डॉक्टर गरीब मरीजों के लिए जेनरिक दवा लिखें : जावडेकर

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि डॉक्टरों को गरीब लोगों की सहायता के लिए जेनरिक दवाओं को लिखना चाहिए।

Update: 2021-03-07 11:46 GMT

पुणे। केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने रविवार को कहा कि डॉक्टरों को गरीब लोगों की सहायता के लिए जेनरिक दवाओं को लिखना चाहिए। 

प्रकाश जावडेकर ने कहा कि गंभीर बीमारियों को छोड़कर अन्य बीमारियों के लिए जेनेरिक दवा के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। पुणे में तीसरे जन औषधि दिवस के अवसर पर प्रकाश जावड़ेकर ने देश में जेनरिक दवाओं के अधिक उपयोग काे बढ़ावा देने की दिशा में डॉक्टरों के लिए एक अभियान शुरू करने की घोषणा की।

केन्द्रीय मंत्री ने यहां कोथ्रुड में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केन्द्र का दौरा किया और शिलांग से प्रधानमंत्री के सीधे प्रसारण में शामिल हुए।

उन्हाेंने डॉक्टरों और लाभार्थियों से जन औषधि केन्द्र में बातचीत की। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना को शुरू किया है जो 50 करोड़ भारतीयों के लिए मददगार है। उन्होंने कहा दवाईयों की कीमतें जन औषधि केन्द्रों पर बाजार की तुलना में 60 से 70 फीसदी सस्ती मिलती हैं। जहां 500 से अधिक दवाईयों की कीमतों में कमी देखी गयी है।

उन्होेंने आगे कहा कि इस योजना के तहत दिल में स्टेंट लगवाने और घुटने को बदलवाने जैसे बड़े ऑपरेशन बहुत कम लागत में करा सकते हैं। इस योजना ने दवाओं की लागत को इतना कम किया गया है कि लोग इसे मोदी की सस्ती दवाओं की दुकान भी कहते हैं।

प्रकाश जावडेकर ने कहा कि इस योजना को 100 केन्द्रों में शुरू किया गया था और अब ऐसे केन्द्रों की संख्या बढ़कर 500 हो गयी है। उन्हाेंने कहा कि जम्मू- कश्मीर अपने निवासियों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है तथा वहां आय का कोई मानक इस पैमाने में शामिल नहीं किया गया है देश में अब 50 हजार कल्याण केन्द्र हैं जो योगा और अन्य अभ्यास को प्रशिक्षण उपलब्ध करा रहे हैं जिनकी संख्या शीघ्र ही बढ़कर डेढ़ लाख हो जाएगी।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के कारण जेनेरिक दवाएं अब विभिन्न स्थानों पर उपलब्ध हो रही हैं और लोग इसका लाभ उठा रहे हैं।

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