शोला बन सकती है एर्दोगन की जुबान
यहूदी अब किसी के रोकने से नहीं रुकेंगे। उन पर बहुत अत्याचार भी हुआ। अब उनके दिल का गुबार बाहर निकल रहा है।
नई दिल्ली। यहूदी अब किसी के रोकने से नहीं रुकेंगे। उन पर बहुत अत्याचार भी हुआ। अब उनके दिल का गुबार बाहर निकल रहा है। फिलिस्तीनियों और इजरायल के बीच खूनी संघर्ष बढ़ता ही जा रहा है। एक सप्ताह से ज्यादा हो चुका है। दोनों तरफ से राकेट दागे जा रहे हैं। इस बीच तुर्की के राष्ट्रपति, जो अपने देश में स्वयं विवादित हैं, एर्दोगन ने फिलिस्तीन और इसरायल के बीच संघर्ष में अमेरिका को दोषी ठहराने का प्रयास किया है। मुस्लिम देशों के जमावड़े के बीच अमेरिका के समर्थक भी एकजुट हो सकते हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन पर तुर्की जैसे देश के नेता कीचड़ उछाल रहे हैं तो यह बारूद कभी भी शोला बन सकती है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और दुनिया के कई राष्ट्राध्यक्ष इस संघर्ष को समाप्त करने का अनुरोध कर रहे हैं। इसी बीच तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन ने इजरायल का समर्थन करने पर अमेरिका को दोषी ठहराया है। वे कहते हैं कि राष्ट्रपति बाइडन के हाथ खून से सने हैं। इस प्रकार जनवरी में राष्ट्रपति का पद भार संभालने वाले जो बाइडन पर एर्दोगन की यह सबसे तीखी टिप्पणी है। ध्यान रहे कि अमेरिका ने इजरायल के साथ 735 मिलियन डालर के हथियारों की बिक्री को मंजूरी दी है। सन् 1948 में अंग्रेजो की कूटनीति ने इजरायल को 45 फीसद और फिलिस्तीन को 55 फीसद एरिया दिया था। यरुशलम झगड़े ही जड़ है, जिसका ज्यादा हिस्सा फिलिस्तीन के पास है।
मुस्लिम देशों के एक समूह ने कार्रवाई को लेकर इजरायल की निंदा की थी। संगठन ने कहा था कि उसके विचार में इजरायल की कार्रवाई दुनिया भर के मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली और अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है। संगठन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तनाव बढ़ने के लिये इजरायल को जिम्मेदार ठहराने और उस पर हमले रोकने का दबाव डालने की अपील की थी जिसकी वजह से क्षेत्र की सुरक्षा और स्थायित्व के सामने खतरा पैदा हो गया है। संगठन ने स्वतंत्र फलस्तीन के समर्थन के लंबे समय से चले आ रहे अरब जगत के रुख को भी दोहराया था। तेल अवीव में सेना मुख्यालय में सुरक्षा की समीक्षा के बाद नेतेन्याहू ने कहा, उन्होंने हमारी राजधानी पर हमला किया, हमारे शहरों पर रॉकेट दागे। वे इसका खामियाजा भुगत रहे हैं और उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। अभी यह खत्म नहीं हुआ है। गौरतलब है कि इससे पहले, इजरायली सेना के प्रमुख ने गाजा में तनाव बढ़ने के मद्देनजर सैनिकों की तैनाती बढ़ाने का आदेश दिया था। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतेन्याहू ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि उनके देश की गाजा में हमास के खिलाफ हमलों में नरमी बरतने का कोई इरादा नही हैं। फलस्तीनी क्षेत्र को टारगेट करके इजरायल की ओर से भारी बमबारी की गई है। इजरायल की सेना ने शनिवार को गाजा पट्टी पर एक हवाई हमले में कतर के अल-जजीरा टेलीविजन और अमेरिकी समाचार एजेंसी द एसोसिएटेड प्रेस की 13 मंजिला इमारत को नष्ट कर दिया। एएफपी के पत्रकारों ने यह जानकारी दी है। अल-जजीरा ने एक ट्वीट में कहा, इजराइल ने गाजा पट्टी में जाला टॉवर को नष्ट कर दिया, जिसमें अल-जजीरा कार्यालय और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रेस कार्यालय स्थित हैं। एक एपी के पत्रकार ने कहा कि सेना ने हमले से पहले टावर के मालिक को चेतावनी दी थी।
मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि इजरायल के हवाई हमले में एक बहुमंजिला इमारत नष्ट हो गई। यह हमला अशांत गाजा पट्टी में हुआ। जिस भवन पर हमला हुआ उसमें एसोसिएटेड प्रेस और अल-जजीरा जैसे मीडिया संस्थाओं के कार्यालय थे। इमारत में अन्य कार्यालय और आवासीय अपार्टमेंट भी थे। इजरायली बलों द्वारा इस गगनचुंबी इमारत को खाली करने की चेतावनी देने के करीब एक घंटे बाद यह हमला किया गया।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा की स्थिति को लेकर बातचीत की है। नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक इजराइली नेता ने बाइडन को घटनाओं और इजराइल द्वारा की जा रही कार्रवाई या संभावित कदम की जानकारी दी। बयान के मुताबिक नेतन्याहू ने बाइडन को हमारे आत्मरक्षा के अधिकार का अमेरिका द्वारा बिना शर्त दिए गए समर्थन के लिए भी धन्यवाद दिया। बयान के मुताबिक बातचीत के दौरान नेतन्याहू ने इस बात पर जोर दिया कि इजराइल इसके लिए पूरा प्रयास कर रहा है कि जो हिंसा में शामिल नहीं हैं उन्हें किसी नुकसान से बचाया जाए। बाइडन और नेतन्याहू के बीच यह बातचीत शनिवार को इजराइल के हवाई हमले में गाजा सिटी में एक बहुमंजिला इमारत को निशाना बनाये जाने और उसे ध्वस्त करने के कुछ घंट के बाद हुई। इस इमारत में द एसोसिएटेड प्रेस और अन्य मीडिया संस्थानों के कार्यालय थे। मिस्र और सऊदी अरब के विदेश मंत्रियों ने इजराइल और हमास के बीच गाजा पट्टी में जारी लड़ाई में तत्काल संघर्षविराम का शनिवार को आह्वान किया। सरकारी सऊदी प्रेस एजेंसी ने एक बयान के हवाले से यह जानकारी दी। इसमें कहा गया कि सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान ने मिस्र के अपने समकक्ष सामेह शौक्री के साथ वार्ता की है। इसमें कहा गया है कि इस दौरान, दोनों विदेश मंत्रियों ने गाजा में तत्काल संघर्षविराम की आवश्यकता को लेकर सहमत जतायी। मिस्र इस संघर्ष को रुकवाने को लेकर प्रयासरत है। इजरायल और फिलिस्तीन के बीच विवाद गहराता जा रहा है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने करीब एक हफ्ते से चले आ रहे संघर्ष के लिए हमास को जिम्मेदार ठहराया है। उनका आरोप है कि हमास ने इजरायल पर रॉकेट दागकर संघर्ष की शुरूआत की। नेतन्याहू ने शनिवार को कहा कि जब तक जरूरी होगा गाजा में हमले जारी रहेंगे और नागरिक को हताहत होने से बचने के लिए इजरायल पूरी कोशिश करेगा।
समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, नेतन्याहू ने एक टीवी स्पीच में कहा, इस टकराव के लिए जो पक्ष जिम्मेदार है, वो हम नहीं हैं बल्कि हम पर हमला करने वाले हैं। उन्होंने कहा, अभी हम ऑपरेशन के बीच हैं, यह खत्म नहीं हुआ है और जब तक जरूरी होगा यह ऑपरेशन चलता रहेगा। इजरायल के प्रधानमंत्री ने कहा, हम हमास के विपरीत, लोगों को नुकसान पहुंचने से बचाने के लिए जितना संभव हो कर रहे हैं। हमास जानबूझकर आम लोगों के पीछे छिपकर उनको नुकसान पहुंचाने का इरादा रखता है। हम आंतकवादियों को निशाना बना रहे हैं।
इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग कई दिनों से जारी रही। इजरायल ने रविवार तड़के गाजा में हमास के प्रमुख के घर पर बमबारी की तो हमास ने तेल अवीव में रॉकेट दागे। फिलहाल इस संघर्ष पर विराम लगने के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि इजरायल की एयर स्ट्राइक में कम से कम चार फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हुई है और कई लोग घायल हुए हैं। (हिफी)