ऐसा मुख्यमंत्री-जब एमएलए थे तो बढ़ती रही संपत्ति, अब हुए कर्जदार

संपत्ति में इजाफा होता रहा, लेकिन मुख्यमंत्री बनते ही उनकी संपत्ति में कमी आ गई है और वह कर्जदार भी हो गए हैं।

Update: 2022-02-01 10:34 GMT

नई दिल्ली। पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री जिस समय साधारण एमएलए और उसके बाद मंत्री रहे तो उनकी संपत्ति में इजाफा होता रहा, लेकिन मुख्यमंत्री बनते ही उनकी संपत्ति में कमी आ गई है और वह कर्जदार भी हो गए हैं।

दरअसल वर्ष 2012 के दौरान हुए विधानसभा चुनाव के वक्त नामांकन भरते समय चुनाव आयोग को दी गई जानकारी के मुताबिक पंजाब के मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की कुल संपत्ति 9 करोड़ 20 लाख रुपए थी और उनके ऊपर 17 लाख 72 हजार रुपए का कर्जा भी चढा हुआ था। वर्ष 2017 आते-आते उनकी संपत्ति बढ़कर 11 करोड 70 लाख रुपए हो गई और उनके सिर पर चढ़ा कर्ज का बोझ भी कम होकर 10 लाख 84 हजार रुपए रह गया। इसके बाद जब उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर पंजाब की बागडोर संभाली तो अब 2022 में चरणजीत सिंह चन्नी की संपत्ति घटकर 6 करोड 17 लाख रुपए रह गई है और उनके सिर के ऊपर 63 लाख 30 हजार रूपये का कर्जा भी चढ गया है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज चमकौर साहिब विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन किया है। सोमवार को उन्होंने राज्य की भदौर विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया था।

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