन किया जाएगा, जिसके लिए वर्तमान में कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) द्वारा भर्ती की जाती है। सीईटी के अंक स्तर पर की गई स्घ्क्रीनिंग के आधार पर, भर्ती के लिए अंतिम चयन पृथक विशेषीकृत टियर (प्प्ए प्प्प् इत्यादि) परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा जिसे संबंधित भर्ती एजेंसी द्वारा संचालित किया जाएगा। इन परीक्षाओं का पाठ्यक्रम सामान्य होने के साथ-साथ मानक भी होगा।

उम्मीदवारों के पास एक ही पोर्टल पर पंजीकृत होने की तथा परीक्षा केन्द्रों के लिए अपनी पसंद व्यक्त करने की सुविधा होगी। उपलब्धता के आधार पर उन्हें परीक्षा केन्द्र आबंटित किए जाएंगे। सीईटी अनेक भाषाओं में उपलब्ध होगा।

प्रारम्भिक चरण में अंकों का उपयोग तीन प्रमुख भर्ती एजेंसियों द्वारा किया जाएगा। आशा की जा रही है कि केन्द्र सरकार की अन्य भर्ती एजेंसियां इसे अपना लेंगी। सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र की अन्य एजेंसियों को यह छूट होगी कि यदि वे चाहे तो इसे अपना सकती हैं। बाद में सीईटी के प्राप्तांक को केन्द्र सरकार, राज्य सरकारोंध्संघ राज्य क्षेत्रों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा निजी क्षेत्र की अन्य भर्ती एजेंसियों के साथ साझा किया जा सकता है। भर्ती प्रक्रिया को एकल पात्रता परीक्षा कम करेगी। कुछ विभागों ने सीईटी में प्राप्त अंकों के आधार पर शारीरिक परीक्षा एवं चिकित्सीय परीक्षण के साथ भर्ती करने तथा भर्ती के लिए किसी भी द्वितीय चरण की परीक्षाओं को समाप्त करने का संकेत किया है। एनआरए मॉक टेस्ट आयोजित करेगा तथा 24ग7 हेल्पलाइन और शिकायत निवारण पोर्टल प्रारम्भ भी करेगा।

(मानवेन्द्र नाथ पंकज-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

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