उत्तर प्रदेश में तीर्थाटन से जुड़ा रोजगार
काशी,मथुरा आदि काल से आस्था के विश्व प्रसिद्ध स्थल रहे है योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से यह सभी स्थल प्रतिष्ठित हो रहे है
लखनऊ। काशी, मथुरा व अयोध्या आदि काल से आस्था के विश्व प्रसिद्ध स्थल रहे हैं। इसलिए विदेशी आक्रांताओ का सर्वाधिक प्रकोप भी यहीं रहा। उन्होंने भारतीय आस्था के स्थलों को मिटाने के प्रयास किए। लेकिन इस शाश्वत संस्कृति को वह समाप्त नहीं कर सके। योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से यह सभी स्थल अपने प्राचीन वैभव के अनुरूप प्रतिष्ठित हो रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया की सभ्यताओ में किसी का चौदह सौ वर्ष का, किसी का अठारह सौ वर्ष का इतिहास मिलता है,वो उसी पर ही गर्व करते हैं, जबकि हमारी सभ्यता तो पौराणिक और सनातन है। भगवान श्रीकृष्ण का पावन जन्मोत्सव पर योगी आदित्यना ने कहा कि उनका आगमन आज से पांच हजार वर्ष पहले हुआ था, यहीं वृंदावन में उनकी लीलाएं हुई, यहां लेकर गुजरात अरुणाचल तक के भू-भाग पर उनकी लीलाएं हुई। दुनिया की सभ्यताएं दो हजार चौदह सौ वर्ष की हैं, जबकि हमारी सभ्यता पांच हजार वर्षों से ज्यादा पुरानी है।
त्वदीयं वस्तु गोविंदम, तुभ्यमेव समर्पयामि इस मूलमंत्र को सार्थक करने के लिए अन्नपूर्णा भोजनालय की शुरुआत मथुरा से हुई है। जन्माष्टमी के दिन बलिया जेल के फाटक को तोड़कर क्रांतिकारी विभूतियों ने खुद को पांच वर्ष पहले ही स्वतंत्र घोषित कर दिया था। योगी ने कहा कि आजादी के क्रांतिकारी श्रीकृष्ण जी से ही प्रभावित थे, परित्राणाय साधूनां, विनाशाय च दुष्कृताम् के मंत्र को लेकर चलते थे। भारत की आध्यात्मिक सांस्कृतिक विरासत प्रधानमंत्री द्वारा पूरे विश्व पटल पर प्रस्तुत की गई। योग दिवस, कुंभ की छटा विश्वपटल पर पहुंच गई है। कोरोना महामारी के ही बीच पिछली बार वैष्णव कुंभ का आयोजन किया गया था। योगी ने कहा कि उत्तरप्रदेश नई दिशा की ओर बढ़ रहा है,अभी सावन के महीने में ही काशी में एक करोड़ श्रद्धालुओं ने काशी विश्वनाथ जी के दर्शन किये। अयोध्या, वृंदावन, बृज क्षेत्र जितने भी आध्यात्मिक सांस्कृतिक केंद्र हैं, उनका विकास करने के लिए सरकार पूरी तन्मयता से जुटी हुई है। योगी आदित्यनाथ तीर्थाटन व पर्यटन विकास के प्रति सजग है। उनका मानना है कि यह क्षेत्र भी समग्र विकास में प्रमुख योगदान देता है।
तीर्थाटन से केवल आस्था ही जुड़ी नहीं होती,बल्कि बड़ी संख्या में लोगों को परोक्ष अपरोक्ष रोजगार भी मिलता है। दुनिया के अनेक देश पर्यटन के माध्यम से बड़ी मात्रा में राजस्व का सृजन करते है लेकिन इसके लिए प्रयत्न व तीर्थाटन स्थलों पर विश्व स्तरीय सुविधाएं होनी चाहिए। योगी आदित्यनाथ इसी दिशा में प्रयास कर रहे है। अयोध्या व काशी में पहले से ही अनेक विकास योजनाएं संचालित हो रही है। अनेक योजनाएं पूर्ण हो चुकी है। अनेक पर समयबद्ध कार्य चल रहा है। योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद ही मथुरा वृंदावन के विकास पर ध्यान दिया था। वहां अनेक योजनाएं शुरू की गईं। उन्होंने ब्रज विकास परिषद का गठन किया। वह इसकी बैठकों की अध्यक्षता भी करते रहे हैं। इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मथुरा पहुंचे थे। ब्रज के प्रमुख संत विजय कौशल महाराज,साध्वी ऋतम्भरा ने उनका स्वागत किया। योगी ने ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा निर्मित अन्नपूर्णा भवन का लोकार्पण किया। अन्नपूर्णा भवन में प्रति दिन हजारों श्रद्धालुओं को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। यहां एक साथ बैठकर चार सौ श्रद्धालु भोजन कर सकेंगे। अत्याधुनिक मशीन द्वारा एक घंटे में ढाई हजार रोटियां बन सकेंगी। योगी ने साधु संतों एवं श्रद्धालुओं को भोजन परोसा। उन्होंने अन्नपूर्णा रसोई में बना प्रसाद ग्रहण किया। नगर निगम की इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। वृंदावन के बाद वह श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर कान्हा के जन्मोत्सव में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में शामिल हुए। (डॉ दिलीप अग्निहोत्री-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)