विपक्षी दलों की बैठक में ईवीएम में गड़बड़ी और चुनाव ईवीएम के स्थान पर बैलेट पेपर से हों सभी सहमत
आज की बैठक में समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव, मोहम्मद आजम खां, रामगोविन्द चौधरी, अहमद हसन, नरेश उत्तम पटेल, राजेंद्र चौधरी एवं एसआरएस यादव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से राकेश, राष्ट्रीय जनता दल से अशोक कुमार सिंह, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से रमेश दीक्षित, कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) से एसपी कश्यप, आम आदमी पार्टी से गौरव माहेश्वरी, जनवादी पार्टी से डाॅ0 संजय चैहान, आरबीएम (गैर राजनीतिक) से नसीमुद्दीन सिद्दीकी, जनता दल यू (शरद यादव) से सुरेश निरंजन भईया अपना दल से पल्लवी पटेल, राष्ट्रीय लोक दल से डाॅ0 मसूद अहमद, शिव करन सिंह, पीस पार्टी से डाॅ0 मोहम्मद अयूब, एवं निषाद पार्टी से डाॅ0 संजय कुमार निषाद आदि शामिल हुए।
लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पहल पर आज विपक्षी दलों की बैठक जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट, लखनऊ में हुई, जिसमें ईवीएम में गड़बड़ी पर सभी सहमत थे। बैठक में शामिल दल पहले से ही ईवीएम द्वारा चुनाव की निष्पक्षता एवं विश्वसनीयता पर संदेह व्यक्त करते रहे हैं। बैठक में शामिल दलों के प्रतिनिधियों ने अखिलेश यादव को इस सम्बंध में पहल करने के लिए धन्यवाद दिया और तय हुआ कि एक बार फिर इस सम्बंध में बैठक होगी। सभी दल इस बात पर सहमत हुए हैं कि चुनाव ईवीएम के स्थान पर बैलेट पेपर से हों सिवाय कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) के।
आज की बैठक में समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव, मोहम्मद आजम खां, रामगोविन्द चौधरी, अहमद हसन, नरेश उत्तम पटेल, राजेंद्र चौधरी एवं एसआरएस यादव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से राकेश, राष्ट्रीय जनता दल से अशोक कुमार सिंह, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से रमेश दीक्षित, कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) से एसपी कश्यप, आम आदमी पार्टी से गौरव माहेश्वरी, जनवादी पार्टी से डाॅ0 संजय चैहान, आरबीएम (गैर राजनीतिक) से नसीमुद्दीन सिद्दीकी, जनता दल यू (शरद यादव) से सुरेश निरंजन भईया अपना दल से पल्लवी पटेल, राष्ट्रीय लोक दल से डाॅ0 मसूद अहमद, शिव करन सिंह, पीस पार्टी से डाॅ0 मोहम्मद अयूब, एवं निषाद पार्टी से डाॅ0 संजय कुमार निषाद आदि शामिल हुए।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि अखिलेश यादव की पहल के पीछे यह मंषा है कि चुनाव की निष्पक्षता, पवित्रता और विश्वसनीयता बनी रहे। जनता के मन में ईवीएम को लेकर जो संदेह हैं उससे लोकतंत्र को खतरा है। चुनाव में धांधली की गुंजायश बढ़ती जा रही है। अगर मतदाता का भरोसा उस पर नहीं रहा तो फिर चुनाव के परिणामों पर भी भरोसा नहीं होगा। वैसे भी मतदाता को ईवीएम मशीन की न आदत है, न अभ्यास है और नहीं यकीन है। लोकतंत्र में राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी है कि मतदान में किसी तरह का छल न हो।