लद्दाख में डटे जवानों को ठंड से बचाना बड़ी चुनौती, सेना खरीदेगी विशेष टेंट
लद्दाख में 30 हजार जवानों की तैनाती की हुई है मगर अब सेना के सामने दुश्मन के अलावा अत्यधिक ठंड से निपटने की भी चुनौती सामने है
नई दिल्ली। चीनी आक्रामकता के खिलाफ भारत ने लद्दाख क्षेत्र में अतिरिक्त 30 हजार जवानों की तैनाती की हुई है। मगर अब सेना के सामने दुश्मन के अलावा अत्यधिक ठंड से निपटने की भी चुनौती सामने है। इसी के तहत भारतीय सेना जल्द ही ऐसे टेंट खरीदने वाली है, जो जवानों को ठंड से बचा सकें। वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों का मानना है कि भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध सितंबर-अक्तूबर तक जारी रह सकता है। सेना के उच्च सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि यदि इस समय चीनी सैनिक पीछे हट भी जाते हैं तो हम भविष्य को लेकर किसी तरह का जोखिम नहीं उठा सकते। हमें यहां पर हमेशा सावधान रहना होगा इसलिए हम पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में अत्यधिक ठंड के मौसम में रहने के लिए हजारों टेंट लगाने के आदेश देने वाले हैं।
सूत्रों ने कहा, 'सीमा पर सभी हथियार और गोला बारूद के अलावा, हमारी आपातकालीन खरीद का प्रमुख ध्यान सैनिकों को आवास प्रदान करने पर होगा।' चीनी सैनिकों ने सर्दियों के लिए विशेष टेंट लगाने शुरू कर दिए हैं। वहीं भारतीय पक्ष में इस तरह के टेंट और संरचना सियाचिन ग्लेशियर पर लगाए जाते हैं। इनमें से कुछ का प्रयोग पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में किया जाएगा। हालांकि हमें ज्यादा संख्या में टेंट की जरूरत है।
सूत्रों ने कहा कि सेना ऐसे टेंटों के लिए भारतीय और यूरोपीय दोनों बाजारों को देख रही है क्योंकि अत्यधिक ठंड का मौसम आने से पहले इन्हें खरीदने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने हथियारों, गोला-बारूद और निवास स्थान की किसी भी प्रकार की कमी को दूर करने के लिए रक्षा बलों को प्रति खरीद के लिए 500 करोड़ रुपये की वित्तीय शक्तियां दी हुई हैं। वहीं लद्दाख की गलवां घाटी में चीनी सैनिकों ने अपने स्थान से पीछे हटना शुरू कर दिया है। हालांकि, यह साफ नहीं हुआ है कि ऐसा तनाव कम करने के लिए की गई वार्ताओं की वजह से हुआ है या नहीं। लेकिन चीनी सैनिक अपने टेंट को हटाकर पीछे की तरफ ले जा रहे हैं। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है।
(हिफी न्यूज)