किसानों की बल्ले-बल्लेः आलू का बीज हुआ बहुत सस्ता- इतना होगा उत्पादन

किसानों द्वारा अग्रेतर श्रेणी का बीज उत्पादन कर प्रदेश में गुणवत्तायुक्त बीज की कमी को पूरा करने में सहभागी हो सकते हैं

Update: 2024-10-14 16:01 GMT

लखनऊ। प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि योगी सरकार में किसान हित के दृष्टिगत विभिन्न योजनाओं के माध्यम से अनुदान देने की व्यवस्था की गई है। प्रदेश के किसानों एवं आलू उत्पादकों के हित को देखते हुए वर्ष 2024-25 के लिए आलू बीज वितरण व विक्रय की दरें निर्धारित करने में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में राजकीय आलू बीज की उपलब्धता कृषकों को सुगम बनाए जाने के उद्देश्य से प्रदेश के किसानों को बीजोत्पादन के लिए विक्रय हेतु विभागीय दरों में 500 रुपये प्रति कुन्तल की दर में कमी करके विक्रय दर (शोध संस्थाओं एवं सरकारी संस्थाओं को छोड़कर) निर्धारित कर दी गई है।

उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि निर्धारित दरों के अनुसार अब आधारित प्रथम आलू 2995 रूपये प्रति कुंतल, आधारित द्वितीय आलू 2595 रूपये प्रति कुंतल, ओवर साइज (आधारित प्रथम) 2270 रूपये प्रति कुंतल, ओवर साइज (आधारित द्वितीय) 2210 रूपये प्रति कुंतल तथा आधारित प्रथम आलू ट्रूथफूल 2180 रूपये प्रति कुंतल बीज हो गया है। सफेद एवं लाल आलू प्रजातियों की बीज विक्रय दरें एक समान है। इन दरों पर प्रदेश के कृषक अपने जनपदीय उद्यान अधिकारी से नकद मूल्य पर बीज प्राप्त कर आलू बीज का उत्पादन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा प्रदेश के किसानों को नकद मूल्य पर आधारित प्रथम, द्वितीय तथा प्रमाणित आलू बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे पहले आलू बीज की विक्रय दर आधारित प्रथम 3495, आधारित द्वितीय 3095, ओवर साइज (आधारित प्रथम) 2770, ओवर साइज (आधारित द्वितीय) 2710 तथा आधारित प्रथम ट्रुथफूल 2680 रूपये प्रति कंुतल निर्धारित की गयी थी।

मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि प्रदेश में लगभग 6.96 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके लिए लगभग 24- 25 लाख मैट्रिक टन आलू बीज की आवश्यकता होगी। उद्यान विभाग लगभग 40- 45 हजार कुन्तल आधारित श्रेणी का आलू बीज किसानों में बीज उत्पादन के लिए वितरित करेगा। जिससे किसानों द्वारा अग्रेतर श्रेणी का बीज उत्पादन कर प्रदेश में गुणवत्तायुक्त बीज की कमी को पूरा करने में सहभागी हो सकते हैं। गुणवत्तायुक्त प्रमाणित आलू बीज से प्रदेश के आलू उत्पादन में वृद्धि होगी।

निदेशक उद्यान डॉ0 विजय बहादुर द्विवेदी ने बताया कि मार्च 2023 में प्रदेश के राजकीय प्रक्षेत्रों पर उत्पादन के लिए सीपीआरआई, भारत सरकार से 9214.94 कुन्तल जनक (ब्रीडर) आलू बीज प्राप्त कर राजकीय प्रदेश के 21 राजकीय प्रक्षेत्रों पर कुल 224.83 हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू बीज का उत्पादन कराया गया, जिससे 45168.50 कुन्तल आधारीय एवं टी0एल0 श्रेणी के आलू बीज (कुफरी बहार, कुफरी चिप्सोना-1 एवं 3, कुफरी आनन्द, कुफरी पुखराज, कुफरी सूर्या, कुफरी ख्याति, कुफरी सिन्दूरी, कुफरी फ्राईसोना, कुफरी मोहन, कुफरी गंगा, कुफरी नीलकण्ठ, कुफरी लवकार एवं कुफरी बादशाह) का उत्पादन प्राप्त हुआ, जिसे राजकीय शीतगृह अलीगंज, लखनऊ तथा मोदीपुरम, मेरठ में भण्डारित किया गया। भण्डारित आलू बीज का प्रदेश के समस्त जनपदों को आवंटित कर किसानों के मध्य नकद मूल्य पर वितरण किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रसंस्कृत प्रजातियों के लिए उत्तर प्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था से पंजीकरण के उपरान्त आलू बीज उत्पादन की बैगिंग, टैगिंग कराने पर किसानों को 25 हज़ार रुपये प्रति हैक्टेयर की दर से अनुदान की व्यवस्था है। आलू बीज की प्रसंस्कृत प्रजातियां कुफरी चिप्सोना-1 एवं 3, कुफरी फ्राईसोना तथा कुफरी सूर्या हैं।

Tags:    

Similar News