किसान आंदोलन- 26 मार्च को मंडियों में रहेगी हड़ताल

तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों के 26 मार्च को भारत बंद के आह्वान पर हरियाणा की सभी मंडियों में भी हड़ताल रहेगी।

Update: 2021-03-24 10:49 GMT

हिसार। व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा है कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों के 26 मार्च को भारत बंद के आह्वान पर हरियाणा की सभी मंडियों में भी हड़ताल रहेगी।  

बुधवार को बजरंग गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से लाये गये तीन नए कृषि कानूनों से देश का किसान ही नहीं आढ़ती व मजदूर भी बर्बाद हो जाएगा। कृषि कानून के तहत देश व प्रदेश में प्राइवेट मंडियां बनेंगी। प्राइवेट मंडियां बनने से धीरे-धीरे करके सरकारी मंडियां बंद हो जाएंगी। जब देश व प्रदेश में प्राइवेट मंडियां बनेगी तो किसान की फसल एमएसपी रेटों पर कौन खरीदेगा। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को व्यापार मंडल का खुल्लम-खुल्ला समर्थन है। किसान व व्यापारी का चोली दामन का साथ है। किसान के खेत में दाने होंगे तो ही देश में व्यापार चलेगा और अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।


उन्होंने कहा कि नये कृषि कानून किसान, आढ़ती, मजदूर व आम जनता के हित में नहीं है। कृषि कानून से बड़ी-बड़ी कंपनियां सब्जी व फलों की तरह अनाज का स्टॉक करके देश में पहले से कई गुणा ज्यादा महंगाई को बढ़ावा देगी। कृषि कानून में अनाज की स्टॉक सीमा समाप्त करके सरकार जमाखोरी को बढ़ावा देने के साथ-साथ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने जा रही है, जो किसी भी तरह देश हित में नहीं है।

उन्होंने कहा कि सरकार को हर अनाज की खरीद मंडी के आढ़तियों के माध्यम से करनी चाहिए और फसल का भुगतान पहले की तरह आढ़तियों के माध्यम से ही करना चाहिए। सरकार व्यापारी व किसानों का भाईचारा खराब करने के लिए नए-नए नियम और कानून बनाने में लगी हुई है। अगर सरकार ने अनाज की खरीद व उसका भुगतान आढ़तियों के माध्यम से नहीं किया तो हरियाणा के सभी आढ़ती अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। जब सरकार ने हरियाणा मार्केटिंग बोर्ड बनाया हुआ है और सरकारी अनाज मंडियां बनाई हुई हैं तो अगर अनाज की खरीद व भुगतान आढ़तियों के माध्यम से नहीं होगा तो आढ़ती मंडी में दुकान करके क्या करेगा। यह बहुत बड़ा चिंता का विषय है।

बजरंग गर्ग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जिद्द छोड़कर देश के किसान, आढ़ती व आम जनता के हित में तीन कृषि कानूनों को तुरंत वापिस लेने की अपील की।



 



 



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