अखाड़ा परिषद आया बाबा रामदेव के पक्ष में,कोरोनिल से बढ़ेगी रोग प्रतिरोधक क्षमता
सीएम योगी आदित्यनाथ भी स्वावलम्बी होने और स्वदेशी अपनाने पर जोर दे रहे हैं।
नई दिल्ली । डॉक्टर्स डे (Doctor's Day) पर यानी बीते दिन योगगुरु बाबा रामदेव ने कोरोनिल दवा को बाजार में उतारने का दावा किया पिछले हफ्ते जिस पर काफी विवाद हुआ। कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए बाजार में लाई गई कोरोनिल दवा पर कल पतंजलि की ओर से बाबा रामदेव ने प्रेस वार्ता कर बातचीत की।
आपको बता दें कि 23 जून को दिव्य फार्मेसी से कोरोनिल, श्वासरि और अणु तेल - तीन दवाओं की एक किट को बाबा रामदेव ने कोरोना के लिए प्रक्षेपण किया था। उन्होंने दावा किया कि ये दवाएं कोरोना का उपचार कर सकती हैं। इसके लिए उन्होंने 200 से ज्यादा मरीजों पर चिकित्सकीय ट्रायल करने का दावा किया और बताया कि उनकी इन दवाओं से मरीज 3 से 7 दिन में ठीक हो गए। लेकिन इस दावे के कुछ घंटों बाद ही आयुष मंत्रालय ने पतंजलि से इस पर सफाई मांग ली। साथ ही कहा कि कोरोना संक्रमण के इलाज के दावे से बचें। क्योंकि आयुष मंत्रालय ने दवाई को इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर मंजूरी दी थी।
उत्तराखंड आयुष विभाग ने भी बाबा रामदेव की आयुर्वेदिक दवा कंपनी दिव्य फार्मेसी को नोटिस जारी करके पूछा कि जब दवा को इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर मंजूरी दी थी तो फिर कोरोना संक्रमण के उपचार का दावा क्यों किया गया।
बाबा रामदेव की ओर से उत्तराखंड आयुष ड्रग विभाग को जो सफाई दी गई उसमें बताया गया है कि हमने कोरोनिल से कोरोना के उपचार का कोई दावा नहीं किया। यानी 23 जून के अपने दावे से वो पीछे हट गए हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि पतंजलि ने कोई भ्रामक प्रचार नहीं किया। एक्सक्लूसिव कागज हैं जो जवाब के तौर पर पतंजलि की ओर से उत्तराखंड लाइसेंसिग अथारिटी को लिखे गए हैं जिसने कोरोनिल को मजूरी दी है। लेकिन केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने एक बार फिर आज साफ किया कि ये दवा इम्युनिटी बूस्टर यानी रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने के तौर पर बाजार में लाई जा सकती है। लेकिन कोरोना संक्रमण के उपचार के दावे के साथ नहीं।
अब बीच के इस रास्ते को बाबा रामदेव को भी मानना पड़ेगा और कोविड मैनेजमेंट के नाम पर अब कोरोनिल दवा बाजार में मिलने लगेगी। हालांकि बाबा रामदेव ने ये जरूर कहा कि मल्टीनेशनल एलोपैथी कंपनियां भी अपनी दवाएं बाजार में प्रक्षेपण कर रही हैं लेकिन उनसे कोई प्रश्न नहीं करता कि उनके दावों में कितना दम है। स्वदेशी आयुर्वेदिक कंपनी के दावों पर सबको दिक्कत होने लगती है।
कोरोना की दवा कोरोनिल प्रक्षेपण करने के बाद से ही विवादों में घिरे पतंजलि योग पीठ के संस्थापक और योगगुरु बाबा रामदेव के पक्ष में अब अखाड़ा परिषद भी उतर आया है। अखाड़ा परिषद के महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा है कि बाबा रामदेव द्वारा तैयार की गई दवा पूरी तरह से राष्ट्रहित में है। महंत ने कहा है कि पूरा संत समाज बाबा रामदेव के समर्थन में खड़ा है। उन्होंने कहा है कि इस दवा को लेकर किसी तरह का कोई विवाद खड़ा करना और इसका विरोध करना कतई उचित नहीं हैं। महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा है कि भारत में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन कोरोना के लिए अब तक वैज्ञानिक और चिकित्सक कोई दवा या टीका नहीं खोज पाये हैं, लेकिन जड़ी बूटियों को मिलाकर आयुर्वेद के फार्मूले पर बाबा रामदेव द्वारा तैयार की गई इस दवा के उपयोग से हमारे शरीर की इम्यूनिटी बढ़ेगी और कोरोना संक्रमण से लड़ने में शरीर सक्षम होगा।
महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा है कि भारत के पीएम नरेन्द्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी स्वावलम्बी होने और स्वदेशी अपनाने पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा है कि बाबा राम देव ने भी कोरोना काल में उसी दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। पतंजलि फार्मेसी ने इससे पहले भी आयुर्वेद के कई स्वदेशी उत्पाद तैयार किये हैं, जिसका नागरिक बड़ी तादात में प्रयोग भी कर रहे हैं। महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा है कि बाबा रामदेव ने कठिन परिश्रम के बल पर ये कामयाबी हासिल की है। इसलिए बाबा रामदेव का विरोध करने वालों को उनसे सीख लेकर स्वयं मेहनत कर आगे बढ़ना चाहिए।