शहीद की अंतिम यात्रा में उमड़े लोग
दीपावली के त्योहार की खुशियां एक तरफ छोड़कर पूरे गांव ने अपने बेटे की शहादत पर गर्व के आंसू बहाए।
झुंझुनू, अरुणाचल प्रदेश में सेना के हेलिकॉप्टर रुद्र के क्रैश हादसे में शहीद हुए राजस्थान में झुंझुनू जिले के उदयपुरवाटी में पोसाना गांव की खैरवा ढाणी में आज शहीद रोहिताश्व खैरवा का राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया।
इससे पहले साथी जवानों ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। शहीद रोहिताश्व की पार्थिव देह को पांच साल की बेटी रीतिज्ञा ने मुखाग्नि दी तो लोगों की आंख नम हो गई। इस दौरान सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढा, अतिरिक्त जिला कलेक्टर जेपी गौड और पुलिस अधीक्षक मृदुल कछावा ने शहीद को श्रद्धांजलि दी।
दीपावली के त्योहार की खुशियां एक तरफ छोड़कर पूरे गांव ने अपने बेटे की शहादत पर गर्व के आंसू बहाए। शहीद रोहिताश्व की पांच साल की बेटी रीतिज्ञा को मालूम ही नहीं की पापा अब इस दुनिया में नहीं रहे। जवान रोहिताश्व की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव पोसाना में खैरवा की ढाणी पहुंची तो वीरांगना सुनीता बेसुध हो गई। जिसे परिवार वालों ने पकड़कर शहीद के अंतिम दर्शन करवाए। दीपावली का त्योहार छोड़कर पूरे गांव की महिलाएं शहीद के घर पहुंचीं। महिलाओं ने शहीद के परिवार को ढांढस बंधाया।
शहीद रोहिताश्व का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान पोसाना समेत कई गांवों के लोग अंतिम दर्शन करने उमड़े। शहीद रोहिताश्व अमर रहे के नारे लगते रहे। इससे पहले पार्थिव देह रविवार रात साढ़े 9 बजे गुढ़ागौडजी पुलिस थाने पहुंची थी। तिरंगा यात्रा के लिए पार्थिव देह लेकर जाने वाले ट्रक को फूलों से सजाया गया।
सोमवार सुबह तिरंगा यात्रा के साथ पैतृक गांव के लिए रवाना हुई थी। सुबह साढ़े 10 बजे तिरंगा यात्रा पैतृक गांव पहुंची। परिवार और गांव के लोगों ने अंतिम दर्शन किए। गुढ़ागौड़जी से पोसाना गांव तक निकली तिरंगा यात्रा में सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा, पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी, सरपंच प्रतिनिधि प्रह्लाद बांगड़वा सहित कई लोग शामिल हुए।
रोहिताश्व खैरवा अपने परिवार में दूसरे शहीद हुए हैं। रोहिताश्व के ताऊ दयानंद खैरवा ने बताया कि परिवार के लिए यह दर्द इसलिए भी बड़ा है क्योंकि रोहिताश्व के दादा ग्रेनेडियर बालाराम ने 11 सितंबर 1967 में देश के लिए शहादत दी थी। बालाराम रोहिताश्व के दादा पिरथाराम के सगे भाई थे। वे 27 नवंबर 1962 को भर्ती हुए थे। दयानंद खैरवा ने बताया कि बचपन से ही रोहिताश्व अपने दादा की शहादत की कहानियां सुनता था। उसे सेना में जाने का क्रेज था।
पोसाना गांव में रोहिताश्व छटे शहीद हुए हैं। पोसाना में श्मशान के पास अमर शहीद स्मारक बना हुआ है। जहां शहादत देने वाले शहीद सेडूराम मेचू, शहीद जोधाराम महला, शहीद बोहितराम ढेवा, शहीद बालाराम खैरवा एवं शहीद धर्मपाल सिंह ढेवा की प्रतिमाएं लगी हैं। जहां दादा का अंतिम संस्कार किया गया था, अब उसी जगह पोते का अंतिम संस्कार किया जाएगा। उदयपुरवाटी के पोसाना गांव के ये पांच जवान शहीद हुए थे। इनमें शहीद रोहिताश्व के दादा बालाराम खैरवा भी है। पोसाना गांव के बस स्टैंड पर यह स्मारक बना हुआ है। अब इस गांव के छठे शहीद रोहिताश्व हैं।
अरुणाचल प्रदेश में शुक्रवार को टूटिंग हेडक्वार्टर से 25 किलोमीटर दूर सिंगिंग गांव के पास सेना का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। हादसे में रोहिताश्व समेत 5 जवान शहीद हो गए थे। जहां हादसा हुआ वह एरिया सड़क मार्ग से कनेक्टेड नहीं था। इसलिए मौके तक पहुंचने में सेना को वक्त लगा। रुद्र सेना का अटैक हेलिकॉप्टर है।