छात्रा की क्लास में नमाज पर बवाल -यूनिवर्सिटी में शुरू हुआ धर्मयुद्ध

छात्रा की ओर से हिजाब पहनकर क्लास रूम में अदा की गई नमाज का वीडियो सामने आने के बाद हिंदूवादी संगठनों ने आपत्ति जताई है

Update: 2022-03-26 13:06 GMT

नई दिल्ली। कर्नाटक से चला हिजाब विवाद का मामला मध्य प्रदेश तक पहुंच गया है। केंद्रीय विश्वविद्यालय में छात्रा की ओर से हिजाब पहनकर क्लास रूम में अदा की गई नमाज का वीडियो सामने आने के बाद हिंदूवादी संगठनों ने आपत्ति जताई है। क्लास में नमाज के जवाब में विहिप की ओर से विश्व विद्यालय कैंपस में बने मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ भी किया गया। इस बाबत यूनिवर्सिटी की ओर से जांच के लिए गठित की गई 6 सदस्यीय समिति को 3 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।


शनिवार को मध्य प्रदेश के सागर स्थित डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में एजुकेशन डिपार्टमेंट से बीएससी बीएड पाठ्यक्रम की पढ़ाई कर रही दमोह की छात्रा का एक वीडियों सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इस साल फाइनल ईयर की छात्रा शुक्रवार को क्लास रूम में हिजाब पहनकर पहुंची और अंदर पहुंचकर उसने नमाज अदा की। किसी ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।

शनिवार को जब यह वीडियों विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं के बीच तक पहुंचा तो वह क्लासरूम में नमाज अदा किए जाने का विरोध करते हुए यूनिवर्सिटी पहुंचे और वहां पर जोरदार नारेबाजी की। इतना ही नहीं विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी परिसर में बने शंकर मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ भी किया। विश्व हिंदू परिषद के नगर अध्यक्ष कपिल स्वामी ने इस मौके पर कहा कि जानबूझकर विश्वविद्यालय के क्लास रूम में हिजाब पहने छात्रा द्वारा नमाज अदा की गई है। यदि ऐसा ही होता रहा तो यूनिवर्सिटी के भीतर हर क्लास में पहले हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि सागर विश्वविद्यालय को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी बनाने का तंत्र चल रहा है। जिसमें यूनिवर्सिटी के कुछ प्रोफ़ेसर भी शामिल है।

उधर इस मामले को लेकर यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ने बताया है कि क्लास रूम में नमाज अदा किए जाने का मामला उनके संज्ञान में आया है। इस संबंध में समिति बनाकर जांच कराई जा रही है। विश्वविद्यालय में कोई भी ऐसी गतिविधि नहीं होने दी जाएगी जिससे सौहार्द का वातावरण बिगड़े। उन्होंने कहा है कि अपने निजी कार्य छात्र-छात्राएं अपने घर पर ही करें। क्योंकि यूनिवर्सिटी पढ़ने लिखने के लिए है। इस संबंध में यूनिवर्सिटी की ओर से आदेश भी जारी किया गया है। इस बाबत यूनिवर्सिटी की ओर से जांच के लिए गठित की गई 6 सदस्यीय समिति को 3 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।

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