हालात छिपा रही सरकार- कोरोना से मरे लोगों का नहीं हो रहा अंतिम संस्कार

नाकाफी साबित हो रही चिकित्सा व्यवस्था के बीच मर रहे लोगों को अंतिम संस्कार का भी ठीक से मौका नहीं मिल रहा है।

Update: 2022-12-18 06:06 GMT

नई दिल्ली। अपनी उल जलूल हरकतों एवं विस्तारवादी नीतियों से सुर्ख़ियों में बने रहने वाला चीन अपने देश के भीतर बढ़ रहे सरकार के विरोध और कोरोना महामारी से बुरी तरह पस्त होते हुए ऐसे हालातों में पहुंच गया है कि वहां के अस्पतालों और अंतिम संस्कार गृहों में कर्मचारी ढूंढने से नहीं मिल रहे है क्योंकि ज्यादातर लोग कोरोना वायरस की चपेट में आकर संक्रमित हो चुके हैं। नाकाफी साबित हो रही चिकित्सा व्यवस्था के बीच मर रहे लोगों को अंतिम संस्कार का भी ठीक से मौका नहीं मिल रहा है।

दरअसल कोरोना वायरस की उत्पत्ति लेबोरेटरी के भीतर विकसित करने के आरोप झेल चुके चीन के भीतर अब हालात बद से भी बदतर स्थिति में पहुंच चुके हैं। ओमीक्रोन वैरीअंट को कमजोर कहने के बाद चीन में अपनाई गई जीरो कोविड-19 पॉलिसी के खिलाफ जब विरोध शुरू हुआ तो जिनपिंग सरकार ने घुटने टेकते हुए पाबंदियों में ढील देनी शुरू कर दी। जिससे हालात बेकाबू होने लगे हैं। हालात ऐसे हो चले हैं कि देश की बड़ी आबादी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गई है। अस्पतालों में मरीजों को भर्ती कर उनके इलाज की जगह नहीं रही है। रोजाना लोगों के लगातार मरने से शवदाह गृह में भी कर्मचारी नहीं मिल पा रहे हैं क्योंकि अस्पताल एवं शवदाह गृह के कर्मचारी भी कोरोना की संक्रमण में आ गए हैं। चीन ने अपनी 1.4 अरब की आबादी से अब कह दिया है कि जब तक स्थिति गंभीर ना हो लोग घर पर ही अपना इलाज करें। बीजिंग में रेस्टोरेंट, कूरियर, अस्पताल और पार्लर आदि खाली पड़े हुए हैं। क्योंकि यहां का स्टाफ कोरोना संक्रमित हो चुका है। आजकल अंतिम संस्कार करना भी चीन में मुश्किल हो गया है, क्योंकि स्टाफ कोरोना संक्रमित है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि ज्यादा लोगों की मौत कोरोनावायरस ने से हुई है या फिर स्टाफ की कमी की वजह से।

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