किसानों की घेराबंदी-संपत्ति को क्षति पहुंचाने वालों से-नुकसान की भरपाई
गृहमंत्री ने कहा है कि आंदोलन की आड़ में सम्पति होने वाले नुकसान की दंगाईयों अथवा असामाजिक तत्वों से भरपाई की जाएगी।
चंडीगढ़। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा है कि राज्य में सम्पति क्षति वसूली अधिनियम के लागू होने से किसी भी आंदोलन की आड़ में लोगों की दुकानों, रेहड़ियों, सरकारी कार्यालयों, वाहनों, बसों समेत सभी तरह के सार्वजनिक और निजी सम्पति होने वाले नुकसान की दंगाईयों अथवा असामाजिक तत्वों से भरपाई की जाएगी।
बुधवार को राज्य के गृहमंत्री अनिल विज ने आज राजधानी में बताया कि राज्य सरकार ने इस कानून की अधिसूचना जारी कर दी है। जिसके बाद से यह कानून राज्य में लागू हो गया है। अब भविष्य में किसी भी आंदोलन के दौरान गरीब लोगों या सार्वजनिक सम्पति को नुकसान पहुंचाने की मंशा में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि आंदोलन लोकतंत्र की एक प्रक्रिया है। लेकिन उसकी आड़ में नुकसान पहुंचाना गलत है।
गृहमंत्री ने कहा कि इसके लिए एक न्यायाधिकरण का गठन किया जाएगा जो इस प्रकार की शिकायतों की जांच करेगा तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लेगा। उन्होंने कहा कि जो राजनीतिक दल इस अधिनियम का विरोध कर रहे हैं, उन्हें यह बताना होगा कि वह सार्वजनिक-निजी सम्पतियों को नुकसान पहंचाने वालों के साथ हैं या पीड़ितों के पक्ष में हैं। सरकार द्वारा लागू किए गए इस अधिनियम को नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों की घेराबंदी माना जा रहा है। राज्य के बॉर्डर पर धरना देते हुए आंदोलन कर रहे किसान भाजपा सरकार और उसके मंत्रियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए हुए हैं। जिसके चलते मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत उनकी सरकार के कई अन्य मंत्रियों व भाजपा सांसदों तथा विधायकों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आंदोलनकारी किसान अभी तक कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं। पिछले दिनों मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को काले झंडे दिखाने के मामले में पुलिस द्वारा किसानों पर लाठीचार्ज भी किया गया था। सरकार की ओर से लाए गए अधिनियम को अब किसानों की घेराबंदी माना जा रहा है।