बोले CM-जीवन में परिवर्तन का आधार है शिक्षा-स्कूल अवश्य जाएं बच्चे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जीवन में परिवर्तन का आधार शिक्षा ही है

Update: 2022-04-04 14:01 GMT

हापुड। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जीवन में परिवर्तन का आधार शिक्षा ही है, इसलिए माता-पिता अपने बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए स्कूल में अवश्य भेजें जिससे वह पढ़ लिखकर देश का अच्छा नागरिक बनकर देश विकास में अपना योगदान दे सकें।

सोमवार को''स्कूल चलों अभियान-2022'' का शुभारम्भ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रावस्ती जनपद से किया। इस अवसर पर उन्होने कहा कि शिक्षा जीवन में परिवर्तन का आधार है। उन्होने अभिभावक, शिक्षक, जनप्रतिनिधियों से अपील किया कि घर-घर जाकर स्कूल जाने लायक छात्र-छात्राओं का नजदीक के प्राइमरी स्कूल में नामांकन कराये। उन्होने जनप्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा कि वह कायाकल्प अभियान के अन्तर्गत एक स्कूल को गोद लें तथा उसमें सोलर पैनल, लाइव्रेरी सहित सभी सुविधाओं की व्यवस्था कराये।

सीएम ने बताया कि कहा कि कोरोना अवधि के दो वर्ष के बाद पुनः स्कूल चलों अभियान संचालित किया जा रहा है। कोरोना से प्राथमिक शिक्षा ही सर्वाधिक प्रभावित हुयी है। उन्होने कहा कि बच्चों के ड्रेस, जूता-मोजा, स्वेटर आदि के लिए धनराशि अभिभावक के खाते में भेजी जा रही है। अभिभावको को प्रेरित करके छात्र-छात्राओं को ड्रेस तैयार कराना सुनिश्चित करें।

जनपद हापुड़ में सभी 491 प्राथमिक स्कूलों में टीवी एवं एलईडी के माध्यम से स्कूल चलों अभियान का सीधा प्रसारण कराया गया। मुख्य कार्यक्रम ग्राम डूहरी ब्लॉक धौलाना के कम्पोजिट विद्यालय में आयोजित किया गया। यहॉ पर मंडल आयुक्त मेरठ सुरेंद्र सिंह, माननीय विधायक धौलाना धर्मेश तोमर , जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा हूर्ण, जिलाधिकारी अनुज सिंह व मुख्य विकास अधिकारी प्रेरणा सिंह ने हरी झंडी दिखाकर स्कूल चलों रैली का शुभारम्भ किया।

मंडलायुक्त ने दीप प्रज्ज्वलित कर तथा मॉ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होने नवनिर्मित प्राथमिक विद्यालय डूहरी का फीता काटकर उद्घाटन करते हुए कहा कि स्कूल चलो अभियान प्रदेश स्तर पर बहुत बड़े उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। कोरोना के उपरांत खुले स्कूलो के कारण बच्चों में खुशी की लहर है। बेसिक शिक्षा विभाग में अभी बहुत कार्य बाकी है प्राथमिक स्कूलों को लेकर समाज में चुनौतियां ज्यादा है अभिभावक सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने से कतराते हैं। हमें आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल के रूप में विकसित करना होगा। अभिभावक अपने बच्चों को हिंदी में शिक्षा दिलाने से परहेज करते हैं इसको लेकर जनता की सोच बदलनी होगी। इसके लिए प्राथमिक स्कूलों के बच्चों व निजी स्कूलों के बच्चों की प्रतियोगिताएं आयोजित कराएं।

प्राथमिक स्कूलों के बच्चे बेहतर करके दिखाएंगे। प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक अधिक शिक्षावहन है। हमें इस कार्य के लिए टीवी , सोशल मीडिया, इंटरनेट इत्यादि के माध्यम से प्रचार प्रसार करते हुए जनता को जागरूक करना होगा। हमें शिक्षा को सार्वभौमिक बनाना है जो अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं उन्हें चेतावनी दी जानी चाहिए। उनकी काउंसलिंग हो उसके उपरांत भी यदि वह ना समझे तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी अमल में लाई जाए ।

प्रदेश सरकार द्वारा समस्त ग्राम पंचायतों में पुस्तकालय स्थापित कराए गए हैं जिसका मूल उद्देश्य शिक्षा को आसान बनाना है। बच्चे तो उस मिट्टी के समान है जिसमें शिक्षक बच्चों को जिस सांचे में डालेंगे बच्चा उसी का आकार ले लेगा। मंडलायुक्त, विधायक व जिला पंचायत अध्यक्ष के द्वारा प्राथमिक विद्यालय में बन रहे मिड डे मील को खा कर उसकी गुणवत्ता की भी जांच की।

इस अवसर पर विधायक धर्मेश तोमर ने कहा कि हम सबको मिलकर प्राथमिक विद्यालय के बच्चों की प्रतिभा को निखार ना होगा। ब्लाक प्रमुख निशांत सिसोदिया ने एक स्कूल गोद लेने की शपथ ली। इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षक/ शिक्षिकाओं व ग्राम प्रधानों को जिला पंचायत अध्यक्ष रेखाहूर्ण व मंडल आयुक्त द्वारा प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। कार्यक्रम के अंत में मुख्य विकास अधिकारी प्रेरणा सिंह ने सभी जनप्रतिनिधियों ,मंडलायुक्त , जिलाधिकारी, जिला पंचायत अध्यक्ष, विधायक व ब्लाक प्रमुख, बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी, कर्मचारी व अभिभावकों का कार्यक्रम में आने पर धन्यवाद ज्ञापित किया।

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