सहारनपुर मंडल में भाजपा-संगठन से साफ, सरकार में सिरमौर

सहारनपुर मण्डल को लेकर भाजपा शीर्ष नेतृत्व में अनदेखी की परिपाटी शुरू ।

Update: 2020-08-24 05:20 GMT

मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश में मिशन 2022 को साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी नई टीम के सिपाहसलारों की तस्वीर को साफ कर दिया है। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रीय पदाधिकारियों को बड़ी जिम्मेदारी के साथ शामिल किया गया है, लेकिन उत्तर प्रदेश के साथ ही देश की सियासत में बड़ा दखल रखने वाले सहारनपुर मण्डल का संगठन से पूरी तरह से सफाया कर दिया गया है, ऐसा नहीं है कि सहारनपुर मण्डल को लेकर भाजपा शीर्ष नेतृत्व में अनदेखी की परिपाटी शुरू की गई, क्योंकि इस मण्डल को पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकारों में सिरमौर रखा गया गया है। इस मण्डल से भाजपा प्रदेश संगठन की नई टीम में भले ही एक भी पदाधिकारी शामिल नहीं किया गया हो, लेकिन पीएम मोदी और सीएम योगी की सरकार से मण्डल को पांच मंत्रियों का तोहफा दिया गया है।


22 अगस्त को उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की अगुवाई में शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश संगठन की तस्वीर को साफ कर दिया। इसमें 50 वर्ष से ज्यादा आयु वर्ग के कार्यकर्ताओं को विशेष वरीयता प्रदान करते हुए यूपी मिशन 2022 की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। भाजपा में प्रदेश उपाध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री, प्रदेश मंत्री के पदों को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस संगठन में इस बार क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन को साधने पर पूरा जोर दिया गया। संगठन में पहली बार महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया गया, वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में काम करने वाले कई नेताओं को उपहार के रूप में प्रदेश संगठन में लाया गया है। वहीं कुछ नेताओं को प्रमोट भी किया गया है। प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह द्वारा घोषित इस नई टीम में 16 उपाध्यक्ष, 07 महामंत्री तथा 16 मंत्री, एक कोषाध्यक्ष और एक सह कोषाध्यक्ष को रखा गया है। मेरठ से क्षेत्रीय अध्यक्ष अश्वनी त्यागी को प्रदेश महामंत्री का दायित्व मिला है। जबकि देश की सियासत तक अहम दखल रखने वाले सहारनपुर मण्डल को पूरी तरह से संगठन से दूर कर दिया गया है।


भाजपा संगठन की प्रदेश कमेटी में पूर्व में इस मण्डल की भागीदारी सांसद संजीव बालियान को प्रदेश उपाध्यक्ष का दायित्व देकर की गयी थी, लेकिन इस बाद इस मण्डल के तीनों जिलों सहारनपुर, शामली और मुजफ्फरनगर से प्रदेश संगठन में कोई भी भागीदारी नहीं दी गयी है। संगठन से सफाया हो जाने के बाद भी सहारनपुर मण्डल पीएम मोदी और सीएम योगी की सरकारों में सिरमौर बना हुआ है। इस मण्डल से एक केन्द्रीय मंत्री सहित कुल पांच मंत्री इन सरकारों में शामिल किये गये हैं।




मण्डल के सबसे बड़े जिले सहारनपुर की बात करें तो यहां से सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार में जिले की नकुड़ विधानसभा सीट से विधायक डाॅ. धर्म सिंह सैनी आयुष विभाग के मंत्री के तौर पर शामिल हैं। धर्म सिंह सैनी नकुड़ से लगातार चौथी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। इसके बाद शामली जनपद की बात करें तो यहां की थानाभवन विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार विधायक बने सुरेश राणा आज योगी सरकार में गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग जैसे महत्वपूर्ण विभाग के मंत्री के तौर पर कार्य कर रहे हैं। मुजफ्फरनगर जनपद को भाजपा सरकारों ने बड़ी सौगात देने का काम किया है। यहां पर सांसद डाॅ. संजीव बालियान केन्द्र सरकार में पशुपालन, मत्स्य एवं डेयरी विभाग के राज्य मंत्री बनाये गये, तो इसके साथ ही सदर विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार विधायक बने कपिलदेव अग्रवाल योगी सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाये गये वहीं मूल रूप से सहारनपुर के निवासी और चरथावल विधानसभा सीट से भाजपा विधायक विजय कश्यप को राज्य सरकार में राजस्व एवं बाढ़ नियंत्रण राज्यमंत्री बनाकर सौगात देने का काम किया गया।


पीएम मोदी और सीएम योगी की सरकारों में सहारनपुर मण्डल से पांच मंत्रियों को शामिल किये जाने के बाद भी भाजपा ने इस मण्डल को राजनीतिक बिसात पर कई बड़े अवसर देने का काम किया है। मुजफ्फरनगर जनपद में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की प्रदेश कमेटी में पदाधिकारी रहे स. सुखदर्शन बेदी को उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग में सदस्य बनाने के साथ ही पूर्व चेयरमैन डा. सुभाष चंद शर्मा को आयुष बोर्ड उत्तर प्रदेश का चेयरमैन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बनाया गया। इसके अलावा वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता जगदीश पांचाल को उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग में सदस्य नामित किया गया है। सहारनपुर जनपद से जसवंत सैनी को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग में उपाध्यक्ष बनाकर दर्जा मंत्री के रूप में सौगात दी तो यहीं के भाजपा कार्यकर्ता दिनेश सेठी को मुख्यमंत्री योगी ने व्यापार कल्याण बोर्ड में सदस्य बनाया हुआ है। इससे स्पष्ट है कि भले ही यूपी भाजपा की नई टीम की तस्वीर से सहारनपुर मण्डल आज गायब नजर आता हो, लेकिन भाजपा सरकारों में यह मण्डल सिरमौर बना हुआ है।

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