धामी ने क्रोकोडाइल ट्रेल एवं जंगल सफारी का किया शुभारंभ
आज अपने विधानसभा क्षेत्र खटीमा पहुंचे और उन्होंने तराई पूर्वी वन प्रभाग के अंतर्गत ककरा क्रोकोडाइल ट्रेल का शुभारंभ किया
नैनीताल। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को अपने गृह नगर खटीमा में ककरा क्रोकोडाइल ट्रेल और जंगल सफारी का शुभारंभ करते हुए कहा कि दोनों ही पर्यटन के क्षत्र में अग्रणी भूमिका निभायेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज अपने विधानसभा क्षेत्र खटीमा पहुंचे और उन्होंने तराई पूर्वी वन प्रभाग के अंतर्गत ककरा क्रोकोडाइल ट्रेल का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मुख्य रोड से ककरा क्रोकोडाइल ट्रेल को जोड़ने के लिये अविलंब डीपीआर तैयार करें और ट्रेल के अंतर्गत पार्क और कैंटीन का निर्माण भी करें।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि क्रोकोडाइल ट्रेल के बनने से जहां मगरमच्छों के प्राकृतिक वास से संरक्षण एवं संवर्द्धन होगा वहीं क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकेगा। ट्रेल के बनने से पारिस्थितिकी और आर्थिकी दोनों में ही मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पर्यटन के लिहाज से अब क्षेत्र में होम स्टे को बढ़ावा दिया जायेगा।
इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने खटीमा के सुरई ईको टूरिज्म जोन में जंगल सफारी का शुभारंभ किया। उन्होंने वहां जंगल सफारी का आनंद भी लिया। माना जा रहा है कि सुरई ईको टूरिज्म जोन प्रदेश का पहला ऐसा जोन है जहां पर्यटक जंगल सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से खटीमा को पर्यटन मानचित्र में अग्रणी स्थान दिलाना है।
उन्होंने कहा कि वन कानून की जटिलताओं के चलते वनों में रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जिससे उनकी खेती भी प्रभावित होती है। इसलिये उन्होंने निर्णय लिया कि वन एवं वन्य जीवों को आर्थिकी से जोड़ते हुए स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर मुहैया कराये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि इसी को देखते हुए इसी साल एक अक्टूबर को देहरादून में सीएम यंग ईकोप्रिन्योर योजना लांच की गयी। इस योजना का क्रियान्वयन भी शुरू कर दिया गया है। शुरूआत के तौर पर खटीमा में सुरई ईकोटूरिज्म जोन विकसित कर उसमें जंगल सफारी प्रारंभ की जा रही है।
ग्राम समितियों के माध्यम से योजना का संचालन किया जायेगा और स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। इसके लिये वन विभाग की ओर से 30 जिप्सी संचालकों के साथ करार किया गया है। गाइड की भूमिका के लिये वन विभाग की ओर से युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
वार्ता