सरकारी व्हीलचेयर पर प्राइवेट केंद्र पर मरीज का एक्स-रे
जंगली सूअर के हमले का शिकार हुई महिला को सरकारी व्हीलचेयर पर प्राइवेट सेंटर पर एक्स-रे करने को मजबूर होना पड़ा है।
नोरौजाबाद। सार्वजनिक मंचों पर सरकार की ओर से किये जा रहे बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं जिला चिकित्सालय पहुंचकर दम तोड़ रहे हैं। जंगली सूअर के हमले का शिकार हुई महिला को सरकारी व्हीलचेयर पर प्राइवेट सेंटर पर एक्स-रे करने को मजबूर होना पड़ा है। पीड़ित के परिजनों ने ब्याज पर पैसे लेकर महिला का एक्सरे कराया है।
राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से लेकर सरकार के तमाम कर्ताधर्ताओं की ओर से सार्वजनिक मंचों पर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं। लेकिन सरकार के इन दावों की हवा जिला चिकित्सालय और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मिलने वाली सेवाएं निकालकर आम जनमानस के सामने रख रही है। सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की दम तोड़ती व्यवस्था को उजागर करती घटना में नगर परिषद मानपुर के वार्ड नंबर 11 खुटार में बुजुर्ग महिला के ऊपर जंगली सुअर महिला के ऊपर अटैक कर दिया। महिला के ऊपर अटैक उस वक्त किया जब महिला खेत में अरहर की कटाई कर रही थी।
जंगली सुअर का हमला इतना तेज था कि महिला को सूअर ने झटके के साथ पलट दिया। उसके ठीक बाद वह जंगली सुअर ने अपने जबड़े से महिला के पैर को बुरी तरह से कुतर दिया। जिससे महिला का पैर बुरी तरह से घायल हो गया। महिला को वहीं खेत में मौजूद व्यक्तियों द्वारा जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर में उपचार हेतु ले जाया गया, तब डॉक्टर द्वारा महिला का इलाज किया गया। जिसमें एक्स रे कराने को भी कहा गया।
जब महिला को एक्स रे के लिए व्हील चेयर से मार्केट की ओर ले जाने लगे, तब महिला के परिजनों ने कहा कि हमारे पास पैसा नहीं है, अस्पताल में ही है एक्स रे मशीन है फिर मार्केट क्यों भेजा जा रहा है? उस दरम्यान सब विभागीय कर्मचारी सब शांत हो गए। हालांकि दर्द के मारे चीखती चिल्लाती महिला का इलाज कराना था, फिर चाहे एक्स रे मोल में ही क्यों न हो। हालांकि एक्स रे कराने का पैसा मरीज के परिजन ने उधार कर दिया है। सवाल यह है कि सामुदायिक केंद्र मानपुर में पूर्ण व्यवस्था होने के बाद भी रोजाना मरीज को बाजार भेजा जाता है। आरोप है कि उपचार के दौरान डॉक्टर द्वारा बहुत सारी दवाइयां मार्केट की लिखी जाती हैं जो गरीब किसान और मजदूर तबके के लोगों के लिए अभिशाप जैसा है।
रिपोर्ट- चंदन श्रीवास मध्य प्रदेश