1947 की आजादी को भीख बताने वाली पदमश्री कंगना का पुतला फूंका
स्वतंत्रता सेनानियों की ओर से बॉलीवुड अभिनेत्री को दिए गए पदमश्री अवार्ड को वापस लिए जाने की मांग भी उठाई गई है
नई दिल्ली। वर्ष 1947 में मिली आजादी को भीख बताते हुए असली आजादी वर्ष 2014 में मिलने की बात कहने वाली पदमश्री बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत का पुतला फूंकते हुए स्वतंत्रता सेनानियों ने अभिनेत्री के बयान पर गहरा रोष जताया है। स्वतंत्रता सेनानियों की ओर से बॉलीवुड अभिनेत्री को दिए गए पदमश्री अवार्ड को वापस लिए जाने की मांग भी उठाई गई है।
वर्ष 1947 में देश को मिली आजादी को भीख बताते हुए असली आजादी वर्ष 2014 में मिलने की बात कहने वाली पदमश्री बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत का देश भर में विरोध जारी है। भाजपा नेताओं समेत अन्य तमाम लोगों ने कंगना रनौत की ओर से दिए गए बयान पर अपनी आपत्ति जताई है। इंदौर में स्वतंत्रता सेनानियों की ओर से शनिवार को पदमश्री बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत का पुतला फूंका गया और उनके द्वारा दिए गए बयान पर गहरा रोष जताया है। एमजी रोड पर किए गए इस विरोध प्रदर्शन में शामिल स्वतंत्रता सेनानी आशा गोविंद खादीवाला ने कहा है कि वर्ष 1947 में मिली आजादी को भीख बताने वाली कंगना रनौत ने चापलूसी की सभी हदे पार कर दी है, जिसके चलते कंगना को स्वतंत्रता सैनानियों और शहीदो का त्याग, बलिदान और संघर्ष दिखाई नही दे रहा है। उन्होंने कहा कि कंगना को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए। क्योंकि अंग्रेजों की दासता से हमें बड़े संघर्ष और बलिदान के बाद आजादी मिली है। लेकिन स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग एवं बलिदान को एक अभिनेत्री ने जरा सी देर में तार-तार कर दिया है। उधर महिला कांग्रेस कार्यकर्ता की ओर से फिल्म अभिनेत्री के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। जोधपुर महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष मनीषा पंवार ने अपनी शिकायत में कहा है कि कंगना रनौत ने आजादी की लड़ाई लड़ने वालों के साथ-साथ अपने बयान से देश के लोगों का भी अपमान किया है।