19 वर्ष की आयु में मां भारती की रक्षा में शहीद हुए निखिल

मां भारती की रक्षा करते हुए जाबांज फौजी निखिल ने मात्र 19 साल की छोटी सी उम्र में अपने प्राणों की आहूति दे दी।

Update: 2021-01-30 16:11 GMT

अलवर। मां भारती की रक्षा करते हुए जाबांज फौजी निखिल ने मात्र 19 साल की छोटी सी उम्र में अपने प्राणों की आहूति दे दी। कश्मीर के उरी में निखिल ने सीज फायर उल्लंघन का मुंह तोड़ जवाब देते हुए जान की बाजी लगा दी।

हरियाणा के गांव सैदगांव निवासी निखिल वर्ष 2019 में अक्टूबर माह में सेना में भर्ती हुए थे। हाल में निखिल छुट्टी पूरी करके वापिस उरी अपनी ड्यूटी पर लौटे थे। वे राजपूत रेजीमेंट का हिस्सा थे। जम्मू कश्मीर के उरी में सीज फायर के उल्लंघन का जवाब देते हुए निखिल ने अपने प्राणों की बाजी लगा दी। निखिल की शहादत से लोगों की आंखें नम हैं। रविवार को शहीद का पार्थिव शरीर गांव में पहुंचेगा, जहां सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जायेगा।

निखिल मूलतः हरियाणा के सोना गांव के रहने वाले थे और दो साल की उम्र से ही अपनी बुआ के यहां रह रहे थे। निखिल के फूफा सेना में हैं। इसी के चलते बचपन से ही उनका झुकाव सेना की ओर था। सेना के प्रति झुकाव और कड़ी मेहनत के बल पर निखिल छोटी सी उम्र में ही सेना में भर्ती हो गये थे।




 



 



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