मुक्केबाज विजेंदर बोले कृषि कानून वापस नहीं हुआ तो खेल रत्न लौटा दूंगा

कृषि कानून वापस न लिए जाने की सूरत में उन्हें मिला देश का सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न वापस करने का ऐलान कर दिया

Update: 2020-12-06 15:48 GMT

सोनीपत। हरियाणा में सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर रविवार को ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने किसानों के बीच पहुंचकर उनसे मुलाकात की और कृषि कानून वापस न लिए जाने की सूरत में उन्हें मिला देश का सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न वापस करने का ऐलान कर दिया।

ओलंपियन मुक्केबाज विजेंदर किसानों के आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने आंदोलनरत किसानों से मुलाकात की और उनके साथ खड़े होते हुए केन्द्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग दोहराई। उन्होंने आठ दिसंबर के भारत बंद का समर्थन करते हुए कृषि कानून वापस नहीं होने पर अपना राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार वापस करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि पंजाब बड़ा भाई है और हरियाणा के सभी किसान उनके साथ खड़े हैं।

मुक्केबाज विजेंदर ने कहा कि सरकार की किसानों के साथ कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। सरकार को किसानों की बात समझनी चाहिए। कृषि कानून की खामियां दूर करें और इसे वापस लें। खिलाड़ी होने के नाते उनका किसानों को पूरा समर्थन है। उनके साथ मुक्केबाजी और कुश्ती के खिलाड़ी भी यहां पहुंचे हैं और सभी किसानों के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि छोटा भाई होने के नाते हरियाणा पंजाब के साथ हमेशा खड़ा था और खड़ा रहेगा। अवार्ड को लेकर पूछने पर उन्होंने साफ कहा कि अगर केन्द्र सरकार इन कानूनों को वापिस नहीं लेती है तो वह अवार्ड को वापस करने के अलावा उसके साथ मिली रकम भी लौटा देंगे।

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