इंसान की खून में पहली बार मिले प्लास्टिक के टुकडे-वैज्ञानिक हुए हैरान

लोग रूपये बचाने के चक्कर में प्लास्टिक को जला रहे हैं जो प्रदूषण होने के बाद लोगों को काफी नुकसान पहुंचा देती है

Update: 2022-04-03 08:07 GMT

नई दिल्ली। अक्सर देखा जाता है कि कुछ लोग रूपये बचाने के चक्कर में प्लास्टिक को जला रहे हैं जो प्रदूषण होने के बाद लोगों को काफी नुकसान पहुंचा देती है, जिसको उनको अंदाजा भी नहीं रहता है। नीदरलैंड के कुछ वैजानिकों ने करीब दो दर्जन स्वस्थ लोगों के ब्लड सैम्पल लिये। वैजानिको को जांच में पता चला कि खून में माइक्रोप्लास्टिक है। वैज्ञानिक भी प्लास्टिक के कणों को देखकर हैरान रहे गये। वैज्ञानिकों ने फिलहाल इसकी जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

मिली जानकारी के अनुसार नीदरलैंड के वैजानिकों ने करीब 22 स्वस्थ लोगों के ब्लड सैम्पल लिये थे, जिनमें से करीब 17 लोगों के खून से माइक्रोप्लास्टिक मिले हैं। टेस्ट सैंपल में प्लास्टिक के कण निकलने से वैज्ञानिक भी चौंक गये। बताया जा रहा है कि जिन लोगों के खून सैम्पल लिये गये थे, वह सभी स्वस्थ थे। वैजानिकों का मानना है कि ऐसा काफी शॉकिंग और प्रदूषण के कारणवश हुआ है। जब व्यक्ति सांस प्रदूषण में सांस लेता है तो उसके शरीर के अंदर धूल के कण के रूप में प्लास्टिक अंदर चली जाती है, जिसके पश्चात बॉडी ऑर्गन्स को भीतर से जाम करने लगते हैं। ब्लॉक होने की वजह से यह काफी खतरनाक साबित होते हैं।

बताया जा रहा है कि खून में सर्वप्रथम पर ही माइक्रोप्लास्टिक मिला है। खून में माइक्रोप्लास्टि मिलने के पश्चात वैजानिक इसकी जांच में जुट गये हैं। काफी टाइम से प्लास्टिक जलाने के लिये मना किया जा रहा है लेकिन लोग इसको यूज करने से मान नहीं रहे हैं।

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