पाक आर्मी चीफ जनरल बाजवा की नींद क्यों उड़ी है ?
जनवरी, 2020 से भारत में घुसपैठ की घटनाओं की घटनाओं में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है।
नई दिल्ली । लद्दाख क्षेत्र में भारत-चीन टकराव को देखते हुए जबरिया कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र के हॉस्पिटलों के पचास फीसदी बेड पाक सैनिको के लिए आरक्षित करने की खबरें आ रही हैं। इसके मायने गहरे है। पाक संसद में ओसामा बिन लादेन को शहीद बता कर विवादों में घिरे प्रधानमंत्री इमरान खान अंदरूनी आर्थिक स्थिति से परेशान है। जबकि भारतीय सेना की दहशतगर्दों के विरुद्ध ऑपरेशन ऑल आउट से पाक सेना अपना अंजाम सोच कर हलकान लग रही है।
स्मरण रहे जनवरी, 2020 से भारत में घुसपैठ की घटनाओं की घटनाओं में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। साथ ही इन घुसपैठियों को कवर फायर देने के लिए सीमा पर क्रॉस फायरिंग में बेतहाशा वृद्धि देखी जा रही है। पाक सेना भारत की सेना की किलिंग पावर से चकित है। जो भी आतंकवादी घुसपैठ कर रहे है, वे यदि एक बार भारत की सीमा के अंदर आ गए, किसी कारण बच गए तो भी मरना ही उनकी नियति बन गई है। भारतीय सेना उन्हें एक के बाद मोर्चा या घेराबंदी कर जहन्नुम के दर्शन करने पर विवश कर रही है। दूसरी तरफ सीमा पर कवर फायरिंग करने वाले पाक सैनिकों पर भारतीय सैनिक बिजली की भांति टूट पड़ रहे हैं। एक रिपोर्ट बताती है कि नियंत्रण रेखा के उस पार से पाकिस्तानी सेना भारत के गांवों को निशाना बनाकर गोले दाग रही है। इस साल जनवरी सेजून तक 6 महीने में पाकिस्तान ने 2027 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। हालांकि, हर बार भारतीय सेना ने भी इसका माकूल जवाब दिया। इस दौरान कश्मीर में 100 आतंकी मारे। इनमें से कुछ आतंकी संगठनों के कमांडर थे। विगत वर्ष पाकिस्तान ने कश्मीर में सबसे ज्यादा 3168 बार सीजफायर तोड़ा था। रक्षा सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी सेना कोरोना महामारी का फायदा उठाना चाहती है। इस समय आतंकियों की भारत में घुसपैठ कराने के लिए वह हर मुमकिन कोशिश कर रही है। आतंकियों के खात्मे के लिए सेना ने ऑपरेशन ऑल आउट शुरू किया। घाटी में आतंकियों को हथियारों की किल्लत हो रही है। ऐसे में वे सुरक्षाबलों से बचकर भाग रहे हैं। भारतीय सीमा में हथियार लेकर आया ड्रोन सुरक्षा बलों के हाथ लगा। पाकिस्तान इन आतंकियों की मदद के लिए हथियारों की तस्करी कराने की कोशिशों में है। शोपियां में 9 आतंकी मारे गए। तब पता चला कि हिज्बुल जैसे आतंकी संगठनों के पास भी हथियारों की किल्लत है। इस वर्ष संघर्ष विराम की घटनाएं माह वार है- जनवरी-367, फरवरी-366, मार्च-411, अप्रैल-387, मई-382 व जून में अब तक 114।
ज्ञात हो वर्ष 2014 में कुल 110 आतंकी मारे गए, जबकि उसके अगले वर्ष ही यानी साल 2015 में 108 आतंकियों को ढेर किया गया। साल 2016 में तो कुल 150 आतंकियों को भारतीय सुरक्षाबलों ने मार गिराया। इसके बाद वर्ष 2017 में 213 आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया। आगामी वर्ष 2018 में कुल 257 आतंकी मारे गए. जबकि साल 2019 में आतंकी 157 आतंकी मारे गए और वर्ष 2020 में अब तक 93 आतंकियों को जहन्नुम जाना पड़ा है। दहशत का आलम यह है कि कश्मीर के शोपियां में 4 दिन में 14 आतंकी खत्म कर दिए गए। जबकि 15 दिनों में 8 टॉप कमांडर समेत 24 आतंकियों को भारतीय सेना अन्य सुरक्षा बलों के साथ संयुक्त अभियान में मौत के घाट उतार चुकी है।
सवाल यह है कि पाक सेना करे तो क्या करे। आतंकवादी लगतार प्रलोभनों के बावजूद भारत-सीमा की ओर देखने से भी कतराने लगे हैं। पाक सैनिक अलग दहशत में है। क्रॉस फायरिंग पर भारतीय सेना उन पर रहम करने को तैयार नहीं है। आतंकियों को हथियार मुहैया कराना टेढ़ी खीर बन गया है। इसको देखते हुए पाक ने आतंकियों की भर्ती के लिए नया पैतरा अपनाया है । पाक दूतावास पर भारत सरकार द्वारा कठोर कार्रवाई इसी संदर्भ में की गई है।
