17 हजार से अधिक गैस पीड़ितों के बने आयुष्मान कार्ड

इसमें 13 डायलिसिस मशीनें लगाकर मरीजों का उपचार किया जा रहा है।

Update: 2024-09-06 11:46 GMT

भोपाल। मध्यप्रदेश में राज्य सरकार ने भोपाल गैस पीड़ितों और उनके बच्चों को आयुष्मान ‘निरामयम’ मध्यप्रदेश योजना का लाभ दिया है। इसके तहत अब तक 17 हजार 423 से अधिक गैस पीड़ितों के आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके हैं।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार गैस पीड़ित मरीजों और उनके बच्चों को भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के अधीन संचालित 6 अस्पतालों एवं 9 औषधालयों में सभी प्रकार की उपचार सुविधाएँ निःशुल्क दी जा रही हैं। साथ ही आयुष्मान भारत ‘निरामयम’ मध्यप्रदेश योजना के तहत प्रदेश के सभी अनुबंधित अस्पतालों में भी गैस पीड़ितों को उपचार सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। इस योजना में निर्धारित पैकेज के अतिरिक्त इलाज पर खर्च होने पर संबंधित अस्पताल को उसकी प्रतिपूर्ति गैस राहत विभाग द्वारा की जाती है। गैस पीड़ित मरीज और उनके बच्चों को किडनी, लीवर ट्रॉन्सप्लांट तथा अन्य प्रकार की गंभीर बीमारियों के उपचार के लिये विशेष प्रकरण मानते हुए मरीजों को आवश्यकता के अनुसार इलाज की सुविधा दी जा रही है।

भोपाल गैस पीड़ित मरीजों और उनके बच्चों को कैंसर के उपचार के लिये गैस राहत विभाग द्वारा तीन निजी अस्पतालों तथा एम्स भोपाल के साथ अनुबंध भी किया गया है, जहाँ कैंसर के उपचार की नि:शुल्क सुविधा दी जा रही है। साथ ही किडनी रोग और अतिगंभीर मरीजों के उपचार के लिये भाेपाल के कमला नेहरू अस्पताल में डायलिसिस यूनिट की स्थापना भी की गई है। इसमें 13 डायलिसिस मशीनें लगाकर मरीजों का उपचार किया जा रहा है।

गैस पीड़ित विधवाओं को पेंशन राशि के अलावा गैस राहत विभाग द्वारा एक हजार रूपये प्रतिमाह अतिरिक्त पेंशन दी जा रही है। वर्तमान में 4 हजार 406 गैस पीड़ित विधवाओं को यह पेंशन दी जा रही है। भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुर्नवास विभाग द्वारा यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री परिसर में 337 मीट्रिक टन अपशिष्ट पदार्थों के विनिष्टीकरण के लिये निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और मेसर्स पीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के साथ अनुबंध भी कर लिया गया है।

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