पीएम ने तूफान ''निसर्ग" के मद्देनजर एहतियात बरतने का किया आग्रह

भारतीय नौसेना के पश्चिमी कमान ने चक्रवात चक्रवाती तूफान ''निसर्ग" की आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए कमर कसी ।

Update: 2020-06-03 03:57 GMT

नई दिल्ली  ऐसा कई सालों में पहली बार हो रहा है जब अरब सागर में उठा तूफान मुम्बई से टकराएगा । तूफान ''निसर्ग" आज दोपहर 12 ओर 1 बजे के बीच मुम्बई के पास अलीबाग  पर समुद्र से जमीन पर टकराएगा ।

प्रधानमंत्री  नरेन्‍द्र मोदी ने भारत के पश्चिमी तटीय हिस्‍सों में तूफान की सूरतेहाल के मद्देनजर हालात का जायजा लिया और लोगों से आग्रह किया कि वे हर मुमकिन एहतियात और हिफाजती उपाय बरतें।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा "भारत के पश्चिमी तटीय हिस्‍सों में तूफान की स्थिति के मद्देनजर स्थिति का जायजा लिया।सभी के कल्‍याण के लिए प्रार्थना करता हूं। मेरा लोगों से आग्रह है कि वे हरसंभव ऐहतियात और सुरक्षा उपाय अपनाएं।

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने तूफान ''निसर्ग" के बारे में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री  उद्धव ठाकरे, गुजरात के मुख्यमंत्री  विजय रूपाणी और दमन दीव, दादरा और नगर हवेली के प्रशासक  प्रफुल्ल के पटेल से बात की है। उन्होंने केंद्र से हरसंभव सहायता और समर्थन का आश्वासन दिया है ।

कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने  तूफान 'निसर्ग' से निपटने के लिए राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की।

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने बताया है कि भीषण चक्रवाती तूफान ''निसर्ग" के 3 जून की दोपहर/शाम तक महाराष्ट्र के तट से टकराने की आशंका है। राज्य के तटीय जिलों में तेज हवाएं 100-110 किमी प्रति घंटे की तेज रफ्तार से चलने तथा फि‍र इसके और भी उग्र रूप लेकर 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की आशंका है। इसके साथ ही इन जिलों में भारी वर्षा होने और 1-2 मीटर ऊंची लहरें उठने का अंदेशा है।

चक्रवाती तूफान ''निसर्ग" का व्‍यापक असर महाराष्ट्र के तटीय जिलों रायगढ़, मुंबई, ठाणे एवं पालघर के साथ-साथ गुजरात के वलसाड, नवसारी, सूरत, भावनगर तथा भरूच जिलों और दमन, दादरा और नागर हवेली पर भी पड़ने की आशंका है।

राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों ने एनसीएमसी को अपने द्वारा किए गए विभिन्‍न प्रारंभिक उपायों से अवगत कराया। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि आवश्यक वस्‍तुओं के पर्याप्त स्टॉक उनके पास उपलब्ध हैं और सभी आपातकालीन सेवाओं के लिए पूरी तैयारी है। उन्‍होंने बताया कि दूरसंचार विभाग द्वारा प्रदान की जा रही थोक एसएमएस सुविधा का उपयोग चक्रवाती तूफान से प्रभावित होने वाले निवासियों को आगाह करने के लिए किया जा रहा है और इसके साथ ही लोगों को सुरक्षित स्‍थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

एनडीआरएफ ने इन राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेश में 40 टीमों को तैनात किया है और अतिरिक्त टीमों को भी हवाई मार्ग से वहां पहुंचाया जा रहा है। सेना एवं नौसेना के बचाव व राहत दलों के साथ-साथ नौसेना एवं वायु सेना के जहाजों और विमानों की भी अतिरिक्त आपात व्‍यवस्‍था की गई है। तटरक्षक बल के जहाज पहले से ही समुद्र में मछुआरों को बचाने में जुटे हुए हैं।

राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कैबिनेट सचिव ने निर्देश दिया कि चक्रवाती तूफान के मार्ग में पड़ने वाले निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएं और इसके साथ ही समुद्र से सभी मछुआरों की वापसी सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करने के लिए भी विशेष प्रयास किए जा सकते हैं कि कोविड रोगियों के लिए आवश्यक चिकित्सा सेवाएं बाधित न हों। इन एजेंसियां को बिजली, दूरसंचार, परमाणु, रासायनिक, विमानन और शिपिंग संबंधी बुनियादी ढांचे और परिसंपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आकस्मिक योजनाओं को सक्रिय करने के लिए भी निर्देश दिया गया।

महाराष्ट्र एवं गुजरात के अतिरिक्त मुख्य सचिव और दादरा व नागर हवेली तथा दमन एवं दीव के प्रशासक के सलाहकार ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस बैठक में भाग लिया। गृह, शिपिंग, विद्युत, रेलवे, दूरसंचार, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, परमाणु ऊर्जा, रसायन व पेट्रो रसायन, नागरिक उड्डयन और स्वास्थ्य मंत्रालयों, आईएमडी, आईडीएस, एनडीएमए तथा एनडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी बैठक में भाग लिया।

भारतीय नौसेना प्राकृतिक आपदाओं और ऐसी ही अन्य आकस्मिक स्थितियों में प्रभावित लोगों की मदद के लिए बचाव और राहत कार्य करने में हमेशा सबसे आगे रही है। पश्चिमी तट पर मानसून का आना लगभग तय होने के साथ ही शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थितियां उत्पन्न होने की आशंकाओं को देखते हुए नौसेना की पश्चिमी कमान ने बाढ़ राहत, बचाव और डूबने से लोगों को बचाने के लिए संबधित राज्य सरकारों के सहयोग से पर्याप्त संसाधन जुटा लिए हैं।

मुंबई में, नौसेना की पश्चिमी कमान पूरे मानसून सीजन के दौरान अपनी पांच बाढ़ बचाव टीमों और तीन गोताखोर टीमों के साथ किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेगा। ये दल आपदा की स्थिति में तुरंत कार्रवाई करने के लिए शहर के विभिन्न नौसेना क्षेत्रो में तैनात किए गए हैं। ये राहत और बचाव के लिए जरूरी सभी उपकरणों से सुसज्जित हैं और बचाव कार्यों में इन्हें पूरी तरह से प्रशिक्षित किया गया है। बाढ़ संभावित क्षेत्रों की पहचान की जा रही है और सभी आवश्यक तैयारियां चल रही हैं।

इसी तरह की व्यवस्था करवार, गोवा और गुजरात में दमन और दीव में भी नौसेना की तैनाती वाले क्षेत्रों में की गई है। इसके अलावा, मुंबई, गोवा और पोरबंदर के विभिन्न नौसेनिक अड्डों पर नौसेना के डोर्नियर विमान और हेलीकॉप्टर बाढ़ से बचाव के लिए दुर्गम स्थानों में बचाव टीमों को ले जाने तथा फंसे लोगों को निकालने के लिए तैयार खड़े हैं। संबंधित क्षेत्र के स्टेशन कमांडर राज्य अधिकारियों, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के संपर्क में हैं और कम से कम समय में संकट की स्थिति से निपटने में सक्षम हैं।

अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान निसर्ग को देखते हुए सभी टीमों को सतर्क कर दिया गया है और उन्हें तूफान के दौरान मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) की किसी भी आवश्यकता के लिए तत्परता से काम करने के लिए तैयार रखा गया है।

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