क्वाड बैठक में सुरक्षा और विकास पर चर्चा
भारत अगले वर्ष सुरक्षा परिषद में सदस्यता ग्रहण कर रहा है।
टोक्यो । भारत, अमेरिका, जापान एवं ऑस्ट्रेलिया ने आज यहां हिन्द प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय स्थिरता एवं समृद्धि के लिए कनेक्टिविटी एवं ढांचागत विकास को बल देने तथा आतंकवाद से मुकाबले, साइबर एवं समुद्री सुरक्षा को मजबूती देने पर विचार विमर्श किया।
जापान की राजधानी टोक्यो में आयोजित चतुष्कोणीय रणनीतिक संवाद (क्वॉड) की दूसरी बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, जापान के विदेश मंत्री तोशीमित्सु मोतेगी, अमेरिका के विदेश मंत्री माइकल पोम्पियो और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मैरिस पायने ने भाग लिया।
Called on PM @sugawitter along with other Quad Foreign Ministers. Spoke about the bilateral and global dimensions of our special partnership. pic.twitter.com/dTyYMZKpZc
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 6, 2020
विदेश मंत्रालय के अनुसार इन नेताओं ने कोविड महामारी के कारण वित्तीय समस्याओं सहित सभी चुनौतियों का मुकाबला करने, कोविड से निपटने के लिए उपायों को साझा करने, अधिक टिकाऊ आपूर्ति श्रृंखला तथा सस्ते टीके, दवाएं एवं चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता बढ़ाने को लेकर समन्वित प्रयास का आह्वान किया। चारों विदेश मंत्रियों ने कनेक्टिविटी, मानवीय सहायता और आपदा राहत, समुद्री सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा और आतंकवाद निरोधक उपायों सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार विनिमय किया।
बैठक में डॉ. जयशंकर ने कहा कि वैश्विक महामारी के बीच इस बैठक का आयोजन इस कठिन समय में हमारे देशों के बीच विचार विनिमय की महत्ता को रेखांकित करता है। हमारी पिछली बैठक सितंबर 2019 में न्यूयॉर्क में हुई थी। तब से अब तक दुनिया बहुत बदल गयी है। कोविड 19 महामारी ने जबरदस्त वैश्विक परिवर्तन किया है। इस साल की घटनाओं ने साबित किया है कि महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियाें पर समान विचार वाले देशों के बीच समन्वय एवं सामूहिक प्रतिक्रिया की आवश्यक है। हमें महामारी के विरुद्ध पहले से अधिक सहनशील होना होगा।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत अगले वर्ष सुरक्षा परिषद में सदस्यता ग्रहण कर रहा है। हम महामारी से उबरने और बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक समाधान खोजने का प्रयास करेंगे। जीवंत एवं बहुलतावादी लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं होने के कारण हमारे मूल्य समान हैं और हम एक समावेशी हिन्द प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्र एवं मुक्त नौवहन को लेकर प्रतिबद्ध है। हम नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय समुद्री नौवहन की स्वतंत्रता, प्रादेशिक अखंडता एवं संप्रभुता के सम्मान तथा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए वचनबद्ध हैं।
डॉ. जयशंकर ने कहा कि हमारा उद्देश्य इस क्षेत्र में सभी देशों के वैधानिक एवं महत्वपूर्ण आर्थिक हितों तथा सुरक्षा को सुदृढ़ करना है। यह संतोष का विषय है कि हिन्द प्रशांत क्षेत्र की अवधारणा को व्यापक समर्थन मिल रहा है। इस बैठक में हिन्द प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय स्थिरता एवं समृद्धि के लिए कनेक्टिविटी एवं ढांचागत विकास को बल देने तथा आतंकवाद, साइबर एवं समुद्री सुरक्षा को सुदृढ़ करने पर सार्थक विचार विमर्श होने की आशा है।