खुफिया एजेंसियों की एक रिपोर्ट से पता चला है कि पाक दूतावास जम्मू-कश्मीर के युवाओं को गुमराह कर उन्हें अपने यहां तालीम देने के लिए वीजा दे रहा है। इसमें पाकिस्तान की मदद जम्मू-कश्मीर में बैठे कुछ संगठनों के नेता कर रहे हैं। वहीं जब घाटी के ये युवक पाकिस्तान पहुंचते हैं, तो उन्हें आतंक की तालीम मिलती है। जनवरी 2017 से लेकर अब तक पाकिस्तानी दूतावास ने जम्मू-कश्मीर के करीब 400 छात्रों को वीजा दिया है। इनमें से आतंकी बने तीन युवक कश्मीर में गत पांच अप्रैल को सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए। ये तीनों तालीम वीजा पर पाकिस्तान गए थे। जांच एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि घाटी के कई इलाकों से पाकिस्तान में शिक्षा ग्रहण करने गए छात्रों की जांच पड़ताल की जा रही है। ईरान व बांग्लादेश से आए जायरीन व छात्र भी पाक के जाल में फंसे हो सकते हैं। इसलिए इनकी भी जांच की जानी चाहिए। सम्भावनाएं जताई जा रही हैं कि लद्दाख के एक कांग्रेस नेता बताए जा रहे, के वीडियो से पता चलता है कि तथाकथित कश्मीरी अवाम के द्वारा चीन-पाक सेनाओं के स्वागत की तैयारी व कुछ स्थानीय लड़कों को आतंकी बनाकर कश्मीर की आजादी की आड़ लेकर पाक सेना एक बार पुनः पहले छ्द्म वेश में भारतीय सीमा पर घातक हमला कर सकती है। पाक सेना का बैट दस्ता कायराना हरकत में माहिर माना जाता है। उसे यह भी आशंका है कि इस तरह की कोई भी कार्रवाई भारतीय सेना को निर्णायक कदम उठाने पर मजबूर कर देगी। भारतीय प्रधानमंत्री सेना को कब तक संयम की घुट्टी पिलाएंगे?
पाक मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने पाक अधिकृत कश्मीर के स्वास्थ्य मंत्री को लिखे एक पत्र में लिखा है कि वहां के हॉस्पिटल्स में सैनिकों के लिए 50 प्रतिशत बेड आरक्षित रखी जाए। पीओके के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर मुहम्मद नजीब नकी खान ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि इस बाबत उन्हें एक पत्र मिला है। बताया जा रहा है कि बाजवा ने पत्र में लिखा था, कृपया सुनिश्चित करें कि आजाद जम्मू और कश्मीर के सभी अस्पतालों में हर समय 50 फीसदी बिस्तरों को सैनिकों के लिए आरक्षित (रिजर्व) रखा जाए। साथ ही, आपातकालीन स्थिति के लिए ब्लड बैंकों में ब्लड का भी पर्याप्त स्टॉक बनाए रखा जाए। पत्र का विवरण बताता है कि पाकिस्ता और पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल बाजवा भारत की ओर से पीओके पर कार्रवाई से बुरी तरह आशंकित हैं। पाकिस्तान इसी दहशत में तमाम तैयारियों में जुटा है, क्योंकि चीन विवाद के चलते पाक पर आसन्न कार्रवाई भले ही टल गई हो परन्तु भारत सर्जिकल स्ट्राइक और एअर स्ट्राइक की तरह कोई और भी स्ट्राइक पाकिस्तान पर कर सकता है। स्मरण रहे वर्ष 2019 बालाकोट हवाई हमले में भारतीय वायु सेना के 12 मिराज 2000 जेट्स ने नियंत्रण रेखा पार करके बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद संचालित आतंकवादी शिविर पर हमला किया था और इस ऑपरेशन के दौरान तमाम आतंकवादी मारे गए थे, जिसके बाद से पाकिस्तान घबराया हुआ है कि भारत कहीं एक बार पुनः नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का जवाब देने के लिए उस पर स्ट्राइक न कर दे। बताया यह भी जा रहा है कि पाक अधिकृत कश्मीर व गिलगित-बाल्टिस्तान में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी भारी हथियारों के साथ मौजूद है फिर भी पहले तो पाक सेना को ही भारतीय सेना का सामना करना पड़ेगा। चीन सेना पर भारतीय जवानों की धमक से जनरल बाजवा की रातों की नींद गायब है। उन्हें भलीभांति पता है कि भारतीय सेना का आमने सामने चीन पाक व नेपाल सेना मिलकर भी सामना नहीं कर सकती, इसलिए उन्हें मैदान से दूर कूटनीति में उलझा कर थकाना ही आत्म रक्षा का मार्ग हो सकता है।
परन्तु जब भारतीय जवान सामने आ गए तो कैसे बचेंगे, इसलिए एहतियातन बाजवा पाक जनता, हॉस्पिटल व
सेना को चाक चैबंद कर रहे हैं। समीचीन होगा यदि चीन की धोखेबाजी के बाद पाक की नापाक हरकत का सामना करने के लिए भारत तैयार रहे।
~ मानवेन्द्र नाथ पंकज (हिफी)