सावधान-कोरोना से स्वस्थ को होने के बाद भी रह सकता है और यह शिकायत
सबसे आम शिकायत है थकान। दिमागी बीमारियां भी लोगों को परेशान कर रही हैं। इस परेशानी को पोस्ट लांग कोविड नाम दिया गया है।
लखनऊ। अगर आप कोरोना से ठीक हो चुके और आप सोच रहे है कि आपको कोई दिक्कत नही होगी तो ये आपका वहम है। क्योंकी कोरोना से ठीक होने के तीन महीने बाद भी कई लोग थकान, बुखार, सिरदर्द और गंध न आने की शिकायत कर रहे हैं सबसे आम शिकायत है थकान। दिमागी बीमारियां भी लोगों को परेशान कर रही हैं। इस परेशानी को पोस्ट लांग कोविड नाम दिया गया है। संजय गांधी पीजीआई के एनस्थेसिया एवं आइसीयू एक्सपर्ट प्रो.संदीप साहू कहते हैं कि लॉन्ग कोविड को लेकर अपने यहां कोई स्पेसिफिक डेटा नहीं है। दूसरे देश का डेटा है, वहां भी हमने घातक दूसरी लहर देखी है।
भारत में दूसरी लहर के आंकड़ों को देखकर अंदाजा लगाएं तो लांग कोविड से जूझ रहे लोगों का आंकड़ा बहुत अधिक हो सकता है। यह पहले से तनावग्रस्त हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर बोझ बढ़ा सकता है। प्रो. साहू कहते हैं कि देखा गया है कि 87.4 से 90 फीसद पोस्ट कोविड मरीजों ने शिकायत की है कि उनमें कम से कम एक लक्षण कायम रहा। रिकवर होने के बाद भी ऐसे लोगों पर एक साल तक निगरानी रखनी जरूरी है। लांग कोविड से जूझ रहे लोगों को मल्टीडिसीप्लिनरी और मल्टी-केयर अप्रोच से ही ठीक किया जा सकता है। देखा गया है कि कुछ लोगों में मल्टी ऑर्गन इफेक्ट भी हुआ है, जिसमें शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचता है।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की एक रिपोर्ट में 3,171 कोविड मरीजों की स्टडी की गई, जिन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया था। उनमें से 69 फीसद को छह महीने में एक या अधिक बार डाक्टरों के पास जाना पड़ा। पोस्ट कोविड रिहैबिलिटेशन सेंटर की जरूरत है, जिसमें साइकोलॉजिस्ट, फिजियोथेरेपिस्ट और चिकित्सक को मिलकर काम करना होगा।