खाद्यान्न संकट- टैंक बंदूक चलाने के बजाय अब खेतों में हल चलाएगी सेना

इस बात पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं कि दक्षिण वजीरिस्तान में सेना द्वारा ली गई है जमीन दुर्गम पहाड़ियों एवं चोटियों...

Update: 2023-11-05 07:16 GMT

नई दिल्ली। खाद्यान्न संकट के चलते दाने-दाने को मोहताज हो चुके पड़ोसी देश पाकिस्तान के हालात अब इस कदर खराब हो गए हैं कि टैंक एवं बंदूक चलाने वाली सेना अब इनके बजाय खेतों में पसीना बहाते हुए ट्रैक्टर चलाकर खाद्यान्न उगायेगी।

रविवार को दा न्यूज़ इंटरनेशनल अखबार के मुताबिक इसी साल के सितंबर महीने में पाकिस्तान के पंजाब में सेना को चार लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर 30 साल का पट्टा देने के लिए एक समझौता हुआ है।

सेना को दी गई यह जमीन दिल्ली के आकार से तीन गुना इलाके के बराबर है। अखबार में दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि नवंबर महीने की शुरुआत में बिल्कुल इसी तरह के एक और अन्य समझौते पर सेना द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं। मसौदे के तहत पाकिस्तान की सेवा अशांत दक्षिणी वजीरिस्तान एवं खैबर पख्तूनवा प्रांत में तकरीबन 17 000 हेक्टेयर से भी अधिक जमीन पर खेती-बाड़ी करते हुए खाद्यान्न उत्पन्न करेगी।

अब इस बात पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं कि दक्षिण वजीरिस्तान में सेना द्वारा ली गई है जमीन दुर्गम पहाड़ियों एवं चोटियों वाले एक उबड़-खाबड़ इलाके के रूप में है। जहां भीषण गर्मी और सर्दियों में कड़कड़ाती ठंड पड़ती है और यहां पर सिंचाई की कोई पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। अब सेना को दी गई इस जमीन पर बड़े पैमाने पर पाकिस्तान के सैनिक किस प्रकार से खेती बाड़ी करते हुए खाद्यान्न उगा सकेंगे।

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