ब्लैक फंगस से 5 की मौत-दिल्ली में भी बढ रहे है मामले
वैश्विक महामारी कोरोना के साथ अब ब्लैक फंगस की बीमारी भी अपना कहर बरपाने के लिये तैयार हो रही है
नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना के साथ अब ब्लैक फंगस की बीमारी भी अपना कहर बरपाने के लिये तैयार हो रही है। हरियाणा में ब्लैक फंगस से पिछले दो रोज में पांच लोगों की मौत हुई है। जबकि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली के अस्पतालों में इस संक्रमण से उबर रहे लोगों में म्यूकोरमाइकोसिस ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ते दिख रहे हैं। कई अस्पतालों में इस बीमारी के मरीजों का इलाज चल रहा है।
बुधवार को सिरसा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी मनीष बंसल ने बताया कि सिरसा के साथ लगते दूसरे जिलों के 25 लोग ब्लैक फंगस के कारण जिले में दाखिल हुए थे, जिनमें से कुछ लोग दूसरे बड़े अस्पतालों में रेफर कर दिए गए जबकि कुछ लोग ठीक होकर अपने घरों को चले गए। वहीं दो रोज में 5 लोगों की ब्लैक फंगस होने कारण मौत हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण होने के बाद उपचार के दौरान ली जाने वाली दवाओं में शुगर की मात्रा ज्यादा बताई जा रही है और पूर्व में डायबिटीज के रोगियों को इसके उपचार के बाद विशेषकर दिक्कत आ रही थी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से ब्लैक फंगस रोगियों के लिए अलग से विशेष प्रबंध किए गए हैं।
डॉक्टरों के अनुसार, म्यूकोरमाइकोसिस के मामले बढ़ने की वजह बिना डॉक्टर की सलाह के घर में स्टेरॉयड का अंधाधुंध सेवन है। यह फंगल इंफेक्शन मस्तिष्क, फेफड़े और साइनस को प्रभावित करता है तथा डायबिटीज के रोगियों एवं कम इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों के लिए जानलेवा हो सकता है।
उधर न्यूज एजेंसी एएनआई के सूत्रों के अनुसार, दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के 40 मरीज भर्ती हैं, जबकि 16 अन्य मरीज बेड की प्रतीक्षा में हैं।
दिल्ली सरकार ने एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के अंधाधुंध इस्तेमाल को रोकने तथा जरूरतमंद एवं अस्पताल में भर्ती कोविड-19 मरीजों के बीच इस दवा के वितरण की पारदर्शी एवं कुशल व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए चार सदस्यीय तकनीकी विशेषज्ञ कमेटी बनाई है। इस दवा का इस्तेमाल ब्लैक फंगस या म्यूकरमाइकोसिस के इलाज में किया जाता है और फिलहाल इसकी कमी हो गई है।