टेंडर के अलावा हर काम में 1 फीसदी कमीशन मांग रहे थे बर्खास्त सेहत मंत्री
सीएम तक पहुंची तो उन्होंने मामले की गुपचुप जांच कराई जिसमें वह दोषी निकले और उन्हें सरकार से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया
नई दिल्ली। कैबिनेट से बर्खास्त कर बाहर किए गए पंजाब के सेहत मंत्री हर काम और टेंडर के बदले 1 प्रतिशत कमीशन की मांग करते हुए अपनी सेहत को सुधारकर सरकार की प्रतिष्ठा को आंच पहुंचा रहे थे। जब इस मामले की जानकारी सीएम तक पहुंची तो उन्होंने मामले की गुपचुप जांच कराई जिसमें वह दोषी निकले और उन्हें सरकार से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
मंगलवार को पंजाब की भगवंत सिंह मांग सरकार से बाहर किए गए सेहत मंत्री को मुख्यमंत्री द्वारा यूं ही बर्खास्त नहीं किया गया है बल्कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ विजय सिंगला विभाग के प्रत्येक खरीद आदि के काम एवं टेंडर के बदले 1 प्रतिशत कमीशन की वसूली कर रहे थे। अपनी सेहत सुधारकर सरकार का स्वास्थ्य बिगड़ने का काम कर रहे हेल्थ मिनिस्टर की शिकायत जब मुख्यमंत्री तक पहुंची तो उन्होंने गुपचुप तरीके से इस मामले की जांच कराई। मुख्यमंत्री द्वारा अधिकारियों को बुलाकर उनसे भी पूछताछ की गई। पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री को सीएम द्वारा तलब किया गया जिसमें मंत्री ने गलती मानी इसके बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें बर्खास्त कर सरकार से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
इस संबंध में मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से बताया गया है कि जब मेरे ध्यान में स्वास्थय मंत्री के भ्रष्टाचार का मामला आया कि इसमें मेरी सरकार का एक मंत्री हर टेंडर या उस विभाग की खरीद-फरोख्त में एक पर्सेंट कमीशन मांग रहा है तो मैंने इस मामले की गुपचुप तरीके से जांच कराई। क्योंकि इस मामले का केवल मुझे ही पता था जबकि विरोधी पार्टियों एवं मीडिया को इस संबंध में जानकारी नहीं थी। यदि मैं चाहता तो इस मामले को दबा सकता था लेकिन इससे लोगों का सरकार के प्रति विश्वास टूट जाता।
उन्होंने कहा है कि मैं उस मंत्री के खिलाफ सख्त एक्शन ले रहा हूं। जिसके चलते स्वास्थ्य मंत्री को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है और पुलिस को स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिए गए हैं।