ओमिक्रॉन को लेकर नेपाल सरकार सख्त-भारतीयों की कर दी नो एंट्री
बॉर्डर पर बस में सवार होकर गए अनेक पर्यटकों को नेपाल ने अपने देश के भीतर एंट्री नहीं दी है
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के नए वैरीएंट ओमिक्रॉन के खतरे को लेकर सजग हुई नेपाल सरकार ने भारतीय पर्यटकों की एंट्री बंद करते हुए आरटीपीसीआर रिपोर्ट जरूरी कर दी है। अब 72 घंटे पहले की कोरोना एनटीपीसीआर रिपोर्ट होने पर भारतीय लोगों को नेपाल में एंट्री मिल सकेगी। बॉर्डर पर बस में सवार होकर गए अनेक पर्यटकों को नेपाल ने अपने देश के भीतर एंट्री नहीं दी है।
रविवार को नेपाल सरकार की ओर से कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए भारतीय टूरिस्टो की एंट्री के लिए आरटीपीसीआर की रिपोर्ट अनिवार्य कर दी है। नए आदेशों के अंतर्गत 72 घंटे पहले की नेगेटिव रिपोर्ट होने पर ही पर्यटकों को नेपाल में घुसने की अनुमति दी जाएगी। बिना आरटीपीसीआर रिपोर्ट के महाराजगंज के सोनौली बॉर्डर पर पहुंचे पर्यटकों की बसों को नेपाल के अधिकारियों ने अपने देश में एंट्री नहीं दी और उन्हें बैरंग ही लौटा दिया। नेपाल सरकार के इस निर्णय को लेकर भारतीय पर्यटकों की ओर से अपनी नाराजगी जाहिर की गई है। पर्यटकों का कहना है कि आरटीपीसीआर रिपोर्ट की बाबत हमें पहले ही जानकारी देनी चाहिए थी। यदि हमारे पास आरटीपीसीआर रिपोर्ट नहीं थी तो हम लोग पहले ही यहां पर नहीं आते। अब यहां पर पता चल रहा है कि बिना आरटीपीसीआर रिपोर्ट के नेपाल में घुसने पर प्रतिबंध है। भारत और नेपाल सरकार के बीच पिछले 2 सप्ताह पहले ही इस बात का समझौता हुआ था कि दोनों देशों के नागरिक कोविड-19 के टीके की दोनों डोज लगने का प्रमाण पत्र दिखाकर एक दूसरे के देश में आवाजाही कर सकेंगे। लेकिन इसी बीच बिना आदेश नेपाल सरकार ने भारतीय पर्यटकों से 72 घंटे की आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट मांगनी शुरू कर दी है।